भगवान की खंडित मूर्तियां और पूजा सामग्री पेड़ के नीचे फेंक आते हैं? गाजियाबाद के इन सोसाइटी वालों से कुछ सीखिए

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भगवान की खंडित मूर्तियां और पूजा सामग्री पेड़ के नीचे फेंक आते हैं? गाजियाबाद के इन सोसाइटी वालों से कुछ सीखिए

भगवान की खंडित मूर्तियां और पूजा सामग्री पेड़ के नीचे फेंक आते हैं? गाजियाबाद के इन सोसाइटी वालों से कुछ सीखिए

इला कीर्ति, गाजियाबाद: पर्यावरण, नदियों और आस्था को बचाने के लिए वसुंधरा सेक्टर-3 एओए और एक सामाजिक संस्था ने मिलकर पहल की है। इन्होंने इंदिरापुरम, वसुंधरा और वैशाली की 11 सोसायटियों से पूजा सामग्री एकत्र कर उसे सम्मान के साथ विसर्जित करने का रास्ता खोज निकाला है। ये लोग पूजा सामग्री का निस्तारण जमीन में एक बड़ा गड्ढा बनाकर कर रहे हैं| इससे पहले उसे छांटा जाता है। प्लास्टिक या पॉलिथीन की चीजें अलग कर दी जाती हैं। यह मुहिम अक्टूबर में शुरू की गई थी। एसजी होम्स के एओए का कहना है कि अब तक 2500 किलो सामग्री इक्ट्ठा की गई है। जिसे नगर निगम के सहयोग से वैशाली सेक्टर-5 में बिजली के खंभों के पास गढ्ढा बनाकर दबाया गया, ताकि यहां कोई पैर न रखे।

अक्सर लोग भगवान की खंडित मूर्तियां, पूजा सामग्री, फूल माला इधर-उधर पेड़ के नीचे फेंक आते हैं। यह देख काफी लोग परेशान भी होते हैं। 10 साल पहले एनजीटी के आदेश पर नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए वहां मूर्ति विसर्जन और पूजा सामग्री डाले जाने पर भी रोक है। इसके बाद से घरों की पूजा सामग्री और मूर्तियां, फूल पत्ती के निस्तारण की समस्या शुरू हो गई थी| ऐसे में वसुंधरा की एक सामजिक संस्था नेचर मोंक्स और एसजी होम्स के एओए सचिव देवांश शर्मा ने अलग-अलग सोसायटी से पूजा सामग्री एकत्र करने की पहल की। देवांश बताते हैं कि हमने इस अभियान में 11 सोसायटियों को सोशल मीडिया ग्रुप्स के माध्यम से जोड़ा है। जब भी हमारी टीम ड्राइव करती है, उससे पहले हम समय और तारीख की जानकारी सोशल मीडिया ग्रुप्स में साझा कर देते हैं। जिस सोसायटी से हमारे पास कलेक्शन करने का संदेश आता है, हम गाड़ी भेजकर सामान कलेक्ट कर लेते हैं।

मंदिर में काफी पूजा सामग्री जमा हो जाती है। यह आस्था से जुड़ा मामला है। वहीं, भगवान के कपड़े, चुनरी, चोला वगैरहा कहां प्रवाहित किया जाए, इसकी समस्या होती है। इसलिए हमने इस पहल में योगदान दिया। आगे भी यह मुहिम चलती रहेगी तो प्रदूषण का खात्मा जरूर होगा। लोगों को भी यह संदेश जाना चाहिए कि ऐसा करने से श्रद्धा कम नहीं होती, क्योंकि नदियां पर्यावरण, जल जीवन हमारे लिए अहम है|

साधना सिंह, विजय अपार्टमेंट, इंदिरापुरम

2500 किलो सामग्री का किया निस्तारण
इंदिरापुरम, वसुंधरा और वैशाली की सोसायटियों से तकरीबन 2500 किलो सामग्री जमा की गई है| इसके बाद गाजियाबाद नगर निगम के सहयोग से एक पूरी ट्रॉली भरकर मूर्तियां, चित्र, दीया, नारियल, वस्त्रों का विसर्जन एक गड्ढे में किया गया| एओए सचिव देवांश ने बताया कि इसमें कम से कम 250 किलो प्लास्टिक निकला| वहीं, फूल-पत्तों को थैलियों से निकाल कर खाद बनाने के उपयोग में लिया गया| अगले साल 10,000 किलो पूजा सामग्री इकठ्ठा करने का लक्ष्य है| जीरो वेस्टेज की इस मुहिम में धीरे-धीरे लोग और सोसायटियां जुड़ती जा रही हैं। दरअसल, सारी पूजा सामग्री का निस्तारण एकसाथ नहीं किया जा सकता| इसलिए सभी सामानों को अलग-अलग वर्गीकृत कर दिया जाता है। प्लास्टिक और पॉलिथीन नगर निगम को रिसाइकल के लिए दिया जाता है। हमारी कोशिश है कि इसके ऊपर तुलसी वाटिका बनाएं और एलोवेरा के पेड़ लगाएं|

सामाजिक संस्था और नगर निगम के सहयोग से काफी बड़ी समस्या सुलझ गई। मूर्तियां तिरस्कार से बच गईं, नदियां गंदे होने से। हमारे आरडब्ल्यूए फेडरेशन ग्रुप में एक बार किसी ने पूजा सामग्री कलेक्शन का एक संदेश आया। उनसे संपर्क किया। निवासियों ने भी सहयोग दिया। हमने सामान से 16 किलो पॉलिथीन जमा किया| सोसायटी से 76 किलो मूर्तियां और 30 किलो दीये जमा किए।

संजय अवस्थी, कोणार्क एन्क्लेव, सेक्टर 17 वसुंधरा

इन सोसायटियों से एकत्र की पूजा सामग्री
एसजी होम्स, वसुंधरा सेक्टर 3
मनोकामना मंदिर, वसुंधरा सेक्टर-1,
ओलिव काउंटी, वसुंधरा सेक्टर-5
विजिया अपार्टमेंट, इंदिरापुरम
कोणार्क एन्क्लेव, वसुंधरा
शिवम, वसुंधरा सेक्टर 19
अर्जुन एन्क्लेव वसुंधरा सेक्टर 16
908, सेक्टर-15, वसुंधरा
अपैक्स सोसायटी, वसुंधरा सेक्टर 19
आउटसाइड मदन चक्की आटा शॉप, वसुंधरा सेक्टर-16
गार्डेनिया ग्लैमर, वसुंधरा सेक्टर-3

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