भारत रत्न नहीं चाहिए, सावरकर के पोते सात्यकी की भूमिका से उद्धव ठाकरे गुट को लगा झटका

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भारत रत्न नहीं चाहिए, सावरकर के पोते सात्यकी की भूमिका से उद्धव ठाकरे गुट को लगा झटका

भारत रत्न नहीं चाहिए, सावरकर के पोते सात्यकी की भूमिका से उद्धव ठाकरे गुट को लगा झटका

मुंबई: वीर सावरकर (Veer Savarkar) को भारत रत्न देने की मांग कई सालों से उद्धव ठाकरे और उनके नेता करते रहे हैं। हालांकि, अब इस मुद्दे पर अब उनको तगड़ा झटका लगा है। सावरकर के पोते सात्यकी सावरकर ने कहा कि हमारे परिवार ने कभी यह मांग नहीं की है कि वीर सावरकर भारत रत्न (Bharat Ratna) दिया जाय। इस तरह की मांग करने की हमारी इच्छा भी नहीं है। अब तक सावरकर को भारत रत्न देने मांग कर शिवेसना भी सियासत करती थी। उद्धव ठाकरे गुट ने राहुल गांधी के बयान का विरोध किया था। महाविकास अघाड़ी में रहते हुए भी उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने राहुल गांधी के वक्तव्य पर अपनी असहमति दर्शाई थी। संजय राउत ने भी राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बयान पर आक्षेप लिया था। उद्धव गुट ने यह आरोप भी लगाया था कि बीजेपी (BJP) का सावरकर प्रेम नकली है। अगर बीजेपी को सावरकर से इतना ही प्यार है तो उन्हें भारत रत्न देने में देरी क्यों की जा रही है। सात्यकी सावरकर ने शिवसेना (Shivsena) के अलावा राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा दिखाया गया पत्र सही है लेकिन इसे माफीनामा नहीं कहा जा सकता। वहीं अंग्रेजों से सावरकर ने पेंशन नहीं बल्कि गुजारा भत्ता मांगा था।

महाविकास अघाड़ी में रहते हुए उद्धव ठाकरे वीर सावरकर को लेकर कांग्रेस की भूमिका पर ध्यान न देने की बात कही है। इस सवाल पर सात्यकी सावरकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे महाविकास अघाड़ी में रहें या बाहर जाएं, यह उनका निजी मामला है। अगर उन्हें साथ रहने से नुकसान होगा तो वह जरूर बाहर निकल जाएंगे लेकिन अगर उन्हें राजनीतिक फायदा होगा तो वह कांग्रेस के साथ रहेंगे। हालांकि, हमारे परिवार के किसी भी सदस्य ने वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग नहीं की है और हमारी इच्छा भी नहीं है। भारत रत्न की मांग राजनीतिक दल कर रहे हैं इसलिए यह राजनीतिक विषय है।

राहुल गांधी पर निशाना
राहुल गांधी के बयान पर निशाना साधते हुए सात्यकी सावरकर ने कहा कि सत्ता जाने के बाद इंसान उसे हासिल करने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकता है। राहुल गांधी भी वही कर रहे हैं। अगर सावरकर के विचारों का विरोध करना है तो वह विरोध की तरह होना चाहिए। इसके लिए किसी की बदनामी करना ठीक नहीं है। राहुल गांधी की भारत छोड़ो यात्रा फिलहाल महाराष्ट्र में है। तीन दिन पहले उन्होंने वीर सावरकर के संबंध में विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि सावरकर अंग्रेजों के लिए काम करते थे उनकी पेंशन लेते थे। हालांकि, राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने कड़ा ऐतराज जताया था और राहुल गांधी के खिलाफ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन हुआ था। यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के इस बयान के बाद महाविकास अघाड़ी में फूट भी पड़ सकती है।

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