मुजफ्फरपुर पुलिस का अनोखा कारनामा, जानकर हो जाएंगे हैरान

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मुजफ्फरपुर पुलिस का अनोखा कारनामा, जानकर हो जाएंगे हैरान

मुजफ्फरपुर पुलिस का अनोखा कारनामा, जानकर हो जाएंगे हैरान


मुजफ्फरपुर: बिहार पुलिस आए दिन अपने कार्यशैली को लेकर सवालों के घेरे में रहती है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर थाना का है। जहां बीते 11 फरवरी को एक युवक का डेड बॉडी बरामद हुई थी। जिसको लेकर परिजनों ने मीनापुर थाना में आधा दर्जन लोगों को नामजद करते हुए मामला दर्ज करवाया था। पुलिस ने अपनी कागजी प्रक्रिया पूरी कर पोस्टमार्टम के बाद डेड बॉडी को सौंप दिया था। पुलिस अनुसंधान करने में जुट गई थी। परिजनों की ओर से मिले आवेदन के आलोक में पुलिस ने बिना जांच-पड़ताल के एक निर्दोष को गिरफ्तार कर लिया।

निर्दोष को भेजा जेल

पुलिस ने नामजद अभियुक्तों में से एक अशर्फी प्रसाद को 13 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया। कथित आरोपी को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उसके बाद पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया। पुलिस ने बताया कि मृतक युवक की पत्नी का राजेश कुमार नाम के युवक से प्रेम प्रसंग था। ये प्रेम प्रसंग मृतक को नागवार गुजर रहा था। जिस वजह से पत्नी के प्रेमी और युवक में कहासुनी हुई। उसके बाद धारदार हथियार से युवक की हत्या कर दी गई।

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खुलासे का दावा

पुलिस इस मामले के मुख्य अभियुक्त को गिरफ्तार करने के बाद अपनी पीठ थपथपा रही है। लेकिन सवाल उठता है कि मीनापुर थाना कांड संख्या 69 / 23 दिनांक 11/0 2/23 में परिजन के बयान पर आधा दर्जन लोगों पर केस दर्ज किया गया है। सबके ऊपर 302 201 / 34 / 120 बी आईपीसी के साथ-साथ अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। इतने दिन लोगों को परेशान होना पड़ा। अब जाकर पुलिस कह रही है कि हत्या प्रेम-प्रसंग में हुई है।

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पुलिस ने नहीं की जांच

सवाल सबसे बड़ा है कि बिना जांच के पुलिस ने नामजद अभियुक्तों को आनन-फानन में जेल भेज दिया। अब कह रही है कि आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। हत्या किसी और वजह से हुई है। सवाल ये है कि बेवजह बिना किसी अपराध के जो युवक जेल में रहा, उसका जिम्मेदार कौन है? स्थानीय लोगों में पुलिस की कार्यशैली को लेकर गुस्सा है। अब उन आधा दर्जन लोगों से पुलिस क्या कहेगी, जिनके खिलाफ बेवजह का मामला दर्ज हुआ है। डीएसपी अभिषेक आनंद ने कहा कि अनुसंधान के बाद ही कार्रवाई होनी चाहिए। थोड़ी चूक हुई है। पुलिस ने सफलतापूर्वक केस का उद्भेदन कर दिया है।

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लोगों में गुस्सा

पुलिस की इस कार्यशैली को लेकर लोगों में आक्रोश है। जानकार कहते हैं कि निर्दोष खुद को जेल भेजे जाने के मामले को लेकर कोर्ट में अपील करते हैं तो उन्हें पुलिस की ओर से मुआवजा देना पड़ेगा। किसी भी निर्दोष को आप जेल में नहीं रख सकते हैं। पुलिस की लापरवाही से काफी लोगों को परेशानी हुई है। कई रातें जेल में काटनी पड़ी है। अब पुलिस इसे छोटी सी भूल करार दे रही है। लेकिन पीड़ित चाहे तो पुलिस के खिलाफ आगे अपील कर मुआवजा ले सकते हैं।
रिपोर्ट-संदीप कुमार, मुजफ्फरपुर

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