मध्यप्रदेश में चुनाव आयोग ने तेज की तैयारी, ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की ट्रेनिंग शुरू

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मध्यप्रदेश में चुनाव आयोग ने तेज की तैयारी, ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की ट्रेनिंग शुरू

मध्यप्रदेश में चुनाव आयोग ने तेज की तैयारी, ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की ट्रेनिंग शुरू

जबलपुर: कर्नाटक में विधानसभा (MP Elections News) के चुनाव संपन्न हो गए हैं। इसके बाद चुनाव आयोग ने एमपी विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। एमपी विधानसभा चुनाव में पांच महीने का वक्त बचा है। ऐसे में चुनाव आयोग ने अपनी व्यवस्थाएं दुरुस्त करनी शुरू कर दी है। ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की चेकिंग शुरू हो गई है। इसके साथ ही इसे लेकर अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। जबलपुर में चुनाव आयोग की तरफ से ईवीएम को लेकर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें 21 जिलों के अधिकारियों को बुलाया गया था।
दरअसल, चुनाव आयोग की तरफ से जबलपुर में बड़ा वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। इसमें 21 जिलों के डीएम और डिस्ट्रिक्ट रिटर्निंग ऑफिसर्स को बुलाया गया था। इसमें ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की ट्रेनिंग दी गई है। साथ ही फर्स्ट लेवल चेकिंग के बारे में भी जानकारी दी गई। मास्टर ट्रेनर्स ने बारीकी से मशीनों के बारे में अधिकारियों को समझाया है। इस दौरान राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन भी मौजूद रहे हैं। वर्कशॉप में कलेक्टर, उप जिला निर्वाचन अधिकारी और ईवीएम सुपरवाइजर शामिल रहे हैं। साथ चुनाव आयोग के ईवीएम डायरेक्टर भी मौजूद रहे हैं।

अधिकारियों को ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की टेक्निकल और एडमिनिस्ट्रेटिव सिक्योरिटी पर पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन दी है। वर्कशॉप में दमोह, पन्ना, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, सागर, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, सिवनी, नरसिंहपुर, कटनी, बालाघाट, मंडला, जबलपुर, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, सिंगरौली, सीधी, सतना और रीवा के अधिकारी शामिल हुए हैं।

चुनाव आयोग के अधिकारियों ने वर्कशॉप के दौरान ईवीएम मशीनें पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इनमें न तो इंटरनेट कनेक्ट हो सकता है और न ही रेडियो फ्रिक्वेंसी के जरिए इससे जुड़ा जा सकता है। आयोग ने कहा कि ईवीएम और वीवीपैट मशीनें सिर्फ तारों के जरिए ही आपस में जुड़ते हैं। मशीनों से अगर किसी प्रकार की छेड़छाड़ होती है ये तो खुद ही फैक्ट्री मोड में चली जाती है। इसके बाद इसे रिपेयर नहीं किया जा सकता है।

तीनों यूनिट आपस में तभी कनेक्ट हो सकते हैं, जब सिग्नेचर मैच कर जाए। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में नवंबर के अंत और दिसंबर की शुरुआत में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होती है। ऐसे में अभी कुछ ही महीने का वक्त बचा है। आयोग ने अपनी तरफ से तैयारियां तेज कर दी हैं। आने वाले कुछ दिनों में दूसरे क्षेत्र में ट्रेनिंग सत्र का आयोजन किया जाएगा।
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