बाली उमर में ही फूल रहा दम | Growing up in young age | Patrika News

18
बाली उमर में ही फूल रहा दम | Growing up in young age | Patrika News

बाली उमर में ही फूल रहा दम | Growing up in young age | Patrika News



जबलपुर। थोड़ा दौड़ने पर ही बेटा थक जाता है, पसीने से लथपथ हो जाता है। बिटिया को सीढ़ी चढ़ने में सांस फूलने की समस्या हो रही है। मेरा कोलेस्ट्रॉल बढ़ा निकला है। बच्चों के डॉक्टर से लेकर, मेडिसिन विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेषज्ञों के पास लगातार ऐसे मामले आ रहे हैं। जिनमें बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर परेशान उनके माता-पिता डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं। बच्चों के खेलने-कूदने की उम्र में उन्हें बीमारियां घेर रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इसका सबसे बड़ा कारण शारीरिक व्यायाम कम होना, बच्चों का इनडोर गतिविधियों में ज्यादा समय बिताना है। आउटडोर गेम खेलने के बजाय ज्यादातर बच्चे मोबाइल स्क्रीन और टीवी स्क्रीन पर ज्यादा समय बिता रहे हैं। इसके कारण मोटापा बढ़ने से उनमें कोलेस्ट्रॉल, बीपी, सांस फूलने की समस्या बढ़ रही है। डायबिटीज, थायराइड और हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ रहा है। डॉक्टरों के पास इन समस्याओं से पीडि़त पहुंच रहे लोगों में सबसे बड़ी संख्या 14 साल के बच्चों से लेकर 20 तक के युवाओं की है।

मनमाना खान-पान भी बिगाड़ रहा है सेहत

विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार बच्चों, युवाओं की सेहत पर फास्टफूड जिसमें पिज्जा, बर्गर, नूडल्स, ज्यादा तेल-मसाला वाली चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना भी कारण है। इसके कारण भी उनमें तेजी से मोटापा बढ़ रहा है जो उनके पाचन तंत्र से लेकर हार्ट और समूचे हार्माेन सिस्टम पर बुरा असर डाल रहा है।

जीवन शैली सुधारकर दूर किया जा सकता है बड़ा खतरा

शिशु रोग विशेषज्ञ और हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों और युवाओं में बढ़ रही समस्याओं का समाधान दवाइयां नहीं हैं। अगर समय रहते उनमें मोटापा के कारण पनप रही बीमारियों का पता लग जाता है तो जीवनशैली में सुधार लाकर जैसे पर्याप्त शारीरिक व्यायाम, योग, संतुलित आहार को नियमित दिनचर्या में लाकर डायबिटीज, हार्टअटैक जैसे बड़े खतरे से बचा जा सकता है।

50 प्रतिशत से ज्यादा समस्या मोटापा के कारण

मेडिकल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आरएस शर्मा के अनुसार बच्चों और युवाओं में सांस फूलने, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और बच्चियों में थायराइड, पीसीओडी बढ़ने के 50 प्रतिशत से ज्यादा मामलों का कारण शारीरिक व्यायाम कम होना व मोटापा है। 25 प्रतिशत मामलों का कारण असंतुलित आहार है। जबकि 25 प्रतिशत में अनुवांशिक समस्या, जन्मजात बीमारी, कोई चोट लगना जैसे कारण शामिल हैं।

शारीरिक व्यायाम कम होना और फास्ट फूड का बढ़ता उपयोग बच्चों, युवाओं में मोटापा का कारण बन रहा है। इसके कारण उन्हें सांस फूलने, बीपी, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के मामले सामने आ रहे हैं। समय पर बीमारी का पता लग जाने पर उसे ठीक किया जा सकता है।
-डॉ प्रशांत पुणेकर, मेडिसिन विशेषज्ञ

बच्चों में मोटापा बढ़ने से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में माता-पिता, शिक्षकों का दायित्व बढ़ गया है कि उनके शारीरिक व्यायाम पर फोकस बढ़ाएं, उन्हें प्रेरित करें। साथ ही उन्हें ये भी समझाएं कि फास्ट फूड का अत्याधिक उपयोग उनके लिए किस प्रकार नुकसानदायक है।
-डॉ. मंजू अग्रवाल, शिशु रोग विशेषज्ञ

उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News