बिकरू कांड में खुशी दुबे की जमानत राशि और शर्ते तय करेगी कोर्ट, 8 पुलिसकर्मियों को मारने की साजिश में थी शामिल

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बिकरू कांड में खुशी दुबे की जमानत राशि और शर्ते तय करेगी कोर्ट, 8 पुलिसकर्मियों को मारने की साजिश में थी शामिल

बिकरू कांड में खुशी दुबे की जमानत राशि और शर्ते तय करेगी कोर्ट, 8 पुलिसकर्मियों को मारने की साजिश में थी शामिल


कानपुर: बिकरू कांड की आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। खुशी दुबे के अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति विशेष न्यायधीश पॉक्सो एक्ट शैलेन्द्र कुमार की अदालत में दाखिल कर दी गई है। विशेष न्यायधीश की अदालत जमानत राशि और शर्तों को तय करेगी। जमानतों के सत्यापन और कानूनी प्रक्रिया में 15 दिन का वक्त लग सकता है। इसके बाद खुशी की रिहाई का परवाना जारी होगा। लेकिन खुशी के परिवार के लिए जमानतों का इंतजाम करना टेढ़ी खीर है।

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने बीते 2 जुलाई 2020 की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू कांड के बाद एसटीएफ ने विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था। बिकरू कांड के 5वें दिन एसटीएफ ने हमीरपुर जिले में अमर दुबे को एनकाउंटर में मार दिया था। वहीं कोर्ट ने भी माना था कि बिकरू कांड के दौरान खुशी नाबालिक थी। नाबालिग होने कि वजह से खुशी को बालसुधार गृह में रखा गया था। जब खुशी बालिग हो गई, तो उसे कानपुर देहात की माती जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।

खुशी पर आरोप, बता रही थी पुलिस की लोकेशन

बिकरू कांड से तीन दिन पहले खुशी की शादी अमर दुबे से हुई थी। तीन दिन पहले ससुराल पहुंची खुशी को भी पुलिस ने बिकरू कांड में आरोपी बनाया था। पुलिस का कहना था कि खुशी पुलिसकर्मियों की लोकेशन बता रही थी। विकास और उसके गुर्गे पुलिसकर्मियों पर फायरिंग कर रहे थे। खुशी को आरोपी बनाने के मामले में पुलिस बैकफुट पर रही है। हाईकोर्ट ने खुशी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो अभियोजन पक्ष ने जमानत रोकने के लिए कानूनी दांवपेंच का इस्तेमाल किया।

जमानत से पहले होगा सत्यापन

खुशी दुबे के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति कानपुर देहात की विशेष अदालत में दाखिल कर दी गई है। शुक्रवार को कोर्ट जमानत राशि और शर्तें तय कर देगी। इसके बाद सोमवार या मंगलवार तक जमानतें दाखिल कर दी जाएंगी। कोर्ट जमानतों का सत्यापन कराएगी, और रिपोर्ट आने के बाद रिहाई का परवाना जारी होगा।

धोखाधड़ी का केस भी बना मुसीबत

पुलिस ने खुशी दुबे को बिकरू कांड में आरोपी बनाने के साथ ही फर्जी आईडी से सिम का इस्तेमाल करने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। फर्जी सिम मामले में खुशी को पहले ही जमानत मिल चुकी थी। धोखाधड़ी मामले में खुशी की तरफ से जमानतें दाखिल नहीं की गईं हैं। बिकरू कांड में जमानत मिलने के बाद दो जमानतें दाखिल करनी होंगी। खुशी के परिवार के लिए चार जमानतों का इंतजाम करना टेढ़ी खीर साबित होने वाला है।
रिपोर्ट-सुमित शर्मा

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