मेट्रो से लेकर हॉस्पिटल तक… बजट से दिल्ली के विकास को मिलेगी रफ्तार

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मेट्रो से लेकर हॉस्पिटल तक… बजट से दिल्ली के विकास को मिलेगी रफ्तार

मेट्रो से लेकर हॉस्पिटल तक… बजट से दिल्ली के विकास को मिलेगी रफ्तार

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने इस बार के बजट में जो सात प्राथमिकताएं तय की हैं, उनमें से एक है इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट। देश के ग्रोथ इंजन को गति देने वाले इस सेक्टर का एक अहम हिस्सा मेट्रो रेल परियोजनाएं हैं, जिन पर केंद्र सरकार का खासा फोकस रहा है। इस वक्त देश के 18 शहरों में मेट्रो ट्रेनें चल रही हैं और अगले 2 साल में 10 और शहरों में मेट्रो लाने की तैयारी है। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को रफ्तार देने वाले रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) को आम बजट में 3596 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। वहीं एम्स को छोड़कर इस बार केंद्र सरकार ने दिल्ली में अपने बाकी चारों अस्पतालों के बजट में इजाफा किया है, जबकि एम्स के बजट में कटौती की गई है। अमूमन हर साल एम्स के बजट में बढ़ोतरी ही होती रही है, लेकिन इस बार केंद्र ने अपने बाकी हॉस्पिटलों पर ज्यादा फोकस किया है।

मेट्रो परियोजना के लिए 19518 करोड़

दिल्ली में भी मेट्रो के चौथे चरण का कार्य प्रगति पर है। ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए बजट में अच्छी बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन इस मामले में थोड़ी निराशा ही हाथ लगी। पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले इस बार मेट्रो परियोजनाओं के बजट में केवल 2.7% की ही बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी भी केंद्र सरकार की हिस्सेदारी वाली मद में ही हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में जहां केंद्र सरकार ने मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 18998 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, वहीं 2023-24 के लिए कुल 19518 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें से 4471 करोड़ रुपये इक्विटी इन्वेस्टमेंट यानी मेट्रो परियोजनाओं में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी के रूप में दिए जाएंगे। पिछले साल इस मद में 3454.91 करोड़ रुपये मिले थे। हालांकि, सब-ऑर्डिनेट डेट यानी मेट्रो परियोजनाओं के लिए लोन और टैक्स की भरपाई के लिए केवल 1324 करोड़ रुपये ही मिलेंगे, जबकि पिछले साल इस मद में 1717.80 करोड़ दिए गए थे। इसी तरह जापानी एजेंसी जायका से लिए गए लोन के भुगतान के लिए पास-थ्रू असिस्टेंस के रूप में 13723 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि पिछले साल इस मद में 13825.29 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

RRTS को मिले 3596 करोड़

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रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) को आम बजट में 3596 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की टोटल लंबाई 82 किलोमीटर है। मेरठ-साहिबाबाद के बीच करीब 17 किलोमीटर का प्रायॉरिटी सेक्शन इसी साल चालू हो जाएगा। फिलहाल इस सेक्शन पर ट्रेनों का ट्रायल चल रहा है। एनसीआरटीसी ने बताया कि कॉरिडोर पर 14000 से अधिक मजदूर और 1100 इंजीनियर दिन-रात काम कर रहे हैं। कॉरिडोर के लिए अब तक 35 पर्सेंट अंडरग्राउंड (सुरंग) के अलावा और 65 पर्सेंट एलिवेटेड वायाडक्ट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। एनसीआरटीसी ने सरकार से प्रोजेक्ट के लिए जितनी धनराशि की डिमांड भेजी थी, बजट में उतनी धनराशि उपलब्ध करा दी है। हालांकि पिछले साल के बजट यानी साल 2021 में 4472 करोड़ रुपये और साल 2020 में 2487 करोड़ रुपये दिए गए थे।

AIIMS का बजट हुआ कम

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वित्त वर्ष 2023-2024 के बजट में केंद्र ने एम्स को पिछले साल की तुलना में 55.33 करोड़ रुपये कम आवंटित किए हैं। पिछले साल एम्स को 4190 करोड़ का बजट दिया गया था, जो इस बार घटकर 4134.67 करोड़ हो गया है। हालांकि एक्सपर्ट का कहना है कि एम्स के अलावा बाकी हॉस्पिटल्स को भी अच्छे बजट की जरूरत है, तभी वहां पर इन्फ्रास्ट्रक्चर और मेडिकल केयर में इजाफा हो सकेगा। एम्स का इस साल बजट कम जरूर हुआ है, लेकिन अभी भी बाकी चारों हॉस्पिटल को मिलाकर भी एम्स का ही बजट ज्यादा है। बाकी सभी हॉस्पिटलों को मिलाकर 4062.20 करोड़ का बजट होता है, जबकि एम्स को अकेले 4134.67 करोड़ दिए गए हैं।

दिल्ली के अन्य अस्पतालों का बढ़ाया बजट

दिल्ली के अन्य अस्पतालों का बढ़ाया बजट

केंद्र ने अपने पिटारे से सबसे ज्यादा धन की बढ़ोतरी इस बार आरएमएल के लिए निकला है। आरएमएल के बजट 176.38 करोड़ का बड़ा इजाफा किया है। पिछले साल आरएमएल का बजट 1095.80 करोड़ था जो इस बार 1272.18 करोड़ कर दिया है। इसके बाद सफदरजंग अस्पताल का 138.34 करोड़ इजाफा किया है। पिछले साल इसका बजट 1715 करोड़ था जो इस बार 1853.34 करोड़ कर दिया है। लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल के बजट में 58.15 करोड़ बढ़ाया है। पिछले साल 710 करोड़ बजट था जो इस साल 768.15 करोड़ कर दिया है। वहीं कलावती सरन हॉस्पिटल के बजट में 19.09 करोड़ का इजाफा हुआ है। पिछले साल इसका बजट 149.44 करोड़ था, जो इस बार बढ़कर 168.53 करोड़ रुपये हो गया है।

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