भारत जोड़ो यात्रा पर राहुल ने बोली ये बड़ी बात | Not for political profit or loss, traveling is penance for me: Rahul | Patrika News
40 मिनट में 17 सवालों के जवाब
राहुल ने करीब 40 मिनट पत्रकारों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने अपनी तरफ से कोई बात नहीं की, बल्कि पत्रकारों की ओर से पूछे गए 17 सवालों के जवाब दिए।
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पत्रकारों के सवाल, राहुल के जवाब
सवाल: इस यात्रा से क्या आप मजबूत विपक्ष की ओर बढ़ेगे?
जवाब: यह मेरी जिम्मेदारी और तपस्या है। तपस्या किसी कारण से नहीं की जाती है। मुझे लगता है कि नफरत और हिंसा इस देश को नुकसान पहुंचाएगी। इसके खिलाफ कुछ करने की मेरी जिम्मेदारी है। यह भावना कांग्रेसी, गैर कांग्रेसी और भाजपा के कई लोगों की भी है। कुछ फायदा लेने के लिए यात्रा नहीं कर रहे हैं। मुझे इस यात्रा से कुछ न मिले, लेकिन मैं अपनी जिम्मेदारी निभाता रहूंगा।
सवाल: एमपी में सरकार गिराने वाले विधायकों के लिए क्या कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं?
जवाब: यह सवाल आपको पार्टी अध्यक्ष और एमपी की लीडरशिप से पूछना चाहिए। मेरा अपना मत है कि यदि वो विधायक पैसे से खरीदे गए हैं तो उन पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए।
सवाल: 2018 में आज ही के दिन एमपी में सरकार बनी थी, लेकिन सरकार नहीं संभाल सकें। आज के दिन ही फिर से सक्रियता दिख रही है। आगे इसे कैसे बरकरार रखेंगे?
जवाब- मैं नंबर पर भरोसा नहीं करता हूं, लेकिन कन्याकुमारी से एमपी तक जनता का प्यार और शक्ति इस यात्रा को मिली है। जब कन्याकुमारी से यात्रा शुरू हुई तो पहले कर्नाटक में दिक्कत के कयास लगाए। जब वहां यात्रा अच्छी निकली तो फिर कहा कि दक्षिण में ठीक है, लेकिन हिन्दी बेल्ट में समस्या होगी। महाराष्ट्र में सफल हुए तो एमपी और अब यहां ठीक है तो कहा जा रहा है कि राजस्थान में समस्या होगी। जबकि, यह यात्रा अब कांग्रेस से आगे निकल गई है। यह अब भारत की आंतरिक आवाज है। कोई नहीं कह सकता कि यह कहां पहुंचेगी और कहां नहीं जाएगी।
सवाल: ईडब्ल्यूएस आरक्षण के फैसले पर आपकी क्या राय है?
जवाब: इस यात्रा के पीछे स्पष्ट सोच है। भारत में फैलाई जा रही नफरत और हिंसा के सामने खड़े होना। जनता की आवाज को सुनना। इसके बाद बेरोजगारी और महंगाई बढऩे के खिलाफ। मैं राजनीतिक मुद्दे उठाकर यात्रा को डायवर्ट नहीं करना चाहता।
सवाल: करीब 2 हजार किमी यात्रा हो चुकी है। अब आप संगठन में किस तरह से बदलाव चाहते हैं?
जवाब: यह देश के लिए बेहद खराब समय है। भारत कभी डरपोक देश नहीं रहा। यह बहादुरों का देश रहा हैै। यहां विभिन्न तरह की संस्कृति है, करूणा, भाईचारा ही हमारी ताकत है। भाईचारा, प्यार फैलाना ही इस यात्रा का लक्ष्य है। इस यात्रा का राजनीतिक लक्ष्य नहीं है। यदि कोई राजनीतिक लाभ होंगे तो होंगे, लेकिन मेरा लक्ष्य यह नहीं है। मैं कांग्रेस, राज्यों के चुनाव, संगठन और राजनीतिक लाभ के बारे में नहीं सोच रहा हूं।
सवाल: सबसे सुखद पल कौनसा है?
