बॉर्डर से 5 किमी. तक खुदाई के लिए परमिशन जरूरी, भारतीय सेना ने पंजाब सरकार से कहा

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बॉर्डर से 5 किमी. तक खुदाई के लिए परमिशन जरूरी, भारतीय सेना ने पंजाब सरकार से कहा

बॉर्डर से 5 किमी. तक खुदाई के लिए परमिशन जरूरी, भारतीय सेना ने पंजाब सरकार से कहा

चंडीगढ़: भारतीय सेना ने पंजाब सरकार को सीमा के पास खनन को लेकर निर्देश दिया है। सेना के जारी निर्देश के मुताबिक बॉर्डर पर 5 किमी के भीतर अगर खनन करना है तो इसके लिए एनओसी का होना जरूरी होगा। सेना की ओर से कहा गया कि किसी भी तरह के खनन की इजाजत राज्य सरकार को एनओसी मिलने के बाद ही दी जाएगी। सेना ने पंजाब सरकार से यह भी कहा है कि वह इसे अपनी खनन नीति की शर्तों में भी शामिल करे। हालांकि 28 अगस्त के बाद से पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर खनन गतिविधियों पर हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है।

पंजाब में अवैध खनन को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की ओर से लंबित मामले में पंजाब के प्रधान सचिव (जल संसाधन, खनन और भूविज्ञान विभाग) कृष्ण कुमार को पत्र भेजा गया था। वेस्टर्न कमांड की ओर से 19 अक्टूबर यह पत्र लिखा गया था। जिसके अनुसार पंजाब में भारत-पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा (बीपी-1 से बीपी-274) से पश्चिमी तरफ और लाइन की गहराई तक किसी भी तरह की खनन गतिविधि सेना के रक्षा कार्यों और पूर्वी हिस्से में 500 मीटर से आगे की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

पश्चिमी कमान के आर्मी कमांडर की ओर से कर्नल, जनरल स्टाफ (ऑपरेशंस) कर्नल अनिंद्य चटर्जी के जरिए खनन को लेकर पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया कि पंजाब में सीमा पर 5 किमी के भीतर कोई भी खनन गतिविधि केवल एनओसी हासिल करने के बाद ही की जा सकती है। यह एनओसी किसी ऐसे अधिकारी के जरिए जारी की जानी चाहिए जो भारतीय सेना के ब्रिगेडियर या फिर उपयुक्त सीमा विशेष बल अधिकारियों के रैंक रखता हो। पत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया कि कानूनी या अवैध रेत खनन सेना की रक्षा तैयारियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। इस तरह का खनन विशेष रूप से सीमा पर सैन्य स्टेशनों और छावनियों के साथ-साथ रक्षा कार्यों के संचालन में बाधा बन रहा है।

हाई कोर्ट से पंजाब सरकार ने किया अनुरोध
पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट से सीमा पर खनन को लेकर अनुरोध किया है। जिसमें कहा गया है कि सीमा पर 16 खनन स्थलों में से छह में खनन करने की अनुमति दी जाए, ताकि राज्य में विकास कार्य बाधित न हो। 28 अगस्त से पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर खनन गतिविधियों पर उच्च न्यायालय का प्रतिबंध लगा हुआ है। पंजाब के तीन जिले जिसमे कि, पठानकोट (11 साइट), गुरदासपुर (3 साइट) और अमृतसर (2 साइट) हैं। यानी कुल मिलाकर कहें तो अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कुल 16 खनन स्थल हैं।

रावी नदी पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों के तीनों जिलों में बहती है। वहीं कृष्ण कुमार के जरिए हाई कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना ने पंजाब को इन 16 स्थलों में से छह में खनन गतिविधियों को करने की अनुमति दी है। इसके लिए पंजाब की ओर से विशेषज्ञों के तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया है। जिसमें सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता संजीव सूरी और राम लाल संधू और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ पर्यावरण वैज्ञानिक अरुण कक्कड़ शामिल हैं।

पैनल पठानकोट और गुरदासपुर जिलों में रावी नदी के प्रवाह पर खनन गतिविधियों के प्रभाव का व्यवहारिक अध्ययन करेगा। यह सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और अन्य विभागों के जरिए नदी के किनारे क्षेत्र में निर्मित बुनियादी ढांचे पर खनन के प्रभाव का भी अध्ययन करेगा। पंजाब ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि बीएसएफ के जरिए उठाए गए मुद्दों को सुलझा लिया गया है। बीएसएफ के इस अनुरोध पर भी विचार किया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के 2 किमी के भीतर क्रशर रात के दौरान काम नहीं करना चाहिए।

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