बिजली खपत 35% बढ़ी, अब जयपुर, जोधपुर, अजमेर जैसे शहरों में रोजाना कटौती, हालात नहीं सुधरे तो 29 को बीजेपी का प्रदर्शन

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बिजली खपत 35% बढ़ी, अब जयपुर, जोधपुर, अजमेर जैसे शहरों में रोजाना कटौती, हालात नहीं सुधरे तो 29 को बीजेपी का प्रदर्शन

जयपुर: राजस्थान में भीषण गर्मी के दौर में गहराए बिजली संकट (power crisis) से आमजन बेहाल है। राजधानी जयपुर तक में नियमित बिजली कटौती (jaipur bijli katoti) शुरू हो चुकी है लेकिन हालात अभी और बिगड़ने की आशंका है। क्यों कि बिजली कंपनियों को पॉवर एक्सचेंज से अधिकतम मूल्य 12 रुपए प्रति यूनिट की दर (rajasthan bijli unit rate 2022) सभी बिजली नहीं मिल रही है। ऐसे में पिछले साल की तुलना में करीब 35 प्रतिशत अधिक मांग के अनुरुप आपूर्ति कर पाना सरकार के बस की बात नहीं लग रही। इस संकट ने उर्जा विभाग के मंत्री और अफसरों की भी नींद उड़ा रखी है। बुधवार को इसकी झलक प्रदेश में बिजली की मांग एवं आपूर्ति की समीक्षा बैठक में भी नजर आई। ऊर्जा मंत्री ने भंवर सिंह भाटी (bhanwar singh bhati) की अध्यक्षता में जयपुर के बिजली भवन में आयोजित इस बैठक में बिजली विभाग के आला अफसरों ने वर्तमान हालातों पर चर्चा की। इस बैठक में सामने आया कि पीक डिमांड 22 प्रतिशत बढ़कर 14200 मेगावाट तक पहुंच गई है। इस माह बिजली की खपत 3000 लाख यूनिट प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच चुकी है। जबकि वर्तमान में राष्ट्रव्यापी घरेलू कोयले के संकट एवं आयातित कोयले की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के चलते बिजली की उपलब्धता में कमी आई है।

सरकार के कुप्रबंधन के खिलाफ बीजेपी का प्रदर्शन 29 को
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा है कि राज्य में अशाेक गहलोत सरकार के बिजली कु-प्रबंधन से अघोषित कटौती के कारण परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थी और आम जनता त्रस्त है। भारतीय जनता पार्टी पूरे राज्य में विरोध स्वरूप 29 अप्रैल को सुबह 9 बजे से 11 बजे तक प्रत्येक जीएसएस (GSS) पर धरना प्रदर्शन करेगी।

कोविड के बाद आर्थिक गतिविधियों में उछाल, मांग बढ़ी तो सप्लाई में कमी
प्रमुख शासन सचिव उर्जा एवं अध्यक्ष डिस्कॉम्स भास्कर ए सावंत ने बैठक में बिजली की उपलब्धता एवं मांग व आपूर्ति की स्थिति के बारे में उर्जा मंत्री को विस्तार से जानकारी दी। मांग और सप्लाई में गड़बड़ी को लेकर उन्होंनग बताया कि अप्रैल माह में भीषण गर्मी और कोविड महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों मेें वृद्धि के चलते राजस्थान में बिजली की खपत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष माह अप्रैल में बिजली की मांग में लगभग 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही पीक डिमांड भी 22 प्रतिशत बढ़कर 14200 मेगावाट तक पहुंच गई है। इस माह बिजली की खपत 3000 लाख यूनिट प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच चुकी है।

गांवों में कटौती बढ़ी तो अब शहरी लोगों के भी छूटे पसीने

मांग एवं आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए मजबूरीवश ग्रामीण क्षेत्रों एवं कस्बों में बिजली की आपूर्ति में कटौती की जा रही है। पहले यह कटौती ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित थी। लेकिन अब ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए शहरी इलाकों में कटौती ने आमजन जीवन को प्रभावित किया है। वर्तमान में राज्य में प्रतिदिन लगभग 480 लाख यूनिट बिजली की कमी है। यानी दिन के 24 घंटों में 15-15 मिनट के ब्लॉक्स में यह कमी 500 मेगावाट से 3000 मेगावाट के मध्य रहती है।
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अस्पताल और जरूरी सेवाओं को छोड़ सब जगह कटौती

सरकारी आदेशानुसार आवश्यक सेवाओं जैसे-अस्पताल, ऑक्सीजन सेंटर, पेयजल आपूर्ति व मिलिट्री इंस्टालेशन आदि को बिजली कटौती से पूर्णतया मुक्त रखा गया है। संभागीय मुख्यालयों पर एक घंटा, जिला मुख्यालयों पर दो घंटे, नगरपालिका क्षेत्रों एवं 5 हजार से अधिक आबादी वाले कस्बों में 3 घंटे बिजली कटौती करने का निर्णय लिया गया है। जयपुर, जोधपुर, अजमेर संभागीय मुख्यालयों पर सुबह 7 बजे से 8 बजे तक एवं कोटा, भरतपुर, बीकानेर एवं उदयपुर संभाग मुख्यालयों पर सुबह 8 से 9 बजे तक कटौती की जाएगी। इसी तरह जिला मुख्यालयों पर सुबह 6.30 बजे से 8.30 बजे तक एवं नगर पालिका क्षेत्रों एवं 5 हजार से अधिक आबादी वाले कस्बों में सुबह 6 बजे से 9 बजे तक बिजली कटौती का समय निर्धारित किया गया है। यथासंभव सुबह (6 बजे से 12 बजे) चलने वाले सभी कृषि आपूर्ति ब्लॉकों को रात्रि में शिफ्ट किया जाएगा।
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खेती-किसानी के लिए 1 घंटे कम आपूर्ति

कृषि आपूर्ति ब्लॉक के समय को 6 घंटे से घटाकर 5 घंटा किया गया है। सभी औद्योगिक उपभोक्ताओं को शाम 6 बजे से 10 बजे तक अपने बिजली उपभोग को 50 प्रतिशत तक सीमित करने के निर्देश दिए गए है।

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