जवाब: बहुत सारे सुखद पल हैं। एक नहीं कह सकता हूं। यात्रा के दौरान मेरे घुटने की पुरानी चोट उभर आई थी। दर्द ज्यादा था, लगा कि यात्रा कैसे होगी। मगर दृढ़ इच्छाशक्ति और आम लोगों की प्रेरणा से यात्रा जारी रखी। इस दौरान एक 6 साल की बच्ची आई और उसने एक चि_ी दी। जिसमें लिखा था कि मैं भी आपके साथ चलना चाहती हूं। मगर मैं बहुत छोटी हूं तो माता-पिता इजाजत नहीं दे रहे हैं। आपकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं। इससे बहुत प्रेरणा मिली। इसके साथ ही मेरी संयम शक्ति और सुनने की क्षमता बढ़ गई है।
सवाल: बेरोजगारी दूर करने का कांग्रेस के पास क्या फॉर्मूला है?
जवाब: भाजपा दो-तीन लोगों के हाथ में सारा व्यापार दे रही है। जबकि विकास की संभावना लघु व मध्यम उद्योग में है, जिन्हें सरकार ने खत्म कर दिया। इसलिए इन पर फोकस करने की जरूरत है। किसानों को सपोर्ट देने की जरूरत है। भाजपा-आरएसएस देश की आवाज नहीं सुन रही है। वह अपनी सोच से देश को चला रही है। मेरा मानना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की जिम्मेदारी है। इस पर सरकार का पैसा लगना चाहिए।
सवाल: सत्ता का रास्ता यूपी से जाता है, आप अमेठी से दोबारा चुनाव लड़ेगे?
जवाब: आप चाहते हैं कि अखबार कल यह बताएं कि मैं अमेठी से अगला चुनाव लडूंगा या नहीं? मैं चाहता हूं कि अखबार भारत जोड़ो यात्रा के फलसफे के बारे में लिखे। अमेठी से दोबारा चुनाव लडऩे के सवाल का जवाब साल-डेढ़ साल में मिल जाएगा।
सवाल: आप पर लगातार निजी हमले हो रहे हैं, इस पर क्या कहेंगे?
जवाब: भाजपा की समस्या यह है कि उन्होंने हजारों करोड़ रुपए मेरी इमेज खराब करने में लगा दिए। अब लोग सोचते हैं कि यह मेरे लिए नुकसानदायक है। जबकि सच्चाई मेरे हाथ में होने के चलते यह मेरे लिए फायदेमंद है। निजी हमले इसलिए आते हैं,
40 मिनट में 17 सवालों के जवाब
राहुल ने करीब 40 मिनट पत्रकारों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने अपनी तरफ से कोई बात नहीं की, बल्कि पत्रकारों की ओर से पूछे गए 17 सवालों के जवाब दिए।
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पत्रकारों के सवाल, राहुल के जवाब
सवाल: इस यात्रा से क्या आप मजबूत विपक्ष की ओर बढ़ेगे?
जवाब: यह मेरी जिम्मेदारी और तपस्या है। तपस्या किसी कारण से नहीं की जाती है। मुझे लगता है कि नफरत और हिंसा इस देश को नुकसान पहुंचाएगी। इसके खिलाफ कुछ करने की मेरी जिम्मेदारी है। यह भावना कांग्रेसी, गैर कांग्रेसी और भाजपा के कई लोगों की भी है। कुछ फायदा लेने के लिए यात्रा नहीं कर रहे हैं। मुझे इस यात्रा से कुछ न मिले, लेकिन मैं अपनी जिम्मेदारी निभाता रहूंगा।
सवाल: एमपी में सरकार गिराने वाले विधायकों के लिए क्या कांग्रेस के दरवाजे खुले हैं?
जवाब: यह सवाल आपको पार्टी अध्यक्ष और एमपी की लीडरशिप से पूछना चाहिए। मेरा अपना मत है कि यदि वो विधायक पैसे से खरीदे गए हैं तो उन पर भरोसा नहीं किया जाना चाहिए।
सवाल: 2018 में आज ही के दिन एमपी में सरकार बनी थी, लेकिन सरकार नहीं संभाल सकें। आज के दिन ही फिर से सक्रियता दिख रही है। आगे इसे कैसे बरकरार रखेंगे?
