भीखू म्हात्रे हो या भिखारी म्हात्रे! सुनील पॉल ने मनोज बाजपेयी पर साधा निशाना, क्या है वजह?

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भीखू म्हात्रे हो या भिखारी म्हात्रे! सुनील पॉल ने मनोज बाजपेयी पर साधा निशाना, क्या है वजह?

भीखू म्हात्रे हो या भिखारी म्हात्रे! सुनील पॉल ने मनोज बाजपेयी पर साधा निशाना, क्या है वजह?

साल 2021 की बात है। फिल्म क्रिटिक कमाल राशिद खान उर्फ केआरके ने फेमस एक्टर मनोज बाजपेयी के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने एक्टर को ‘चरसी’ और ‘गंजेड़ी’ तक कह दिया था। मनोज ने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद अब केआरके के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। ये भी कहा जा रहा है कि फेमस कॉमेडियन सुनील पाल की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं, क्योंकि उन्होंने भी एक्टर को ‘बदतमीज’ और ‘गिरा हुआ इंसान’ कहा था। तब मनोज ने पलटकर बोला था कि जिन लोगों के पास काम नहीं है, उन्हें मेडिटेशन करने की जरूरत है। अब 2 साल बाद एक बार फिर सुनील ने मनोज पर निशाना साधा है। उन्होंने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से एक्सक्लूसिव बात की और कहा कि मनोज और उनके जैसे लोग पैसों के भूखे और भेड़िए हो गए हैं। अब उनका पतन आ चुका है, क्योंकि वो टैलेंट छोड़कर अब गालियों का सहारा ले रहे हैं।

सुनील पाल (Sunil Pal) ने ये भी कहा कि मनोज बाजपेयी (Manoj Bajpayee) का जब भी आप इंटरव्यू देखो, पांच मिनट के इंटरव्यू में भी वो दारू पीने की बात करेंगे, नॉनवेज की बात करेंगे। कपिल शर्मा के शो में भी आए थे तो शर्मिला टैगोर उनको बोल रही थीं कि मनोज गाली-वाली मत देना इस इंटरव्यू में। सुनील ने तंज कसते हुए कहा कि क्या इमेज हो गई है उनकी। भीखू म्हात्रे हो या भिखारी म्हात्रे हो। मात्र भिखारी बनकर रह गए हो।

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पहले सुनील पाल ने की मनोज बाजपेयी की तारीफ
Sunil Pal ने पहले तो मनोज बाजपेयी की तारीफ की। उन्हें MBA कहा। यानी मनोज बाजपेयी एकेडमी। वो बोले, ‘मनोज बाजपेयी साहब का मैं बड़ा फैन हूं। मैं तो कहता हूं कि वो एक्टिंग नहीं, अपने आप में MBA हैं। मनोज बाजपेयी एकेडमी हैं अपने आप में। जैसे लोग MBA करते हैं, वैसे ही आप मनोज बाजपेयी को पढ़ेंगे तो आपको MBA करने की जरूरत नहीं पड़ेगी एक्टिंग में। इतना बढ़िया उनका अवतार है और हमेशा उन्होंने काम किया है।’

इसके बाद एक्टर पर खूब कसा तंज
इसके बाद सुनील ने मनोज पर तंज कसना शुरू किया। उन्होंने बताया कि क्यों वो अच्छे से बुरे बनते जा रहे हैं। वो आगे कहते हैं, ‘बस यही कहना चाहता हूं कि शुरू के 10 साल तो बहुत बढ़िया गुजरे मनोज बाजपेयी साहब के। ‘सत्या’ से लेकर ‘राजनीति’ तक बहुत अच्छा अच्छा काम किया उन्होंने। फिर उन्होंने अचानक अपना रुख बदल दिया। ओटीटी की तरफ। और उसमें उन्होंने हद से ज्यादा गालियां देना शुरू कर दिया। वल्गर बातें करनी शुरू की। हार्श बातें करनी शुरू की। आप कह सकते हो कि ओटीटी पर ये चलता है। ठीक है। उसके बाद मैं देख रहा हूं कि कुछ इंटरव्यूज कर रहे थे वो आपस में दोस्तों के साथ में। विजय राज के साथ में कर रहे थे कि तेरी फेवरेट गाली कौन सी है। विजय राज कह रहे थे कि मेरी फेवरेट गाली ये है। करके उन्होंने बहुत बड़ी गाली दी। फिर मनोज जी आपकी फेवरेट गाली कौन सी है तो मनोज जी ने कहा कि मेरी ये है। ऐसी ऐसी गालियां दे रहे थे। फिर उनकी खुद की होम प्रोडक्शन की फिल्म बनी थी ‘सात उचक्के’ वो पूरी गालियों से वल्गैरिटी से भरी हुई है। फिर गैंग्स ऑफ वासेपुर, जहां से उनकी री-एंट्री हुई, वो फिल्म उठा के देख लीजिए, गालियों से भरी है।’

