बीते सप्ताह पामोलीन, सीपीओ और सरसों तेल के भाव टूटने से तेल तिलहन में चौतरफा गिरावट

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बीते सप्ताह पामोलीन, सीपीओ और सरसों तेल के भाव टूटने से तेल तिलहन में चौतरफा गिरावट

बीते सप्ताह पामोलीन, सीपीओ और सरसों तेल के भाव टूटने से तेल तिलहन में चौतरफा गिरावट

नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) बीते सप्ताह विदेशी बाजारों में कच्चा पामतेल (सीपीओ), पामोलीन और सरसों तेल के दाम टूटने से देश भर के तेल-तिलहन बाजारों में लगभग सभी खाद्यतेल तिलहन कीमतों में चौतरफा गिरावट का रुख रहा।

बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में खाद्यतेलों के भाव टूटने से खाद्यतेल उद्योग, आयातक और किसान काफी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों में जिस कच्चा पामतेल (सीपीओ) का आयात लगभग 2,060 डॉलर प्रति टन के भाव पर आयातकों ने किया हुआ था, अब उसका कांडला बंदरगाह पर मौजूदा भाव 990 डॉलर प्रति टन रह गया है। ऐसे में बाकी तेल तिलहन कीमतों पर भी भारी दबाव है तथा आयातकों और तेल उद्योग के सामने गहरा संकट खड़ा हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक, थोड़ी बहुत पूंजी वाले कारोबारियों ने अब तेल कारोबार छोड़ने का मन बना लिया है। बैंकों में अपना साख पत्र (लेटर आफ क्रेडिट) रखने वाले कारोबारी ही बस खाद्यतेल कारोबार में अटके हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस गिरावट के बावजूद उपभोक्ताओं को गिरावट का यथोचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। खुदरा कारोबार में अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) थोक भाव के मुकाबले 40-50 रुपये अधिक रखे जाने से खुदरा व्यापारी ग्राहकों से अधिक कीमत वसूल रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि जब कांडला बंदरगाह पर सीपीओ 88 रुपये प्रति किलो पर बिकेगा तो उसके सामने अगले मार्च में आने वाली सरसों कहां खप पाएगी। आगामी रबी फसल के लिए सरकार द्वारा सरसों की नई फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने की संभावना को देखते हुए सरसों तेल का लागत मूल्य 125-130 रुपये प्रति लीटर रहने की उम्मीद है। सस्ते आयात के सामने देशी तेल तिलहन टिक नहीं पायेंगे। सरकार अधिकतम 20-30 लाख टन ही सरसों खरीद पायेगी लिहाजा बाकी सरसों की खपत पर सवाल खड़े होंगे।

सूत्रों ने कहा कि हरियाणा और पंजाब की मंडियों में बिनौला की नयी फसल आनी शुरु हो गयी है। पामोलीन तेल इतना सस्ता है कि इसके आगे बाकी तेल तिलहनों का टिकना असंभव हो गया है। सूरजमुखी तेल भी इस गिरावट के दबाव से बच नहीं पायेगा। अगले 15-20 दिनों में सोयाबीन की भी नयी फसल मंडियों में आने वाली है जिससे सोयाबीन में भी आगे और गिरावट आयेगी।

पिछले साल किसानों को सोयाबीन के लिए 10,000 रुपये प्रति टन का भाव मिला था। उन्होंने इस बार सोयाबीन के भाव घटकर 7,000 रुपये प्रति टन रह जाने से इसकी बिक्री कम भाव पर नहीं की लेकिन अभी सोयाबीन का भाव 5,200-5,300 रुपये प्रति टन पर आ गया है। इस वजह से किसानों के पास काफी स्टॉक बचा रह गया है। सोयाबीन का भी टूटना लगभग तय है।

खाद्य तेल कारोबारियों के मुताबिक, दूसरी सबसे बड़ी दिक्कत अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को लेकर है। थोक में कम मार्जिन पर बिक्री करने के बाद खुदरा कारोबारी एमआरपी की आड़ में इस तेल को लगभग 40-50 रुपये अधिक भाव पर बेचते हैं। जबकि यह एमआरपी वास्तविक लागत से 10-15 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिये। सूत्रों ने कहा कि सरकार के साथ बैठकों में खुदरा कारोबारी 50 रुपये से अधिक एमआरपी में अमूमन 10-15 रुपये तक की कमी करने को राजी हो जाते हैं लेकिन इससे वैश्विक खाद्य तेल कीमतों में आई गिरावट का लाभ ले पाने से उपभोक्ता वंचित ही रहते हैं।

सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 250 रुपये टूटकर 6,900-6,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल समीक्षाधीन सप्ताहांत में 800 रुपये टूटकर 13,550 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 130-130 रुपये गिरकर क्रमश: 2,150-2,240 रुपये और 2,180-2,295 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं।

सूत्रों ने कहा कि गिरावट के आम रुख के बीच समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज के थोक भाव क्रमश: 225 और 125 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 5,275-5,375 रुपये और 5,225-5,325 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतें भी गिरावट के साथ बंद हुई। सोयाबीन दिल्ली का थोक भाव 325 रुपये टूटकर 12,750 रुपये, सोयाबीन इंदौर का भाव 320 रुपये टूटकर 12,580 रुपये और सोयाबीन डीगम का भाव 210 रुपये लुढ़ककर 11,240 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

पामोलीन के भाव टूटने से समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहनों कीमतों में भी गिरावट आई। समीक्षाधीन सप्ताहांत में मूंगफली तिलहन का भाव 60 रुपये टूटकर 7,070-7,235 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल गुजरात 500 रुपये टूटकर 16,250 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ जबकि मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव 70 रुपये की गिरावट के साथ 2,715-2,905 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव 1,300 रुपये की भारी गिरावट के साथ 8,800 रुपये क्विंटल रह गया। जबकि पामोलीन दिल्ली का भाव 1,200 रुपये टूटकर 10,800 रुपये और पामोलीन कांडला का भाव 1,270 रुपये की गिरावट के साथ 9,680 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 1,500 रुपये टूटकर 12,300 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बंद हुआ।

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