जवाब- मैं नंबर पर भरोसा नहीं करता हूं, लेकिन कन्याकुमारी से एमपी तक जनता का प्यार और शक्ति इस यात्रा को मिली है। जब कन्याकुमारी से यात्रा शुरू हुई तो पहले कर्नाटक में दिक्कत के कयास लगाए। जब वहां यात्रा अच्छी निकली तो फिर कहा कि दक्षिण में ठीक है, लेकिन हिन्दी बेल्ट में समस्या होगी। महाराष्ट्र में सफल हुए तो एमपी और अब यहां ठीक है तो कहा जा रहा है कि राजस्थान में समस्या होगी। जबकि, यह यात्रा अब कांग्रेस से आगे निकल गई है। यह अब भारत की आंतरिक आवाज है। कोई नहीं कह सकता कि यह कहां पहुंचेगी और कहां नहीं जाएगी।
सवाल: ईडब्ल्यूएस आरक्षण के फैसले पर आपकी क्या राय है?
जवाब: इस यात्रा के पीछे स्पष्ट सोच है। भारत में फैलाई जा रही नफरत और हिंसा के सामने खड़े होना। जनता की आवाज को सुनना। इसके बाद बेरोजगारी और महंगाई बढऩे के खिलाफ। मैं राजनीतिक मुद्दे उठाकर यात्रा को डायवर्ट नहीं करना चाहता।
सवाल: करीब 2 हजार किमी यात्रा हो चुकी है। अब आप संगठन में किस तरह से बदलाव चाहते हैं?
जवाब: यह देश के लिए बेहद खराब समय है। भारत कभी डरपोक देश नहीं रहा। यह बहादुरों का देश रहा हैै। यहां विभिन्न तरह की संस्कृति है, करूणा, भाईचारा ही हमारी ताकत है। भाईचारा, प्यार फैलाना ही इस यात्रा का लक्ष्य है। इस यात्रा का राजनीतिक लक्ष्य नहीं है। यदि कोई राजनीतिक लाभ होंगे तो होंगे, लेकिन मेरा लक्ष्य यह नहीं है। मैं कांग्रेस, राज्यों के चुनाव, संगठन और राजनीतिक लाभ के बारे में नहीं सोच रहा हूं।
सवाल: सबसे सुखद पल कौनसा है?
जवाब: बहुत सारे सुखद पल हैं। एक नहीं कह सकता हूं। यात्रा के दौरान मेरे घुटने की पुरानी चोट उभर आई थी। दर्द ज्यादा था, लगा कि यात्रा कैसे होगी। मगर दृढ़ इच्छाशक्ति और आम लोगों की प्रेरणा से यात्रा जारी रखी। इस दौरान एक 6 साल की बच्ची आई और उसने एक चि_ी दी। जिसमें लिखा था कि मैं भी आपके साथ चलना चाहती हूं। मगर मैं बहुत छोटी हूं तो माता-पिता इजाजत नहीं दे रहे हैं। आपकी यात्रा के लिए शुभकामनाएं। इससे बहुत प्रेरणा मिली। इसके साथ ही मेरी संयम शक्ति और सुनने की क्षमता बढ़ गई है।
सवाल: बेरोजगारी दूर करने का कांग्रेस के पास क्या फॉर्मूला है?
जवाब: भाजपा दो-तीन लोगों के हाथ में सारा व्यापार दे रही है। जबकि विकास की संभावना लघु व मध्यम उद्योग में है, जिन्हें सरकार ने खत्म कर दिया। इसलिए इन पर फोकस करने की जरूरत है। किसानों को सपोर्ट देने की जरूरत है। भाजपा-आरएसएस देश की आवाज नहीं सुन रही है। वह अपनी सोच से देश को चला रही है। मेरा मानना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की जिम्मेदारी है। इस पर सरकार का पैसा लगना चाहिए।
सवाल: सत्ता का रास्ता यूपी से जाता है, आप अमेठी से दोबारा चुनाव लड़ेगे?
जवाब: आप चाहते हैं कि अखबार कल यह बताएं कि मैं अमेठी से अगला चुनाव लडूंगा या नहीं? मैं चाहता हूं कि अखबार भारत जोड़ो यात्रा के फलसफे के बारे में लिखे। अमेठी से दोबारा चुनाव लडऩे के सवाल का जवाब साल-डेढ़ साल में मिल जाएगा।
सवाल: आप पर लगातार निजी हमले हो रहे हैं, इस पर क्या कहेंगे?
जवाब: भाजपा की समस्या यह है कि उन्होंने हजारों करोड़ रुपए मेरी इमेज खराब करने में लगा दिए। अब लोग सोचते हैं कि यह मेरे लिए नुकसानदायक है। जबकि सच्चाई मेरे हाथ में होने के चलते यह मेरे लिए फायदेमंद है। निजी हमले इसलिए आते हैं,