मनोज बाजपेयी पर भड़के सुनील पाल
सुनील पाल ने ये भी कहा कि वो बहुत बड़े आर्टिस्ट हैं और गालियां देना उनपर शोभा नहीं देता है। वो कहते हैं, ‘मैं समझता हूं कि इतना बड़ा आर्टिस्ट जिनको हम लोग पसंद करते हैं और उनके काम की वजह से भीखू मात्रे और बड़े-बड़े कैरेक्टर उनके फेसम रहे, नेशनल अवॉर्ड मिले हैं उनको। इस वजह से सरकार ने उनको पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा है। लेकिन फिर जब ये ऐसा काम करते हैं तो बड़ी तकलीफ होती है, बड़ा दुख होता है, बड़ा दर्द होता है। तो मैं समझता हूं कि ऐसा नहीं करना चाहिए। अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर कहते हैं कि गालियां देना कूल है। एक इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी कह रहे थे कि गालियां देना कौन सी गलत बात है वो तो सामाजिक है। मैं कहता हूं कि कौन सा सामाजिक है भाई। आप मां के सामने बाप को गाली दे दोगे! बाप के सामने मां की गाली दे दोगे! क्यों ऐसी बहकी-बहकी बातें करते हो।’

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‘नाम फैमिली मैन है, लेकिन फैमिली मैन वाली कोई बात नहीं है’
कॉमेडियन ने मनोज को जवाब देते हुए कहा, ‘अभी उनसे पूछा गया मेरे बारे में कि सुनील पाल ने आपके बारे में ऐसा-ऐसा बोला तो कहते हैं कि जब काम नहीं मिलता है तो आपको मेडिटेशन करना चाहिए। तो भई हमें काम नहीं मिलता तो हम मेडिटेशन करेंगे। कम से कम आपकी तरह गाली तो नहीं देंगे। आपकी तरह गंदगी तो नहीं करेंगे। मनोज बाजपेयी साहब ये सब बेकार की बातें हैं। आपका रुतबा बहुत बड़ा है। आपका नाम बहुत बड़ा है। अच्छा काम कर रहे हैं। आपको लोग फॉलो करते हैं। उनकी जो ओटीटी की ‘फैमिली मैन’ है, उसमें इतनी गंदी भाषा में बात करता है बंदा। नाम फैमिली मैन है, लेकिन फैमिली मैन वाली कोई बात नहीं है उसमें।’

‘अपना काम बनता, भाड़ में जाए जनता!’
एक किस्सा शेयर करते हुए सुनील पाल ने बताया, ‘मैं राजपाल यादव के साथ शूटिंग कर रहा था तो उनको बोला गया कि आपको ये गाली देकर ये डायलॉग बोलना है, लेकिन उन्होंने मना किया। उन्होंने कहा कि मैं नहीं बोलूंगा, मेरा परिवार देखता है, अच्छा नहीं लगता। जब राजपाल यादव को और सबको ये समझ में आता है कि ये चीज परिवार देखेगी तो आपको क्यों नहीं समझ में आता है। क्या दर्शकों को अपना परिवार नहीं समझते आप? अपना काम बनता, भाड़ में जाए जनता, वाला हिसाब किताब करते हैं आप। तो ऐसा नहीं चलेगा। आप जो भी करते हैं, गंदा कर रहे हैं और बुरा कर रहे हैं। आप मुझे सजेशन मत दीजिए। मेडिटेशन की जरूरत आपको है। डिप्रेशन में आप हैं। मैं समझता हूं कि पैसों के भूखे और भेड़िये हो गए हैं ये मनोज बाजपेयी टाइप के लोग।’