महाराष्ट्र सरकार के बाद संगठन भी न ‘छीन’ लें शिंदे, शिवसेना ने पदाधिकारियों से मांग लिया वफादारी का हलफनामा

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महाराष्ट्र सरकार के बाद संगठन भी न ‘छीन’ लें शिंदे, शिवसेना ने पदाधिकारियों से मांग लिया वफादारी का हलफनामा

मुंबईः महाराष्ट्र की महाविकास अघाडी सरकार को गिराने वाले शिंदे गुट के विद्रोह के बाद शिवसेना ने पार्टी के पदाधिकारियों से लिखित में वफादारी का हलफनामा या प्रतिज्ञा देने को कहा है। पार्टी पदानुक्रम में सबसे निचले स्तर उप-शाखा प्रमुखों से शुरू होने वाले सभी पदाधिकारियों को अगले दो दिनों में वफादारी की शपथ को पार्टी के मुख्यालय पर जमा करवाना है। शिंदे गुट के संगठन पर कोई दावा करने से रोकने के लिए पार्टी यह हलफनामा इकट्ठा करने में जुटी है। माना जा रहा है कि उद्धव और शिंदे खेमे के बीच शिवसेना पर दावेदारी को लेकर अगर कोई कानूनी जंग छिड़ती है, तो यह हलफनामा एक समाधान के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा।

शिवसेना ने शनिवार को वफादारी के हलफनामे का ड्राफ्ट पेश किया है। इसमें शिवसैनिकों को पार्टी के संविधान, बाला साहेब ठाकरे और पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के प्रति वफादारी की प्रतिज्ञा करने के लिए कहा गया है। मसौदे में लिखा है, ‘मुझे शिवसेना पार्टी के संविधान में पूर्ण निष्ठा और विश्वास है। इसके साथ ही आदरणीय हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना के संस्थापक स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे के निर्धारित आदर्शों और सिद्धांतों के प्रति अटूट श्रद्धा है।’

ड्राफ्ट में आगे लिखा है, ‘मुझे शिवसेना पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर पूरा भरोसा है और मैंने उन्हें बिना शर्त अपना समर्थन दिया है। मैं उद्धव ठाकरे के प्रति अपनी पूर्ण निष्ठा व्यक्त करता हूं और इस निष्ठा की पुष्टि करता हूं और गवाही देता हूं कि उनके नेतृत्व में मैं हमेशा शिवसेना के संविधान में निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए काम करूंगा।’

मुंबई के पश्चिमी उपनगर में काम करने वाले पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि उप शाखा प्रमुख शाखा प्रमुखों और उप विभाग प्रमुखों के अंडर काम करते हैं और इन दोनों के हेड विभाग प्रमुख होते हैं। सभी पार्टी पदाधिकारी अपने-अपने शपथ पत्र को विभाग प्रमुखों को सौपेंगे और विभाग प्रमुख इसे सेना भवन में पहुंचाने का काम करेंगे। उन्होंने बताया कि हमने अब तक 100 हलफनामे जुटा लिए हैं।

मुंबई में शिवसेना की लगभग 227 शाखाएं हैं और प्रत्येक शाखा में कम से कम दो उप-शाखा प्रमुख और एक शाखा प्रमुख हैं। प्रदेश भर में एक समान संगठनात्मक संरचना स्थापित की गई है। शिवसेना नेताओं ने बताया कि पार्टी ने यह कदम शिंदे के संगठन पर कब्जे को रोकने के लिए उठाया गया है। अगर उनका खेमा चुनाव आयोग (ईसी) के पास पार्टी संगठन पर अधिकार का दावा करने के लिए याचिका दायर करता है, तो ये हलफनामे काम आएंगे।

शिवसेना के पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी का चुनाव चिह्न चुनाव आयोग के पास पंजीकृत है। एक राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने और पार्टी का चुनाव चिन्ह प्राप्त करने के लिए कई शर्तों को पूरा करना पड़ता है, जिसमें विधानसभा और लोकसभा चुनावों में एक निर्धारित प्रतिशत वोट पाना भी शामिल है। शिंदे का खेमा जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, उससे साफ है कि वे जल्द ही सेना के मुख्य संगठन, जो कि शाखा नेटवर्क है, को पीछे छोड़ देंगे।

उन्होंने कहाकि शिवसेना अन्य दलों की तरह नहीं है। यह पहले एक ‘संगठन’ और फिर एक ‘पक्ष’ (पार्टी) है। सेना की असली संपत्ति उसका जमीनी नेटवर्क है। सबसे बड़ा शाखा नेटवर्क मुंबई में है और इसे अन्य शहरों में दोहराया गया है। सभी शाखाएं पार्टी की हैं। व्यक्तिगत विद्रोहियों की नहीं। इसलिए कानूनी लड़ाई होने की स्थिति में ये हलफनामे चुनाव आयोग को दिए जाएंगे।

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