बीएमसी चुनाव से पहले कर्ज के जरिए फेरीवालों तक पहुंच बना रही BJP, फिर मुंबई में हॉकर्स पॉलिसी पर खामोशी क्यों?

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बीएमसी चुनाव से पहले कर्ज के जरिए फेरीवालों तक पहुंच बना रही BJP, फिर मुंबई में हॉकर्स पॉलिसी पर खामोशी क्यों?

बीएमसी चुनाव से पहले कर्ज के जरिए फेरीवालों तक पहुंच बना रही BJP, फिर मुंबई में हॉकर्स पॉलिसी पर खामोशी क्यों?

मुंबई:मुंबई में फेरीवालों के लिए नीति कब लागू होगी, कितने फेरीवालों (Mumbai Hawkers) को फायदा मिलेगा, यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। वहीं मुंबई में पीएम स्वनिधि योजना के तहत 2 लाख फेरीवालों को कर्ज देने की योजना है। सरकार और बीएमसी प्रशासन का मानना है कि इससे फेरीवालों को अपना रोजगार बढ़ाने में मदद मिलेगी। बीएमसी चुनाव (BMC Election) से पहले बीजेपी इसके जरिए लाखों फेरीवालों तक पहुंचने की योजना बना रही है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने कहा कि मुंबई में एक महीने के भीतर 1 लाख फेरीवालों को इस योजना के तहत कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि 8 साल से लटकी हॉकर्स पॉलिसी मुंबई (Mumbai) में कब लागू होगी, इस पर उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। कराड ने कहा कि वह दूसरा विषय है। वहीं बीजेपी (BJP) नेता अपने-अपने क्षेत्र में कैंप लगा कर फेरीवालों को कर्ज दिलाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं।

लिया जाएगा चार प्रतिशत ब्याज
मुंबई महानगरपालिका मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कराड ने कहा कि फेरीवालों को इस योजना के तहत 10000 रुपये से लेकर 50000 रुपये तक का कर्ज मिल सकता है। फेरीवाले यदि नियमित रूप से ऋण अदायगी करते हैं तो यह ऋण भविष्य में 10 लाख तक लिया जा सकता है। योजना के तहत फेरीवालों से 4 प्रतिशत ब्याज वसूला जाएगा।

आठ साल में करीब दो गुने हुए फेरीवाले
खास बात यह है कि करीब आठ साल पहले किए गए सर्वे में 1.28 लाख फेरीवाले मिले थे। उसके बाद बीएमसी ने मुंबई में फेरीवालों का नया सर्वे नहीं कराया है, लेकिन दो लाख फेरीवालों को कर्ज देने का लक्ष्य रखा गया है। कराड ने कहा कि हॉकर्स को कर्ज दिलाने में बीएमसी की भूमिका महत्वपूर्ण है। हमारी कोशिश है कि फेरीवालों को कर्ज वितरण का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हो। राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी प्रयास कर रहे हैं कि पीएम इस कार्यक्रम में मौजूद रहें।

मुंबई के पड़ोसी फेरीवाले भी शामिल
मुंबई में फेरीवालों की संख्या को देखते हुए, हम चाहते हैं कि बड़ी संख्या में लाभार्थी इस योजना से लाभान्वित हों। इस प्रक्रिया में अब तक 60 हजार फेरीवाले शामिल हो चुके हैं। एक महीने के भीतर इस संख्या में एक लाख और फेरीवाले जुड़ जाएंगे। कराड ने कहा कि इस योजना में मुंबई के फल और सब्जी विक्रेता से लेकर मछली विक्रेता तक हर कोई भाग ले सकता है। मुंबई से सटी वसई-विरार, ठाणे, मीरा-भाईंदर, कल्याण-डोंबिवली और भिवंडी के लिए 50,000 फेरीवालों को योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है।

रजिस्ट्रेशन के लिए खोले 24 काउंटर
बीएमसी और बैंकों की मदद से इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को पहले की तुलना में सरल किया गया है। एक पेज का आवेदन करने की भी सुविधा दी गई है। बीएमसी ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में तेजी के लिए अलग-अलग स्थानों पर मुंबई में 24 काउंटर खोले हैं। कराड ने कहा कि फेरीवालों को बेहद कम दर पर कर्ज मिलने की सुविधा का लाभ उठाना चाहिए। हमारी सरकार की योजना के तहत फेरीवालों को भी वित्तीय लेन-देन में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि वर्ष 2014 में बीएमसी ने मुंबई में फेरीवालों का सर्वेक्षण किया था, जिसमें पता चला था कि मुंबई में 128443 फेरीवाले हैं।

इस संबंध में मुंबई के 24 वॉर्ड कार्यालयों में 99 हजार, 435 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। बीएमसी ने इसके लिए फेरीवाला समिति तथा 7 परिमंडल समितियों का गठन किया था। छानबीन के बाद 15 हजार, 361 फेरीवालों को पात्र घोषित किया गया था। लेकिन अब भी पात्र फेरीवालों का पुनर्वसन नहीं हो पाया है।

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