बिहार में Amit Shah ने तैयार किया न्यू ‘Political Pitch’… क्या ‘बाउंसर’ और ‘टर्न’ झेलने के लिए तैयार है महागठबंधन?

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बिहार में Amit Shah ने तैयार किया न्यू ‘Political Pitch’… क्या ‘बाउंसर’ और ‘टर्न’ झेलने के लिए तैयार है महागठबंधन?

बिहार में Amit Shah ने तैयार किया न्यू ‘Political Pitch’… क्या ‘बाउंसर’ और ‘टर्न’ झेलने के लिए तैयार है महागठबंधन?


नीलकमल, पटना: पिछले साल यानी सितंबर 2022 में जब केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बिहार के सीमांचल इलाके का दौरा किया था। तब जेडीयू समेत महागठबंधन में शामिल तमाम राजनीतिक दलों ने यह आरोप लगाया था कि अमित शाह का बिहार दौरा सांप्रदायिक माहौल खराब करने और उन्माद फैलाने के लिए तय किया गया है। उसी वक्त अमित शाह ने क्या ऐलान किया था कि वह महीने में दो बार बिहार का दौरा किया करेंगे। 25 फरवरी 2023 को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह एक दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंच रहे हैं। उनके कार्यक्रम के विषय में जानकारी देते हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और संसद में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक डॉ संजय जायसवाल ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह के स्वागत के लिए बिहार पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने बताया कि 25 फरवरी को सुबह 11 बजे दिन में वे लौरिया के साहूजन मैदान में संबोधन करेंगे।

अमित शाह की धारदार प्लानिंग क्या है?
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि उसके बाद वे नंदनगढ़ जाएंगे। नंदन गढ़ में वे उस बौद्ध स्तूप का दर्शन करेंगे। जहां से राजकुमार सिद्धार्थ यानी महात्मा बुद्ध, अपने राजसी वस्त्रों को त्यागकर ज्ञान की खोज में निकले थे। इसके बाद पटना में आयोजित स्वामी सहजानंद सरस्वती जयंती समारोह सह किसान, मजदूर समागम में हिस्सा लेंगे। राजनीति के चाणक्य कहे जाने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे के पहले ही बीजेपी ने एनडीए के कुनबा बढ़ाने की पूरी तैयारी कर ली है। बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े कह चुके हैं कि अब नीतीश कुमार का साथ बीजेपी कभी नहीं लेगी। नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी लगभग असंभव है। यही वजह है कि ग्रुप में एनडीए का हिस्सा रहे उपेंद्र कुशवाहा को बीजेपी बिहार में आगे कर रही है। 20 फरवरी को ही उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार का साथ छोड़ अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल का गठन किया है। यह लगभग तय है कि पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री रह चुके उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी को एनडीए का हिस्सा बनाने जा रहे हैं।

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मांझी, चिराग और मुकेश भी जेडीयू का विकेट लेने को तैयार !

भारतीय जनता पार्टी के सूत्र ने बताया कि उपेंद्र कुशवाहा के अलावा केंद्र सरकार ने विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश साहनी को जेड कैटेगरी की सुरक्षा देकर यह बताने की कोशिश की है कि वीआईपी जैसी पार्टी भी एनडीए का हिस्सा बनने को तैयार है। इसके अलावा हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी भी एनडीए में शामिल होने के लिए एड़ी चोटी एक कर रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में जीतन राम मांझी भी एनडीए का ही हिस्सा होंगे। आपको बता दें कि दिवंगत रामविलास पासवान के भाई पशुपतिनाथ पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी पहले से ही एनडीए का हिस्सा है। रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति (रामविलास) भी आने वाले समय में NDA का पार्ट बन सकती है। यानी बिहार के राजनीतिक पिच पर जहां महागठबंधन के भीतर शामिल 7 दलों के गठबंधन की संख्या घटकर चार या पांच रह जाएगी। वहीं दूसरी तरफ एनडीए का कुनबा बढ़कर 6 पार्टियों का हो जाएगा।

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महागठबंधन के सामने संकट!

जनता दल यूनाइटेड जब से बीजेपी से अलग हुई है तभी से बीजेपी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए जेडीयू द्वारा सीट जीती गई सीटों पर नजर बनी हुई है। आपको याद दिला दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू और बीजेपी ने 17 – 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जिसमें से बीजेपी ने हंड्रेड परसेंट स्ट्राइक रेट के साथ सभी सीटों पर जीत हासिल की थी वही जेडीयू को सिर्फ किशनगंज सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। अभी बीजेपी की कोशिश जेडीयू के उन 16 संसदीय सीट पर कब्जा जमाने की है। इसके लिए बीजेपी ने एक रणनीति के तहत जो राजनीतिक पिच तैयार की है उसकी वजह से महागठबंधन को न सिर्फ बाउंसर झेलना पड़ेगा बल्कि मैसिव टर्न का भी सामना करना पड़ेगा। दरअसल, बीजेपी ने इस बार बिहार के 40 लोकसभा सीटों के लिए जो रणनीति तैयार की है उसके मुताबिक पार्टी यहां से कम से कम 36 से 38 के बीच में लोकसभा की सीट जीतना चाहती है।

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एक नजर वाल्मीकि नगर लोक सभा सीट की स्थिति पर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 25 फरवरी को वाल्मीकि नगर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। आपको बता दें कि वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट पर 2008 से ही एनडीए का कब्जा है। 2008 के पहले इसे बगहा लोकसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। बिहार में जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के एनडीए के कब्जे में रही इस सीट पर चार बार जेडीयू तो एक बार बीजेपी के उम्मीदवार जीत चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्या के बाद यानी 1984 के बाद से कांग्रेस को इस सीट पर लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। आपको यह भी बता दें कि 6 विधानसभा सीट वाले बाल्मीकि नगर संसदीय क्षेत्र में 17 लाख से अधिक मतदाता हैं। जो पिछले 5 लोकसभा चुनाव से एनडीए के पक्ष में मतदान करती आयी है।

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