बिहार BJP कार्यसमिति में Upendra Kushwaha और Jitan Ram Manjhi की भी होगी चर्चा! जानिए क्या है प्लानिंग

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बिहार BJP कार्यसमिति में Upendra Kushwaha और Jitan Ram Manjhi की भी होगी चर्चा! जानिए क्या है प्लानिंग

बिहार BJP कार्यसमिति में Upendra Kushwaha और Jitan Ram Manjhi की भी होगी चर्चा! जानिए क्या है प्लानिंग


आगामी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में महागठबंधन को टक्कर देने के लिए बिहार में एनडीए का कुनबा बढ़ाने की दिशा में बीजेपी काम कर रही है। दरभंगा में आयोजित दो दिवसीय कार्यसमिति की बैठक में इस पर चर्चा भी की जाएगी। बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

 

नीलकमल, पटनाः बिहार के वर्तमान राजनीतिक हालात और जनता दल यूनाइटेड के भीतर मचे घमासान को देखते हुए बीजेपी अब एनडीए का कुनबा बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। बीजेपी का मानना है कि 2024 लोकसभा चुनाव के पहले महागठबंधन के अंदर महाफूट हो सकती है जिसका सीधा फायदा उन्हें मिल सकता है। बीजेपी के सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार दिवंगत रामविलास पासवान के पुत्र और सांसद चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति (रामबिलास) आने वाले कुछ दिनों में एनडीए में शामिल हो सकती है। इसके अलावा विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी भी एनडीए में शामिल हो सकती है। बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि वीआईपी के सुप्रीमो मुकेश सहनी, बिहार प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में है। वे कभी भी एनडीए में शामिल हो सकते हैं। सूत्र ने यह भी बताया कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी भी एनडीए में फिर से शामिल होने के लिए तैयार बैठे हैं।

क्या उपेंद्र कुशवाहा से पहले ही हो चुकी है डील?

जनता दल यूनाइटेड संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बगावती सुर ने बिहार की सियासत में खलबली मचा रखी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक कह चुके हैं कि उन्हें जहां जाना है वे जा सकते हैं। सीएम के बयान पर उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि वह बिना अपना हिस्सा लिए पार्टी नहीं छोड़ने वाले। तो क्या उपेंद्र कुशवाहा के बगावती सुर के पीछे बीजेपी खड़ी है ? राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा ने भारतीय जनता पार्टी के साथ समझौता कर लिया है। अब वे नीतीश कुमार और उनकी पार्टी को कमजोर करने के बाद एनडीए में शामिल हो जाएंगे। राष्ट्रीय जनता दल के इस बात में कितना दम है जब इस पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से बात करने की कोशिश की गई तो जवाब में कहा गया कि आगे आगे देखिए होता है क्या।

बिहार में राष्ट्रवाद के जरिए जाति की राजनीति को खत्म करना चाहती है बीजेपी

बिहार में अगर राजनीतिक दलों की बात की जाए तो लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल को यादव और मुसलमानों की पार्टी कहा जाता है। मुस्लिम यादव गठजोड़ की वजह से ही लालू प्रसाद यादव ने बिहार में 15 साल तक राज किया था। दूसरी तरफ नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड, कुर्मी – कोइरी की पार्टी कही जाती है। ऐसा माना जाता है कि बीजेपी का साथ लेकर नीतीश कुमार ने कुर्मी कोइरी के दम पर ही अब तक का राजनीतिक सफर तय किया है। लेकिन बीजेपी इस बार देश के साथ-साथ बिहार में भी जातीय राजनीति के सभी समीकरणों को ध्वस्त करने के लिए राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाने वाली है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नेशन फर्स्ट का नारा दिया है। बीजेपी का मानना है कि समाज जैसे-जैसे शिक्षित हो रहा है वैसे वैसे उनके अंदर जातीयता की भावना खत्म हो रही है। लेकिन चुनावी लाभ पाने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा उनमें जातीयता की भावना भरने का काम किया जाता है। बीजेपी के एक बड़े नेता का कहना है कि राष्ट्रवाद की भावना ही देश से जात की राजनीति को खत्म कर सकती है।

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