मंगलवार को पटना पहुंचेंगे नए डीजीपी आरएस भट्टी, सारे एसपी से मांगी गई टॉप 10 क्रिमिनल की लिस्ट

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मंगलवार को पटना पहुंचेंगे नए डीजीपी आरएस भट्टी, सारे एसपी से मांगी गई टॉप 10 क्रिमिनल की लिस्ट

मंगलवार को पटना पहुंचेंगे नए डीजीपी आरएस भट्टी, सारे एसपी से मांगी गई टॉप 10 क्रिमिनल की लिस्ट

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बिहार में नया डीजीपी राजविंदर सिंह भट्टी (आरएस भट्टी) को बनाया गया है। भट्टी मंगलवार को राजधानी पटना पहुंचेंगे और डीजीपी का पदभार ग्रहण करेंगे। लेकिन सूबे की कमान उन्होंने अभी से ही संभाल ली है। बताया जा रहा है कि राज्य के सभी जिलों के एसपी से टॉप 10 अपराधियों की लिस्ट और जिले में अंडरवर्ल्ड को ध्वस्त करने का रोडमैप मांगा गया है। वर्ष 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी भट्टी फिलहाल सीमा सुरक्षा बल में अपर महानिदेशक (पूर्वी कमांड) के पद पर तैनात हैं। भट्टी का कार्यकाल 30 सितंबर, 2025 तक का है। भट्टी अभी दिल्ली में ही हैं। 

आरएस भट्टी पटना के सिटी एसपी के अलावा सीवान, पूर्णिया, बोकारो (अब झारखंड) समेत अन्य कई जिलों में बतौर एसपी रह चुके हैं। बाहुबली और सीवान सांसद रहे मो. शहाबुद्दीन को दिल्ली से गिरफ्तार करके लाने के कारण खासा सु्र्खियों में रहे थे। इसके अलावा सारण इलाके के दबंग नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह और मोकामा के पूर्व विधायक बाहुबली अनंत सिंह के बड़े भाई स्वर्गीय दिलीप सिंह पर इन्होंने अलग-अलग मामलों में शिकंजा कसा था। 

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मो. शहाबुद्दीन को दिल्ली से गिरफ्तार करके बिहार लाने का वाकया बेहद चर्चित है। वर्ष 2005 के विधानसभा चुनाव के दौरान वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटकर बिहार आये थे और उन्हें सारण डीआईजी का पदभार सौंपा गया था। उस समय फरार चल रहे बाहुबली शहाबुद्दीन के दिल्ली में रहने की सूचना मिली। तब वे पांच पदाधिकारियों की विशेष टीम बनाकर दिल्ली गये। वहां के द्वारका स्थित शहाबुद्दीन के फ्लैट की पहले रेकी की गई। फिर अपने साथ गई एक महिला सब-इंस्पेक्टर गौरी कुमारी को पहले घर के अंदर बिजली चोरी के मामले की जांच करने के बहाने से अंदर भेजा। 

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जब यह स्पष्ट हो गया कि बाहुबली अंदर ही हैं, तब पूरी टीम अंदर घुसकर शहाबुद्दीन को दबोच लिया। फिर बाहुबली को सुरक्षा कारणों से विशेष हेलीकॉप्टर से पटना लाया गया था। उस समय सुरक्षा कारणों से दिल्ली से पटना सड़क या रेल मार्ग से लाना बहुत असुरक्षित था। इसके बाद कुछ अन्य बाहुबलियों के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम देने के कारण सुरक्षा कारणों से फिर से उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाना पड़ा। केंद्र जाकर उन्होंने सीबीआई में अपनी सेवा दी।

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