बिहारः कैंसर मरीजों को बड़ी राहत, छह और मेडिकल कॉलेजों में कीमोथेरेपी होगी; तेजस्वी यादव ने किया ऐलान

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बिहारः कैंसर मरीजों को बड़ी राहत, छह और मेडिकल कॉलेजों में कीमोथेरेपी होगी;  तेजस्वी यादव ने किया ऐलान

बिहारः कैंसर मरीजों को बड़ी राहत, छह और मेडिकल कॉलेजों में कीमोथेरेपी होगी; तेजस्वी यादव ने किया ऐलान


बिहार में अगले डेढ़ महीने के भीतर  छह और मेडिकल कॉलेजों में कैंसर का इलाज और कीमोथेरेपी की सुविधा शुरू हो जाएगी। अभी पटना और मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा उपलब्ध है। स्वास्थ्य विभाग ने पटना के एनएमसीएच सहित गया, भागलपुर, पूर्णिया, मधेपुरा और दरभंगा मेडिकल कॉलेज में भी कीमोथेरेपी की सुविधा शुरू करने का निर्णय लिया है। वहीं, नए रोगियों की पहचान के लिए शनिवार से राज्य के सभी जिला (सदर) अस्पतालों में कैंसर स्क्रीनिंग की सुविधा शुरू हो गई। टाटा मेमोरियल सेंटर के सहयोग से होने वाली इस स्क्रीनिंग के लिए आवश्यकतानुसार डॉक्टर व कर्मी बहाल किए जा चुके हैं। विश्व कैंसर दिवस पर शनिवार को ऊर्जा ऑडिटोरियम में स्वास्थ्य विभाग और टाटा मेमोरियल सेंटर के बीच इस बाबत करार हुआ।

मौके पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि कैंसर को लेकर दुनिया भर में चर्चा होती है कि इसका इलाज कैसे बेहतर करें। लेकिन जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें कैसे सहायता दी जा सके, इसके लिए बिहार सरकार काम कर रही है। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के तहत बड़ी संख्या में गरीब मरीजों को मदद दी जा रही है।

भागलपुर, गया और मधेपुरा में नए रेडियोथेरेपी केंद्र खोले जाएंगे 

बिहार में हर साल लगभग 1.5 लाख नए कैंसर रोगियों की पहचान की जाती है और उनमें से अधिकांश एडवांस स्टेज में होते हैं। इसलिए पैलिएटिव केयर पर ज्यादा काम करने की जरूरत है।

बिहार में अभी 6 जिलों में पैलिएटिव केयर की सुविधा है जिसे आगे बढ़ाकर 9 जिलों में करना है। इसी तरह रेडियोथेरेपी में 7 में से 6 सेंटर पटना में ही हैं। 14 जिलों में कैंसर स्क्रीनिंग और जागरूकता अभियान की सफलता को देखते हुए बिहार सरकार ने इसे बिहार के 38 जिलों में अभियान चलाने का संकल्प लिया है। राज्य में अभी सात में छह रेडियोथेरेपी केंद्र पटना में हैं। अब भागलपुर, गया व मधेपुरा में नए रेडियोथेरेपी केंद्र खोले जाएंगे। 

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दिसम्बर तक ओपीडी में पांच करोड़ मरीज आए 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आवश्यक दवाओं की सूची 611 कर दी है। राज्य के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2022-23 में दिसंबर तक राज्य के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 5 करोड़ 27 लाख 74 हजार 188 ओपीडी मरीज और 27 लाख 85 हजार 773 आईपीडी मरीज इलाज हेतु आ चुके हैं। इन मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक है कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थान नवीनतम तकनीक के बायो-मेडिकल उपकरणों तथा उपस्करों से सुसज्जित रहे। 

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स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि बिहार सरकार हमेशा से स्वास्थ्य क्षेत्र में तत्पर रही है। कार्यक्रम का संचालन होमी भाभा कैंसर अस्पताल मुजफ्फरपुर के प्रभारी डॉ. रविकांत सिंह ने करते हुए कहा कि गत वर्ष कैंसर स्क्रीनिंग एवं जागरूकता अभियान के तहत 3.50 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें 471 कैंसर मरीज मिले और उनका उपचार किया गया। उपनिदेशक डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि हम बिहार सरकार के साथ मिलकर 6 मेडिकल कॉलेज में डे केयर कीमोथेरेपी और 38 जिलों कैंसर स्क्रीनिंग के लिए सहायता देंगे। डॉ. सत्यजीत प्रधान ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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