भगवान परशुराम जयंती पर हरियाणा में राजपत्रित अवकाश रहेगा: खट्टर

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भगवान परशुराम जयंती पर हरियाणा में राजपत्रित अवकाश रहेगा: खट्टर

भगवान परशुराम जयंती पर हरियाणा में राजपत्रित अवकाश रहेगा: खट्टर

चंडीगढ़, 11 दिसंबर (भाषा) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भगवान परशुराम जयंती को राज्य में राजपत्रित अवकाश घोषित किया है।

खट्टर ने भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम की स्मृति में रविवार को करनाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम ‘भगवान परशुराम महाकुंभ’ में यह घोषणा की।

परशुराम जयंती हर साल ‘अक्षय तृतीया’ के दिन मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, भगवान परशुराम की जयंती ‘वैसाख’ के महीने में ‘शुक्ल पक्ष’ की ‘तृतीया’ को पड़ता है, जो अप्रैल या मई में होती है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कैथल चिकित्सा कॉलेज का नामकरण भगवान परशुराम के नाम पर करने समेत कई अन्य घोषणाएं कीं।

खट्टर ने राज्य में एक पुरोहित कल्याण बोर्ड के गठन की भी घोषणा की, ताकि मंदिर के पुजारियों को एक निश्चित न्यूनतम वेतन मिल सके। इसके लिए पुजारियों के कुशल कार्यबल के अनुसार न्यूनतम मजदूरी दर तय की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहरावर की जमीन का मसला सुलझा लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘उक्त भूमि गौड़ ब्राह्मण महाविद्यालय को ही दी जायेगी। इस महाविद्यालय के लिए वर्ष 2022 से 2055 तक 33 वर्ष के लिए नया पट्टा करार किया जायेगा तथा पट्टे की दर नियमानुसार होगी।’’

गौरतलब है कि पहरावर गांव का मामला रोहतक के गौड़ ब्राह्मण एजुकेशनल ट्रस्ट को जमीन आवंटन से जुड़ा है, जो पिछले कई महीनों से अधर में लटका हुआ था।

बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने गौड़ ब्राह्मण आयुर्वेद महाविद्यालय में 100 सीट स्वीकृत करने की भी घोषणा की। इसके अलावा, उन्होंने एमडी और एमएस पाठ्यक्रम के लिए कुल 35 सीटों को मंजूरी दी।

खट्टर ने कहा कि वह भगवान परशुराम के नाम पर डाक टिकट जारी करने के लिए केंद्रीय रेल एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखेंगे।

उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संत किसी एक समाज या वर्ग के नहीं होते हैं और उनकी शिक्षाओं और विचारों को आज की युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक महापुरुषों की जयंती मनाई जा रही है।

खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले आठ साल में विभिन्न योजनाओं पर काम किया है जिसकी सराहना अन्य राज्यों में भी हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब मैंने 2014 में करनाल से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था, उस समय पिछली सरकारों में जातिवाद, क्षेत्रवाद और भाई-भतीजावाद का बोलबाला था। फिर हमने ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ का नारा दिया और राज्य आठ साल में इस पर खरा उतरा है।’’

इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़, रोहतक के सांसद अरविंद शर्मा और करनाल के सांसद संजय भाटिया भी मौजूद थे।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री चौबे ने कहा कि ब्राह्मण बलिदान का प्रतीक हैं, जो राष्ट्र निर्माण और सामाजिक कल्याण के लिए समर्पित हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने संतों और महापुरुषों के विचारों और शिक्षाओं को याद रखने और उनके प्रचार-प्रसार के लिए अनूठी पहल की है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास’ के मंत्र पर चलकर देशभर में समाज के कल्याण और उत्थान के लिए काम कर रहे हैं।

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