बिना काम हुए कर दी 50 करोड़ की पेमेंट, घोटाले से जुड़े हैं फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन धनेश अदलखा के तार!
फरीदाबाद : बिना खर्ची-पर्ची लोगों के काम करने का नारा देने वाली बीजेपी सरकार के नुमाइंदे ही सवालों के घेरे में हैं। ताजा मामला हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल से जुड़ा है। काउंसिल के चेयरमैन धनेश अदलखा पर रिश्वत लेकर फार्मेसी के लाइसेंस जारी करने के आरोप में स्टेट विजिलेंस ने मामला दर्ज कराया है। दो लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि धनेश फरार है। मुख्यमंत्री के करीबी अदलखा पर आरोप है कि नगर निगम में एक करोड़ रुपये से अधिक बजट वाले कामों की फाइलें पास कराने में उसकी मुख्य भूमिका रहती थी।
जारी है 50 करोड़ की पेमेंट घोटाले की भी जांच
नगर निगम में इस वक्त बिना काम के 50 करोड़ की पेमेंट घोटाले की भी जांच चल रही है। एक करोड़ से अधिक की फाइलें पास करवाने में अदलखा की भूमिका रहती थी। ऐसे में पूरी आशंका जताई जा रही है कि इस घोटाले से भी उसके तार जुड़ सकते हैं। सतबीर ठेकेदार ने वॉर्ड नंबर-33 में भी इंटरलॉकिंग टाइल्स और ड्रेनेज लाइन बनाने के नाम पर पेमेंट ली हुई है। अब काम वहां हुए हैं या नहीं, इसके बारे में पार्षद को पता होगा। वहीं, हैरानी है कि मामला उजागर होने के बाद भी निवर्तमान पार्षद धनेश अदलखा ने कोई शिकायत स्टेट विजिलेंस के पास नहीं की है।
सीएम और मंत्रियों के संपर्क में रहता था
स्टेट विजिलेंस ने फार्मेसी लाइसेंस बनवाने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में ही धनेश अदलखा पर एफआईआर दर्ज की है। धनेश इस वक्त फरीदाबाद के वॉर्ड नंबर-33 से बीजेपी की टिकट पर निवर्तमान पार्षद है। उसकी मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक सीधी पहुंच है। सीएम मनोहर लाल के साथ उनके फोटो हैं। नगर निगम में फाइनेंस कमिटी के सदस्य भी रह चुका है। नियम के मुताबिक नगर निगम के 1 करोड़ से ज्यादा बजट की फाइलों का काम करवाना होता था तो उसे सबसे पहले फाइनेंस कमिटी पास करती थी। उसके बाद सरकार के पास बजट के लिए भेजा जाता है। इस कमिटी में भी अदलखा का रसूख साफ दिखता था। हालांकि कमिटी की चेयरमैन मेयर होती हैं, लेकिन मेयर से ज्यादा धनेश अदलखा की चलती थी। सूत्रों की मानें तो 1 करोड़ से ज्यादा बजट वाली फाइलों को पास करवाने में भी मेयर से ज्यादा धनेश अदलखा की ही चलती थी।
लाइसेंस के लिए कटवाता था कई चक्कर
बीजेपी ने 2019 में धनेश अदलखा को हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल का चेयरमैन बनाया था। फार्मेसी से जुड़े लोग फार्मेसी लाइसेंस के लिए काउंसिल में आवेदन करते हैं और वहां से लाइसेंस बनता है, लेकिन लाइसेंस बनाने के खेल में रिश्वत खूब चलती थी। निगम के दो कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्होंने अपने रिश्तेदार का लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन चेयरमैन अदलखा कई चक्कर कटवाता था। डेढ़ साल बीतने के बाद भी अभी तक लाइसेंस नहीं बन सका है। जैसे ही रविवार को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की बात सुनी तो उनका शक यकीन में बदल गया कि काउंसिल में रिश्वत का ही बोलबाला है।
गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस कर रही छापेमारी
हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल सेक्टर-14 पंचकूला में लाखों रुपये रिश्वत लेकर फार्मेसी लाइसेंस दिलवाने का मामला हरियाणा विजिलेंस के पास पहुंचा था। विजिलेंस ने रविवार को हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन धनेश अदलखा, उपप्रधान सोहनलाल कंसल और रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया। अदलखा के लिए रिश्वत लेने के आरोप में दलाल भिवानी निवासी सुभाष अरोड़ा और सोहनलाल कंसल गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि सुभाष अरोड़ा ने धनेश्वर लक्खा और सोहनलाल कंसल के लिए 65 हजार रुपये की रिश्वत ली।
गिरफ्तारी के लिए चार जिलों में छापेमारी
