मित्र दलों को खत्म करना बीजेपी की रणनीति, नीतीश का फैसला सही, पवार का पलटवार

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मित्र दलों को खत्म करना बीजेपी की रणनीति, नीतीश का फैसला सही, पवार का पलटवार

मित्र दलों को खत्म करना बीजेपी की रणनीति, नीतीश का फैसला सही, पवार का पलटवार

मुंबई: एनसीपी (NCP) सुप्रीमों शरद पवार (Sharad Pawar) ने नीतीश कुमार के बहाने बीजेपी (BJP) पर जमकर निशाना साधा है। पुणे (Pune) में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव में साथ आना, मित्र दलों की सीटों को कैसे कम किया जाए इसका ध्यान देना और धीरे- धीरे मित्र दलों को खत्म करना, यही बीजेपी की रणनीति है। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बीजेपी के संग गठबंधन तोड़कर राजद आरजेडी (RJD) के साथ मिलकर सरकार स्थापना सरकार बनाने का फैसला लिया था आज नीतीश कुमार ने फिर से मुख्यमंत्री के रूप में शपथ भी ले ली है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shivsena) में फूट डाली जा सके ऐसी हालात पैदा किये। यह खेल बिहार (Bihar) में शुरू होने के पहले ही वह सावधान हो गए। उन्होंने गठबंधन तोड़ा और इस्तीफा दिया। आज बीजेपी नेता उनपर निशाना साध रहे हैं लेकिन उन्होंने बिल्कुल सही कदम उठाया है।

नीतीश का फैसला सही!
नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष ने ऐसा बयान दिया था कि क्षेत्रीय पार्टियों का कोई भविष्य नहीं है। वह वह एकजुट नहीं रहेंगी जबकि एकमात्र बीजेपी पूरे देश में सुरक्षित और एकजुट रहेगी। यही प्रतिक्रिया अकाली दल और अन्य मित्र दलों का भी यही मानना है कि बीजेपी उनके साथ रहने वाली पार्टियों को धीरे- धीरे खत्म करती है। शिवसेना- बीजेपी एकसाथ थे। लेकिन शिवसेना के इसी मित्र दल ने उसपर आघात किया। पवार ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में जन नेता के रूप में जाने जाते हैं। इसीलिए उन्होंने हालात को समझते हुए सही फैसला लिया और बीजेपी से किनारा कर लिया। सुशील मोदी ने कुछ दिन पहले कहा था कि शिवसेना ने धोका दिया था इसलिए शिवसेना में फूट डाली। इसी बात पर पवार ने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला।

सत्ता का केंद्रीकरण हो चुका है
शरद पवार ने कहा कि श्रीलंका में एक ही परिवार के हाथ में सत्ता थी राष्ट्रपति प्रधानमंत्री वित्त मंत्री सब एक ही परिवार के लोग थे श्रीलंका में सत्ता का केंद्रीकरण हो चुका था इसी वजह से लोगों के बीच में असंतोष बढ़ने लगा था जिसका परिणाम जनता ने अपने उसे से दिया श्रीलंका के जो हालात आज है वह 1 दिन या 1 महीने में नहीं बल्कि कई वर्षों में बने हैं।

सावधान रहने की जरूरत
पवार कहा कि बांग्लादेश में जो परिस्थिति बनी है। वही हालात पाकिस्तान में भी बन सकते हैं। हमारे देश के नेताओं को भी अपने पड़ोसी देशों के हालात पर नजर रखनी चाहिए। खास तौर पर नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल द्वारा ध्यान देने की सख्त जरूरत है। पवार ने कहा कि जहां सत्ता केंद्रित हो जाती है। वह इस तरह की समस्या भी खड़ी होना शुरू हो जाती हैं। भारत में भी राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता का केंद्रीकरण होने की शंका लोगों के मन में निर्माण हो रही है। हालांकि अभी हिंदुस्तान में श्रीलंका जैसी परिस्थिति होने के आसार नजर नहीं आते। बावजूद इसके हमें सावधान रहने की जरूरत है।

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