बिहार के ‘दिल’ में ही हो रहा धर्म परिवर्तन का खेल, एंटी कंवर्जन लॉ पर सरकार मौन क्यों?

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बिहार के ‘दिल’ में ही हो रहा धर्म परिवर्तन का खेल, एंटी कंवर्जन लॉ पर सरकार मौन क्यों?

बिहार के ‘दिल’ में ही हो रहा धर्म परिवर्तन का खेल, एंटी कंवर्जन लॉ पर सरकार मौन क्यों?

पटना : बिहार में धर्मांतरण का खेल तेजी से जारी है। वैसे तो सरकार इन मुद्दों पर मौन है और ये मानने को तैयार ही नहीं कि धर्मांतरण का खेल सरकार की आंखों के सामने खेला जा रहा है। वैसे तो धर्मांतरण देश के नौ राज्‍यों में एंटी कंवर्जन लॉ यानी धर्मांतरण निरोधी कानून लागू है। देखा जाए तो बिहार से सटे सभी राज्‍यों में धर्मांतरण प्रतिबंधित है। जिसमें उत्‍तर प्रदेश, उत्‍तराखंड, झारखंड, ओडिशा, मध्‍य प्रदेश, छ‍त्‍तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक हरियाणा शामिल हैं। मगर राजधानी पटना से सटे पालीगंज धर्मांतरण का ताजा उदाहरण सामने आया है। जहां चंगाई सभा का आयोजन किया जा रहा है। भोले भाले अनपढ़ हिंदुओं का धर्मांतरण कराया जा रहा है। जिसपर बिहार की सरकार मौन है। सत्‍ता और महागठबंधन की सरकार चुप्‍पी साधे है। धर्मांतरित होकर ईसाई धर्म में शामिल होने वाली महिलाओं के माथे पर सिंदूर है। बदन पर साड़ी है। मगर इनके पूजा के शब्‍दों में भगवान के नाम अलग हैं। इन महिलाओं का कहना है कि वो जब से ईशू के साथ जुड़ीं हैं तब से उनका सारा दुख खत्‍म हो गया है।
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सैंकड़ों महिलाओं ने छोड़ा हिंदू धर्म
पालीगंंज के सेहरा गांव में सैंकड़ों परिवारों ने हिंदू धर्म छोड़ दिया है। उन्‍होंने हाथ में बाइबल उठा ली है और शिव चर्चा और सत्‍यनारायण कथा की तरह परमेश्‍वर की चर्चा कर रही हैं। आस पास के लोगों का कहना है कि पैसे लेकर और धर्म बदलने का लालच देकर इन महिलाओं के जरिए पूरे परिवार का धर्मांतरण कराया जा रहा है। जिसके लिए सत्‍संग की तरह ही ईसा मसीह की प्रार्थना की जा रही है। पालीगंज के सेहरा गांव में एक घर में परमेश्‍वर की पूजा की जा रही है।
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महिलाएं धर्मांतरण मानने को तैयार नहीं
जब इन महिलाओं से पूछा गया कि वो क्‍या कर रही हैं। तो उन्‍होंने ने बताया कि वो परम पिता परमेश्‍वर की शरण में हैं। एक महिला से जब यह पूछा गया कि क्‍या यहां धर्मांतरण हो रहा है, आपने अपना धर्म बदल लिया है? तो उन्‍होंने कहा कि जो सच है वो सच है। जो लोग परमेश्‍वर को जानेंगे वो सही मानेंगे। मांंग में सिंदूर, हाथ में चूड़ी बदन पर साड़ी पहले इस महिला का कहना है परमेश्‍वर गलत नहीं हैं। हम लोग अपने मर्जी से परमेश्‍वर की पूजा कर रहे हैं।
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पूजा का तरीका हिंदू बस बदल गए भगवान
ईशा मसीह की पूजा करने वाली ये महिलाएं हिंदू हैं। मांग में सिंदूर, हाथ में चूड़ी है। पूजा पाठ करने वाली इन महिलाओं के पूजन का तरीका वही है। मगर ईश्‍वर का नाम बदल गया है। ईशू और अपने परम पिता परमेश्‍वर की पूजा वो बिल्‍कुल वैसे ही कर रही जैसे शिव चर्चा और सत्‍यनारा कथा होती जाती है। मगर ईश्‍वर के नाम की जगह परमेश्‍वर का नाम ले रही हैं।
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प्रलोभन देकर किया जा रहा धर्मांतरण
धर्मांतरित हुई महिलाओं ने अपने घर में आस-पास की म‍हिलाओं और बच्‍चों को बुला रखा है। वो परमेश्‍वर की पूजा कर रही हैं। उन्‍होंने बताया ये बाइबल है। परमेश्‍वर उनके दुखों हर रहे हैं। बताते चलें कि उनके इस परमेश्‍वर पूजा में छोटे बच्‍चे भी शामिल हो रहे है। इस पर हिंदू संगठनों ने नाराजगी जा‍हिर की है। धर्म सभा सदस्‍य सुरेश कश्‍यप कहते हैं कैथलिक चर्च कुर्जी के माध्‍यम से लालगंज में धर्मांतरण किया जा रहा है। महिलाओं का धर्मांतरण प्रलोभन देकर किया जा रहा है। उनके अंदर हिंदू धर्म के खिलाफ बातें भरी जा रही हैं।

बहला फुसलाकर हो रहा धर्मांतरण
बिहार में हिंदुओं को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण करने का मामला कई बार सामने आ चुका है। कई ऐसे मामले आए हैं, जिसके बाद काफी विरोध भी हुआ। एक खास एजेंडा के तहत बिहार जैसे राज्यों में धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है। आंकड़े बताते हैं कि बिहार में ईसाई की संख्या में 143.23 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।

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