अब धनेश अदलखा और राजकुमार वर्मा की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा विजिलेंस ने छापेमारी शुरू कर दी है। फरीदाबाद, भिवानी, यमुनानगर और हिसार में छापेमारी की जा रही है। इस मामले में काउंसिल के सदस्यों ने मिलकर मुख्यमंत्री को शिकायत दी थी। सत्यवान निवासी चरखी दादरी की से मिली शिकायत के आधार पर विजिलेंस ने ट्रैप लगाया था। बताया जा रहा है कि विजिलेंस के पास धनेश, सोहनलाल और राजकुमार वर्मा की रेकॉर्डिंग भी हैं। गिरफ्तारी के बाद कई फर्जी रजिस्ट्रेशनों का भी खुलासा हो सकता है।
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नगर निगम में इस वक्त बिना काम के 50 करोड़ की पेमेंट घोटाले की भी जांच चल रही है। एक करोड़ से अधिक की फाइलें पास करवाने में अदलखा की भूमिका रहती थी। ऐसे में पूरी आशंका जताई जा रही है कि इस घोटाले से भी उसके तार जुड़ सकते हैं। सतबीर ठेकेदार ने वॉर्ड नंबर-33 में भी इंटरलॉकिंग टाइल्स और ड्रेनेज लाइन बनाने के नाम पर पेमेंट ली हुई है। अब काम वहां हुए हैं या नहीं, इसके बारे में पार्षद को पता होगा। वहीं, हैरानी है कि मामला उजागर होने के बाद भी निवर्तमान पार्षद धनेश अदलखा ने कोई शिकायत स्टेट विजिलेंस के पास नहीं की है।
सीएम और मंत्रियों के संपर्क में रहता था
स्टेट विजिलेंस ने फार्मेसी लाइसेंस बनवाने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में ही धनेश अदलखा पर एफआईआर दर्ज की है। धनेश इस वक्त फरीदाबाद के वॉर्ड नंबर-33 से बीजेपी की टिकट पर निवर्तमान पार्षद है। उसकी मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक सीधी पहुंच है। सीएम मनोहर लाल के साथ उनके फोटो हैं। नगर निगम में फाइनेंस कमिटी के सदस्य भी रह चुका है। नियम के मुताबिक नगर निगम के 1 करोड़ से ज्यादा बजट की फाइलों का काम करवाना होता था तो उसे सबसे पहले फाइनेंस कमिटी पास करती थी। उसके बाद सरकार के पास बजट के लिए भेजा जाता है। इस कमिटी में भी अदलखा का रसूख साफ दिखता था। हालांकि कमिटी की चेयरमैन मेयर होती हैं, लेकिन मेयर से ज्यादा धनेश अदलखा की चलती थी। सूत्रों की मानें तो 1 करोड़ से ज्यादा बजट वाली फाइलों को पास करवाने में भी मेयर से ज्यादा धनेश अदलखा की ही चलती थी।
लाइसेंस के लिए कटवाता था कई चक्कर
बीजेपी ने 2019 में धनेश अदलखा को हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल का चेयरमैन बनाया था। फार्मेसी से जुड़े लोग फार्मेसी लाइसेंस के लिए काउंसिल में आवेदन करते हैं और वहां से लाइसेंस बनता है, लेकिन लाइसेंस बनाने के खेल में रिश्वत खूब चलती थी। निगम के दो कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्होंने अपने रिश्तेदार का लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन चेयरमैन अदलखा कई चक्कर कटवाता था। डेढ़ साल बीतने के बाद भी अभी तक लाइसेंस नहीं बन सका है। जैसे ही रविवार को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की बात सुनी तो उनका शक यकीन में बदल गया कि काउंसिल में रिश्वत का ही बोलबाला है।
गिरफ्तारी के लिए विजिलेंस कर रही छापेमारी
हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल सेक्टर-14 पंचकूला में लाखों रुपये रिश्वत लेकर फार्मेसी लाइसेंस दिलवाने का मामला हरियाणा विजिलेंस के पास पहुंचा था। विजिलेंस ने रविवार को हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के चेयरमैन धनेश अदलखा, उपप्रधान सोहनलाल कंसल और रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया। अदलखा के लिए रिश्वत लेने के आरोप में दलाल भिवानी निवासी सुभाष अरोड़ा और सोहनलाल कंसल गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि सुभाष अरोड़ा ने धनेश्वर लक्खा और सोहनलाल कंसल के लिए 65 हजार रुपये की रिश्वत ली।
गिरफ्तारी के लिए चार जिलों में छापेमारी
अब धनेश अदलखा और राजकुमार वर्मा की गिरफ्तारी के लिए हरियाणा विजिलेंस ने छापेमारी शुरू कर दी है। फरीदाबाद, भिवानी, यमुनानगर और हिसार में छापेमारी की जा रही है। इस मामले में काउंसिल के सदस्यों ने मिलकर मुख्यमंत्री को शिकायत दी थी। सत्यवान निवासी चरखी दादरी की से मिली शिकायत के आधार पर विजिलेंस ने ट्रैप लगाया था। बताया जा रहा है कि विजिलेंस के पास धनेश, सोहनलाल और राजकुमार वर्मा की रेकॉर्डिंग भी हैं। गिरफ्तारी के बाद कई फर्जी रजिस्ट्रेशनों का भी खुलासा हो सकता है।