बीजेपी और DSGPC के सिख चेहरे बेअसर, MCD चुनावों में वेस्ट दिल्ली के ज्यादातर वॉर्डों में जीती आप

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बीजेपी और DSGPC के सिख चेहरे बेअसर, MCD चुनावों में वेस्ट दिल्ली के ज्यादातर वॉर्डों में जीती आप

बीजेपी और DSGPC के सिख चेहरे बेअसर, MCD चुनावों में वेस्ट दिल्ली के ज्यादातर वॉर्डों में जीती आप

नई दिल्ली:दिल्ली नगर निगम चुनाव में ‘मिनी पंजाब’ कहे जाने वाले वेस्ट दिल्ली के 85 पर्सेंट वॉर्डों में आप की अप्रत्याशित जीत ने सियासी धुरंधरों को भी हैरत में डाल दिया है। यहां सिख समुदाय के वोटरों ने आम आदमी पार्टी को जमकर वोट दिए। इसका सीधा संदेश यह है कि लोगों में बीजेपी को लेकर नाराजगी है, वहीं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (डीएसजीपीसी) के बीजेपी को खुले समर्थन के ऐलान का कोई फायदा नहीं हुआ।

मोती नगर से आगे बढ़ते हुए रमेश नगर, विष्णु गार्डन, चौखंडी, सुभाष नगर, हरि नगर, फतेह नगर, तिलक नगर, ख्याला, जनकपुरी साउथ… समेत अन्य सीटों पर आप उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। इन वॉर्डों में बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से लेकर मनजिंदर सिंह सिरसा के अलावा गुरुद्वारा कमिटी पर काबिज अकाली दल दिल्ली स्टेट (टोकरी) के प्रेजिडेंट हरमीत सिंह कालका, महासचिव जगदीप सिंह काहलों को प्रचार की कमाम सौंपी, लेकिन यहां के एक भी वॉर्ड में बीजेपी जीत नहीं दर्ज कर पाई। दूसरी तरफ, बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में फतेह नगर और जनकपुरी साउथ सीट से उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की लेकिन नॉमिनेशन से कुछ घंटे पहले कैंडिडेट्स बदले गए और गुरुद्वारा कमिटी मेंबर के परिवारों को टिकटें दी गईं। 100 नंबर वॉर्ड फतेह नगर से पूर्व पार्षद और मौजूदा डीएसजीपीसी मेंबर अमरजीत सिंह पप्पू ने अपनी पत्नी को मैदान में उतारा। यहां से उनकी पत्नी इंद्रजीत कौर 844 वोटों से हार गईं। वहीं 104 नंबर वॉर्ड जनकपुरी साउथ पर मौजूदा डीएसजीपीसी मेंबर रमनदीप सिंह थापर की पत्नी को टिकट मिली। वह 1424 से हार गईं। ऐसे में अकाली दल (बादल) से अलग हुए टोकरी वाले अकाली अपनी दोनों सीटें ही हार गए।

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सिख समुदाय के वोटिंग ट्रेंड पर डीएसजीपीसी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि सबसे पहले दिल्ली के सिखों ने गुरुद्वारा कमिटी की लीडरशिप को पूरी तरह से नकार दिया है। दूसरा, प्रधानमंत्री मोदी ने सिखों के लिए जो काम किए उनको लोगों तक सही तरीके से नहीं पहुंचाया, इसमें सिख सेल से लेकर नेता जिम्मेदार हैं। वहीं, जीके ने हाल ही अकाली दल छोड़कर बीजेपी में पहुंचे सिरसा पर हमला बोलते हुए कहा कि कैंपेन के दौरान ख्याला वॉर्ड में सिरसा ने कहा, ‘जो सिख बीजेपी को वोट नहीं देगा उसका खून सफेद होगा…’, इसका मैसेज भी गलत गया और लोगों ने इस वॉर्ड में आप उम्मीदवार को 8 हजार से ज्यादा के वोट अंतर से जिताया है। कुछ जानकारों ने कहा कि अभी बीजेपी लीडरशिप के पास टाइम है सिख चेहरों की सही से पहचान करना, अगर ऐसा नहीं हुआ तो 2024 के चुनाव में भी सिख वोट बैंक अन्य पार्टियों पर खिसक सकता है।

इन वजहों से भी बढ़ी नाराजगी

राजनीतिक जानकारों ने बताया कि राम रहीम को बार-बार पैरोल मिलना, बंदी सिखों की रिहाई के लिए कुछ नहीं बोलना, हरियाणा में अलग गुरुद्वारा कमिटी बनाना और दिल्ली गुरुद्वारा कमिटी के मेंबरों का बीजेपी नेताओं के साथ उठना-बैठना सिखों को रास नहीं आया। ऐसे में उन्होंने आप के उम्मीदवारों के पक्ष में वोट किया है।

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