बोर्ड-निगमों में उपाध्यक्ष बने नेताओं को नहीं मिला मंत्री का दर्जा: पीड़ा आई बाहर, बिना पावर के कैसे करें काम? | boards and corporations’sVice President did not get minister status | Patrika News

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बोर्ड-निगमों में उपाध्यक्ष बने नेताओं को नहीं मिला मंत्री का दर्जा: पीड़ा आई बाहर, बिना पावर के कैसे करें काम? | boards and corporations’sVice President did not get minister status | Patrika News

बोर्ड-निगमों में उपाध्यक्ष बने नेताओं को नहीं मिला मंत्री का दर्जा: पीड़ा आई बाहर, बिना पावर के कैसे करें काम? | boards and corporations’sVice President did not get minister status | Patrika News

इनकी नाराजगी इस बात को लेकर है कि सरकार ने बोर्ड-निगमों और आयोगों के चेयरमैन को तो राज्य मंत्री और कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया लेकिन उपाध्यक्ष बनाए गए नेताओं को राज्य मंत्री और उप मंत्री का दर्जा नहीं दिया गया है, जिससे उपाध्यक्ष बनाए गए नेता बिना शक्तियों के ही काम कर रहे हैं। इसे लेकर अब बोर्ड-निगम और आयोगों में उपाध्यक्ष बनाए गए नेताओं की नाराजगी भी सामने आने लगी है।

तनख्वाह मिली पावर नहीं
हालांकि गहलोत सरकार ने बोर्ड-निगमों और आयोग में उपाध्यक्ष बन गए नेताओं को तनख्वाह और वेतन भत्ते के आदेश जुलाई माह में जारी किए थे लेकिन उन्हें किसी प्रकार की कोई शक्तियां नहीं दी गई हैं जिससे बोर्ड निगम आयोग के उपाध्यक्ष चाहकर भी कोई काम नहीं कर पा रहे हैं।

कई उपाध्यक्ष को बैठने के लिए कार्यालय तक नहीं
बोर्ड-निगमों में एडजस्ट किए गए कई उपाध्यक्ष तो ऐसे हैं जिनके पास बैठने के लिए कार्यालय तक नहीं है और उनसे मिलने आने वाले कार्यकर्ता और अन्य नेताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

तनख्वाह के लिए राजनीति में नहीं आए
इधऱ युवा बोर्ड के उपाध्यक्ष बनाए गए कांग्रेस नेता सुशील पारीक ने कहा कि वो राजनीति में तनख्वाह लेने नहीं आए थे। सरकार को बोर्ड निगमों के उपाध्यक्ष को पावर देनी चाहिए जिससे कि वो कांग्रेस कार्यकर्ताओं के काम कर सकें, जब पावर ही नहीं दी गई है तो फिर कार्यकर्ताओं के काम कैसे करेंगे।

मंत्री का दर्जा देने के लिए कई बार लगा चुके हैं सीएम तक गुहार
उपाध्यक्षों को राज्य मंत्री या फिर उप मंत्री का दर्जा देने के लिए बोर्ड-निगम और आयोग के उपाध्यक्ष कई बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष भी गुहार लगा चुके हैं। हालांकि मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से बोर्ड निगम और आयोगों के उपाध्यक्ष को उप मंत्री बनाने का आश्वासन दिया गया था लेकिन इसके आदेश अभी तक जारी नहीं हुए हैं। हालांकि जुलाई माह में सरकार ने बोर्ड निगम और आयोगों के उपाध्यक्ष के लिए वेतन, यात्रा और आवास सुविधा के लिए वेतन भत्ते के आदेश जारी किए थे।

उप मंत्री का दर्जा मिला तो मिलेंगी शक्तियां
वहीं दूसरी ओर अगर बोर्ड-निगम और आयोगों के उपाध्यक्ष को उपमंत्री का दर्जा दिया जाता है तो फिर उन्हें सरकारी वाहन, बैठने के लिए कार्यालय, सरकारी स्टाफ और मंत्रियों की तरह चिकित्सा सुविधाएं तक मिलने लगेंगी।

इन 23 नेताओं को बनाया था बोर्ड- निगमों और आयोगों में उपाध्यक्ष
1- दीपचंद खेरिया- उपाध्यक्ष-किसान आयोग
2-पंकज मेहता- उपाध्यक्ष–खादी ग्रामोद्योग बोर्ड
3-सचिन सरवटे—– उपाध्यक्ष—-अनुसूचित जाति आयोग
4-सुमेर सिंह——- उपाध्यक्ष———– गौ सेवा आयोग
5-डूंगरराम गेदर——उपाध्यक्ष——- माटी कला बोर्ड
6-सतवीर चौधरी—- उपाध्यक्ष——-राज्य क्रीड़ा परिषद
7-राजेश टंडन—— उपाध्यक्ष——–वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड
8-रामसहाय बाजिया- उपाध्यक्ष——- सैनिक कल्याण सलाहकार समिति
9-सांवरमल मेहरिया- —उपाध्यक्ष—— राजस्थान धरोहर संरक्षण प्रोन्नति प्राधिकरण
10-चुन्नीलाल राजपुरोहित– उपाध्यक्ष——- पशुधन विकास बोर्ड
11-किशनलाल जैदिया– -उपाध्यक्ष——— सफाई कर्मचारी आयोग
12-रमिला खड़िया— –उपाध्यक्ष————– अजजा आयोग
13-सुशील पारीक— –उपाध्यक्ष———– युवा बोर्ड
14-चतराराम देशबंधु—- उपाध्यक्ष——- घुमंतु अर्ध घुमंतु बोर्ड
15-जगदीश श्रीमाली—- उपाध्यक्ष———- श्रम सलाहकार समिति

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