बोचहां विधानसभा उपचुनाव: बीजेपी को वीआईपी ने फिर दिखाए तेवर, दावा छोड़ने से किया इनकार; सहनी बोले- ये हमारी दोस्ताना लड़ाई होगी

131

बोचहां विधानसभा उपचुनाव: बीजेपी को वीआईपी ने फिर दिखाए तेवर, दावा छोड़ने से किया इनकार; सहनी बोले- ये हमारी दोस्ताना लड़ाई होगी

बोचहां विधानसभा उपचुनाव को लेकर एनडीए के बीच दरार बढ़ती जा रही है। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शुरू से इस सीट पर अपना दावा कर रही है। वहीं बीजेपी ने वीआईपी को झटका देते हुए बेबी कुमारी को चुनावी मैदान में उतार दिया है। इसी बीच रविवार को मुकेश सहनी ने कहा कि 16 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए उनकी पार्टी मुजफ्फरपुर की बोचहां सीट पर अपना प्रत्याशी उतारेगी।

सहनी ने कहा, ‘यदि बीजेपी उनकी बात नहीं मानती है तो यह एक दोस्ताना मैच होगा।’ उन्होंने उम्मीद जताई की जनता दल (यूनाइटेड), जिसके नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बिहार में चुनाव लड़ा और सरकार बनाई, वह इस मुद्दे को हल करने के लिए कदम उठाएगी। हालांकि बीजेपी पहले ही बोचाहां से पूर्व विधायक और पार्टी की महासचिव बेबी कुमारी को अपना उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर चुकी है। पिछले साल नवंबर में वीआईपी विधायक मुसाफिर पासवान के निधन से यह सीट खाली हो गई थी।

रविवार को बिहार बीजेपी प्रमुख संजय जायसवाल ने वीआईपी प्रमुख से उपचुनाव में भाजपा को समर्थन देने और अपनी जिद छोड़ने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह सीट पार्टी और एनडीए सरकार के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि सहनी ने सीट पर अपना दावा दोहराते हुए कहा कि पार्टी ने दिवंगत विधायक के बेटे अमर पासवान को मैदान में उतारने का फैसला किया है। उन्होंने वीआईपी के राजद के साथ की अटकलों को भी खारिज कर दिया है। बिहार के मंत्री ने कहा, ‘वीआईपी एनडीए का हिस्सा है और रहेगी।’

इसी बीच जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा और वीआईपी के बीच चल रहे विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान पर जोर देते हुए कहा कि एक परिवार में असंतुष्ट पर पद छोड़ने का दबाव नहीं बनाना चाहिए। कुशवाहा ने कहा, ‘यदि स्थिति बनती है तो मैं एनडीए के दो घटक दलों के बीच मध्यस्थता करने का विकल्प चुनूंगा।’ वीआईपी ने यूपी में बीजेपी के खिलाफ 50 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस वजह से बीजेपी नेताओं का एक वर्ग सहनी से नाराज है और उनपर एनडीए छोड़ने का दबाव बना रहा है।

जहां बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर बचोल का कहना है कि सहनी के लिए एनडीए का दरवाजे बंद हो गए हैं। वहीं बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि जो कोई भी गठबंधन धर्म और एनडीए की संस्कृति का पालन नहीं करना चाहते वे गठबंधन से बाहर निकलने के लिए स्वतंत्र है। राज्य के प्रमुख विपक्षी दलों, राजद और कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा में देरी ने इस सीट पर चल रही लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि दोनों वीआईपी को समर्थन दे रही हैं।

राजद के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बोचहां सीट को लेकर सहनी ने लालू प्रसाद की सलाह पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव से बात की थी। एनडीए के पास 125 विधायकों का समर्थन है। यह सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ों से केवल तीन ज्यादा है और यह तीन सीट वीआईपी के पास हैं। एक राजनीतिक विश्लेषक और अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व प्रमुख, पटना विश्वविद्यालय, नवल किशोर चौधरी ने कहा, ‘यदि उपचुनाव में वीआईपी जीत जाती है तो यह सरकार के लिए काफी अहम होगा।’

हालांकि, चौधरी ने कहा कि वीआईपी सरकार को जोखिम में डालने और इस समय अपना मंत्री पद खोने का जोखिम नहीं उठा सकती। उन्होंने कहा, लेकिन भाजपा वीआईपी की निराधार मांगों और ब्लैकमेल की राजनीति को सहन करने के लिए तैयार नहीं है। खासकर से इस समय जब उसे पांच में से चार राज्यों में जीत मिली है।’ वहीं राजद विधायक और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भाई बीरेंद्र ने कहा कि यादव के एक या दो दिन में पटना पहुंचने पर पार्टी उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार को फाइनल करेगी। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि कांग्रेस का राजद के साथ कोई समझौता नहीं होगा और वह बोचहां पर अपना उम्मीदवार उतारेगी।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News