बिहार में शिक्षकों के लिए बड़ी खबर: हजारों टीचर्स की नौकरी खतरे में…दिया हुआ वेतन भी वसूलेगी सरकार, जानिए पूरा मामला

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बिहार में शिक्षकों के लिए बड़ी खबर: हजारों टीचर्स की नौकरी खतरे में…दिया हुआ वेतन भी वसूलेगी सरकार, जानिए पूरा मामला

हाइलाइट्स

  • बिहार में हजारों शिक्षकों की नौकरी पर मंडराया खतरा
  • 20 जुलाई तक शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना था सर्टिफिकेट
  • जिन शिक्षकों ने नहीं दिए सर्टिफिकेट…उनकी जाएगी नौकरी
  • दिया गया वेतन भी वसूलने की योजना बना रही सरकार

पटना
बिहार में हजारों शिक्षकों की नौकरी (Bihar Teachers Recruitment) कभी भी जा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि शिक्षा विभाग की ओर से पोर्टल पर टीचर्स को शैक्षणिक और प्रशिक्षण संबंधी जरूरी सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए कहा गया था। इसमें 21 जून से 20 जुलाई तक शिक्षकों को सर्टिफिकेट अपलोड करना था। हालांकि, अलग-अलग जिलों के करीब 8 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने विभाग के पोर्टल पर अपने सर्टिफिकेट अपलोड नहीं किए हैं। ऐसे में सरकार अब इन टीचर्स पर कार्रवाई की तैयारी में हैं।

सर्टिफिकेट अपलोड नहीं करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक, सरकार ऐसे शिक्षकों को नौकरी से निकालने के साथ ही उन्हें अब तक दिया गया वेतन भी वसूलेगी। कहा ये भी जा रहा कि जिन शिक्षकों ने निगरानी जांच के लिए सर्टिफिकेट अपलोड नहीं किए उन्होंने फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए नौकरी हासिल की है। यही वजह है कि अब जांच को लेकर उन्होंने सर्टिफिकेट नहीं दिए हैं। फिलहाल पूरा मामला क्या है, किसने गलत तरीके से नौकरी हासिल की, ये तो उनकी ओर से दिए सर्टिफिकेट की जांच के बाद स्पष्ट होगा।

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शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करने थे सर्टिफिकेट
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, विभिन्न जिलों से करीब 90 हजार शिक्षकों को सर्टिफिकेट अपलोड करना था। हालांकि, इसमें से 8 हजार से ज्यादा शिक्षकों ने अपने सर्टिफिकेट शिक्षा विभाग को पोर्टल पर अपलोड नहीं किए। तय समय खत्म होने के बाद अब विभाग इन शिक्षकों को नौकरी से हटाने की प्रक्रिया अपनाने जा रहा है। वहीं जिन शिक्षकों ने अपने सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड किए हैं, उनकी जांच भी तेजी से आगे बढ़ रही है। जिससे पता चल सके कि उनके सर्टिफिकेट सही हैं।

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ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी में सरकार
ध्यान रहे पटना हाईकोर्ट के आदेश पर साल 2006 से 2015 के बीच बहाल किए गए सभी साढ़े तीन लाख से ज्यादा शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच की जिम्मेदारी निगरानी विभाग को दी गई। इसी के बाद शिक्षा विभाग ने टीचर्स को 20 जुलाई तक अपने सर्टिफिकेट अपलोड करने के लिए कहा था। साथ ही विभाग ने ये भी कहा था कि जो शिक्षक सर्टिफिकेट नहीं देंगे तो ये माना जाएगा कि उनकी बहाली गलत तरीके से हुई है।



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