मप्र बोर्ड मूल्यांकन में गड़बड़ी- विश्वास नहीं हुआ तो उत्तर पुस्तिका की नकल निकलवाई, तब कहीं जाकर खुली पोल | MP Board : 76 marks were found in the copy and the evaluator gave 56 | Patrika News

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मप्र बोर्ड मूल्यांकन में गड़बड़ी- विश्वास नहीं हुआ तो उत्तर पुस्तिका की नकल निकलवाई, तब कहीं जाकर खुली पोल | MP Board : 76 marks were found in the copy and the evaluator gave 56 | Patrika News

जानकारी के अनुसार, एमएलबी स्कूल में पढऩे वाली कक्षा 12वीं की छात्रा उन्नति खरे पिता प्रवीण खरे का जब कक्षा 12वीं का परिणाम आया तो उन्हें हिन्दी विषय की थ्योरी में कुल 56 अंक दिए गए थे। इन अंकों सहित छात्रा को पूर्णांक 500 में से 431 अंक मिले। लेकिन छात्रा उन्नति को यह विश्वास था कि उसके पेपर काफी अच्छे गए हैं और उन्हें 56 से ज्यादा अंक मिलने चाहिए।

कॉपी निकलवाने पर सामने आया सच
उन्नति के आत्मविश्वास को देखते हुए उनके अभिभावकों ने उनकी उत्तर पुस्तिका की कॉपी बोर्ड से निकलवाई। उत्तर पुस्तिका सामने आने पर पता चला कि मूल्यांकनकर्ता ने टैबुलेशन में गड़बड़ी कर दी थी और 20 अंक जोड़ में कम करते हुए उन्हें 56 अंक दिए थे जबकि उन्नति को उत्तरवार मिले अंकों का जोड़ 76 हो रहा था।

12वें पेज से हुई गड़बड़ी
छात्रा ने उत्तर पुस्तिका के अवलोकन में पाया कि हर पेज के उपर पिछले पेज का टोटल और चालू पेज में मिले अंक सहित दोनों को जोड़ लिखा जाता है, लेकिन 12वें पेज में मूल्यांकनकर्ता ने गड़बड़ी कर दी। इस पेज में 11वें पेज का टोटल 58 और चालू पेज का निल अंक का योग उसने 38 लिख दिया। इसके बाद अगले पेज में 38 के आधार पर अंक जोडऩे शुरू कर दिये।

जिससे टोटल कम हो गया। इतना ही नहीं मूल्यांकनकर्ता ने उत्तर पुस्तिका के मुख पृष्ट में भी लिखे अंकों को गंभीरता से योग नहीं किया। अगर ऐसा करता तो इसका योग भी 76 आता है। इस तरह उसने छात्रा के अंकों में गंभीर लापरवाही की।

3 साल के लिए होंगे बैन
मामले में एमएलबी की प्राचार्य कुमकुम भट्टाचार्य ने बताया कि रिटोटलिंग में अब छात्रा के अंक सही हो जाएंगे और उन्हें सही अंक की मार्कशीट भी मिलेगी। साथ ही मंडल के नियमानुसार मूल्यांकनकर्ता को फाइन लगने के साथ ही तीन साल के लिये मूल्यांकन से वैन किया जाएगा।





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