बीजेपी के करप्शन पर कार्रवाई की मांग कांग्रेस विरोधी कैसे? अपने स्टैंड पर कायम पायलट

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बीजेपी के करप्शन पर कार्रवाई की मांग कांग्रेस विरोधी कैसे? अपने स्टैंड पर कायम पायलट

बीजेपी के करप्शन पर कार्रवाई की मांग कांग्रेस विरोधी कैसे? अपने स्टैंड पर कायम पायलट

जयपुर: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच का झगड़ा फिलहाल फुटबॉल बना हुआ है। एक तरफ अशोक गहलोत, सुखजिन्दर सिंह रंधावा और अन्य नेता सचिन पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी बता चुके हैं। दूसरी तरफ सचिन पायलट का कहना है कि भाजपा शासन में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग करना कांग्रेस विरोधी गतिविधि कैसे हो गया। पायलट अपने स्डैंट पर अभी भी कायम है। केन्द्रीय नेतृत्व के सामने भी सचिन पायलट ने यही बात दोहराई है। पायलट ने कहा कि भाजपा शासन में हुए करप्शन के खिलाफ राहुल गांधी ने संसद में बड़ा मुद्दा उठाया था। देशभर में कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर आन्दोलनरत है। ऐसे में वसुंधरा राजे के शासन में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ अनशन करना गलत कैसे हो सकता है।

पार्टी की रीति और नीति के खिलाफ नहीं गए: पायलट

सचिन पायलट ने अभी तक कांग्रेस में रहकर जो कदम उठाएं हैं, उन्हें कांग्रेस की रीति-नीति के खिलाफ नहीं कहा जा सकता। हां, यह सही है कि सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार से नाराज होकर एक दिन का अनशन किया था। पायलट का कहना है कि उन्होंने एक साल पहले 28 मार्च 2022 प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक को पत्र लिखा था। पत्र की प्रतिलिपि कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल को प्रेषित की थी। उस पत्र में वसुंधरा राजे कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई की मांग की थी।

पायलट की चिट्ठी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 2 नवंबर को पायलट ने मुख्यमंत्री को फिर एक पत्र लिखा। पायलट की ओर से लिखे गए पत्रों को कोई तवज्जो नहीं दिए जाने से आहत होकर सचिन पायलट ने जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन किया था। पायलट का कहना है कि उनका अनशन बीजेपी राज में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ था। इसे पार्टी विरोधी गतिविधि कहना उचित नहीं है।

पायलट के आरोपों का गहलोत ने हाईकमान को दिया जवाब

सचिन पायलट की ओर से लगाए गए आरोपों का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जवाब दिया है। प्रदेश प्रभारी सुखजिन्दर सिंह रंधावा के जरिए गहलोत ने पायलट के हर आरोप का अलग-अलग जवाब दिया। उन्होंने अपने जवाब में कहा कि जो कार्रवाई करनी थी, वो कर दी गई है। गहलोत के मुताबिक, सचिन पायलट को या तो कार्रवाई के बारे में जानकारी नहीं है या फिर वे जानबूझकर प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं।

अनशन के बाद फील्ड में लगाई आरोपों की जड़ी

सचिन पायलट की ओर से एक दिन का अनशन करने के बाद वे शांत नहीं बैठे हैं। तीन दिन के दिल्ली दौरे के बाद वे जयपुर लौटे। फिर शाहपुरा और झुंझुनूं गए। झुंझुनूं में आयोजित सभा में पायलट ने फिर से अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ जमकर बयान दिए। उन्होंने साफ कहा कि सवा चार साल से सत्ता में होने के बावजूद हम जनता से किए गए वादों को पूरा नहीं कर पाए। भ्रष्टाचार के जिन मुद्दों को लेकर जनता से वादा किया, उन वादों को पूरा किए बगैर फिर से जनता के बीच कैसे जाएंगे।

न तो डरने वाला हूं न ही पीछे हटने वाला हूं,झुंझुनू में सचिन पायलट की गरज से जनता में नया जोश

पायलट ने कहा कि प्रदेश की जनता ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही कांग्रेस को वोट दिया था। बार-बार पत्र लिखे जाने के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भ्रष्टाचार के मामलों पर कोई एक्शन नहीं लिया और ना ही जांच करवाई। इससे पहले जयपुर में मीडिया से रूबरू होने के दौरान पायलट ने यह भी कहा था कि कहीं गहलोत और राजे मिले हुए तो नहीं है।(रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

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