मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी भी ED की रडार पर, बसपा के एक और सांसद पर भी तलवार | mukhtar ansari money laundering case two bsp mp afzal and atul on ed | Patrika News

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मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी भी ED की रडार पर, बसपा के एक और सांसद पर भी तलवार | mukhtar ansari money laundering case two bsp mp afzal and atul on ed | Patrika News

मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी भी ED की रडार पर, बसपा के एक और सांसद पर भी तलवार | mukhtar ansari money laundering case two bsp mp afzal and atul on ed | Patrika News

इस केस में सबूतों के पड़ताल के लिए ED के सामने 9 मई 2022 को प्रयागराज में बयान दर्ज कराया था। ED एक बार फिर से अफजाल को समन जारी करके उनसे पूछताछ करने की तैयारी में है।

मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने अपनी जांच के दायरे को बढ़ा दिया है। जिसने पूर्वांचल में मजबूत राजनीतिक दखल रखने वाले अंसारी परिवार की मुसीबतों को बढ़ा दिया है।

गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी और उनके करीबी साथी सांसद अतुल राय को ED जल्द ही नोटिस इश्यू करके पूछताछ कर सकती है। अफजाल ही मुख्तार के अवैध बिजनेस को देते थे पनाह, हमारे पास सबूत: ED

ED की ओर से दावा किया गया है कि अभी तक की जांच में हमारे पास कई सबूत लगे हैं। जांच में यह फैक्ट्स निकल कर सामने आया है कि अफजाल अंसारी ही मुख्तार, उसके बेटों और ससुराल के लोगों के अवैध बिजनेस को राजनीतिक संरक्षण दिलाते थे।

इन्वेस्टीगेशन में सहयोग न करने पर ईडी की टीम सांसद अफजाल को अरेस्ट भी कर सकती है। अभी कुछ दिनों पहले तक मुख्तार के फैमिली के बेहद करीबी कहे जाने वाले घोसी सीट से BSP के सांसद अतुल राय भी ED के निशाने पर हैं।

सांसद अतुल राय और मुख्तार अंसारी का एक ही बिजनेस, आता है खूब पैसा अतुल राय सांसद चुने जाने के बाद से ही जेल में बंद हैं। अतुल अभी प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद है। अतुल राय ने बिजनेस और पॉलिटिक्स की शुरुआत मुख्तार के परिवार से मिलकर ही की थी। मुख्तार और अतुल का बिजनेस भी एक ही था।

मुख्तार के परिवार की कंपनी मोबाइल टावर लगाने का काम करती है, जबकि अतुल राय की कंपनी मोबाइल टावर में तेल सप्लाई करती है। ED को है शक, अतुल की कंपनी हो सकती है मुख्तार की बेनामी संपत्ति

ED को इस बात का शक है कि अतुल की कंपनी भी मुख्तार के परिवार की बेनामी है। अतुल की कंपनी में अघोषित रूप से मुख्तार के फैमिली की बड़ी पार्टनरशिप हो सकती है। अब्बास और सरजील से हुई पूछताछ में भी ईडी को अतुल राय से जुड़े होने के बारे में बहुत जरुरी जानकारी मिली है।

पहले था बिजनेस रिलेशन, आपस में खूब होता था पैसे का लेनदेन2019 लोकसभा चुनाव में मुख्तार और अतुल राय में दूरियां बढ़ गई थी। पहले मुख्तार के फैमिली और अतुल राय में पैसे का लेनदेन भी होता था। ईडी को अब इस बात का पता लगाना है कि क्या मुख्तार के परिवार और अतुल राय के रिश्ते सचमुच खराब हो गए हैं या यह सिर्फ बच निकलने की तरकीब है।

अब उनके बीच क्या कोई बिजनेस रिलेशन हैं या नहीं या फिर पॉलिटिकल दिखावे के लिए दोनों ने एक दूसरे से दूरी बनाकर रखी हुई है। दो बाहुबलियों के बीच अब रिश्तों में खटास, पहले अतुल के गॉडफादर थे मुख्तार
ED का कहना कि आज दोनों के रिश्ते खराब भी हो गए हैं तो क्या हुआ। पहले दोनों के बीच कारोबारी रिश्ते और जरायम की दुनिया से लेकर पॉलिटिक्स की फील्ड में मुख्तार अंसारी का परिवार ही अतुल राय का गॉडफादर बना हुआ था।

ED की टीम जल्द ही प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल जाकर वहां सांसद अतुल का बयान दर्ज कर सकती है। एक के बाद एक ED की कार्यवाही से ऐसा लग रहा है जैसे मनी लांड्रिंग केस में ईडी की जांच के दायरे में सांसद अफजाल अंसारी और सांसद अतुल राय आ चुके हैं।

सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर जांच एजेंसी अफजाल अंसारी को गिरफ्तार भी कर सकती है। ED मऊ से सांसद अतुल राय का मनी लांड्रिंग केस में वारंट भी बनवा सकती है। जांच के रडार में आने के बाद सांसद अतुल राय की मुश्किलें बढ़नी तय है।

अभी अतुल राय को छात्रा के रेप के मामले में राहत मिली हुई है, लेकिन वह दूसरे मामले में जेल में है। ED ने अगर शिकंजा कसा तो अतुल का जेल से बाहर आना मुश्किल हो जाएगा।

ED की प्रयागराज यूनिट कर रही जांच, FCI के अफसरों पर हो सकती है कार्यवाई
मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच ईडी की प्रयागराज यूनिट कर रही है। ED अब्बास और सरजील को कोर्ट की परमिशन से 7 दिनों की कस्टडी रिमांड में लिए हुए हैं। अब्बास और सरजील का दो बार घंटों आमने सामने बैठाकर पूछताछ की जा चुकी है।

ED ने इस मामले में मुख्तार के परिवार की कंपनी के कुछ कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए समन जारी किया है। कंपनी के दो कर्मचारी भी शामिल हैं। ED ने फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया यानी FCI के अफसरों को भी अपने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है।

मुख्तार के परिवार ने पहले सरकारी जमीन पर कब्जा किया। फिर उसपर अवैध निर्माण कराया उसके बाद सरकारी जमीन पर बने घर को सरकारी विभाग FCI को ही किराए पर दे दिया था। ED पहले यह जान लेना चाहती है कि FCI को यह बात पहले से पता थी या फिर इस काली कमाई में उसके अधिकारी भी मिले हुए हैं। अगर ED बयान से संतुष्ट नहीं हुई तो FCI के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।



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