बीआईएफ ने निजी नेटवर्क को पिछले दरवाजे से प्रवेश देने के दावों को नकारा

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बीआईएफ ने निजी नेटवर्क को पिछले दरवाजे से प्रवेश देने के दावों को नकारा

बीआईएफ ने निजी नेटवर्क को पिछले दरवाजे से प्रवेश देने के दावों को नकारा

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| Updated: Jul 15, 2022, 8:29 PM

नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) दूरसंचार क्षेत्र के संगठन ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) ने शुक्रवार को कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी में निजी नेटवर्क के लिए बोली लगाने का सुझाव ‘‘बेहद तर्कहीन’’ है। इसके साथ ही बीआईएफ ने दो पूरी तरह से अलग सेवाओं- सार्वजनिक और निजी नेटवर्क के बीच समान अवसर की मांग करने के लिए प्रचारित की जा रही ‘‘भ्रामक बातों’’ का भी खंडन किया। दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के संगठन सीओएआई ने दावा किया था कि निजी 5जी नेटवर्क के लिए स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन निष्पक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ होगा। इस संगठन में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और

 

नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) दूरसंचार क्षेत्र के संगठन ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) ने शुक्रवार को कहा कि स्पेक्ट्रम नीलामी में निजी नेटवर्क के लिए बोली लगाने का सुझाव ‘‘बेहद तर्कहीन’’ है।

इसके साथ ही बीआईएफ ने दो पूरी तरह से अलग सेवाओं- सार्वजनिक और निजी नेटवर्क के बीच समान अवसर की मांग करने के लिए प्रचारित की जा रही ‘‘भ्रामक बातों’’ का भी खंडन किया।

दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के संगठन सीओएआई ने दावा किया था कि निजी 5जी नेटवर्क के लिए स्पेक्ट्रम का प्रशासनिक आवंटन निष्पक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ होगा। इस संगठन में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया शामिल हैं। यह बयान आने के एक दिन बाद बीआईएफ ने उक्त टिप्पणी की।

सीओएआई ने बृहस्पतिवार को कहा था कि निजी 5जी नेटवर्क (कैप्टिव नेटवर्क) के लिए सरकार की तरफ से स्पेक्ट्रम आवंटित करना सबको समान अवसर देने के सिद्धांत के खिलाफ होगा। इसके साथ ही सीओएआई ने वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए खुली निविदा के जरिये 5जी स्पेक्ट्रम की पारदर्शी नीलामी किए जाने के फैसले की सराहना भी की।

सीओएआई ने अपने बयान में कहा था कि कंपनियों के निजी इस्तेमाल के लिए सरकार की तरफ से 5जी नेटवर्क का आवंटन किया जाना सबको समान अवसर दिए जाने के सिद्धांत के खिलाफ है और यह बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को 5जी सेवाएं एवं समाधान देने के लिए पिछले दरवाजे से प्रवेश देने जैसा है।

उद्योग निकाय बीआईएफ ने इस तरह के तर्क को त्रुटिपूर्ण एवं भ्रामक कहते हुए इसका विरोध किया है। बीआईएफ ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि निहित स्वार्थों वाले लोगों ने सार्वजनिक नेटवर्क और कैप्टिव गैर-सार्वजनिक नेटवर्क के व्यापक रूप से अलग-अलग सेवा डोमेन के बीच एकसमान मुकाबले का तर्कहीन, भ्रामक और गलत दावा किया है। वे इस प्रगतिशील कदम को पटरी से उतारने का प्रयास कर रहे हैं।’’

उद्योग निकाय ने कहा कि निजी नेटवर्क को स्पेक्ट्रम आवंटित करने का मकसद उनकी दक्षता बढ़ाना है और वे वाणिज्यिक सार्वजनिक सेवाएं मुहैया कराने के लिए स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल नहीं करेंगी। इसलिए यह बात तर्कहीन है कि उन्हें नीलामी में स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगानी चाहिए।

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