बार-बार बयान बदल रहे हैं कंझावला कांड के आरोपी, पुलिस अब इस एंगल से कर रही है जांच

76
बार-बार बयान बदल रहे हैं कंझावला कांड के आरोपी, पुलिस अब इस एंगल से कर रही है जांच

बार-बार बयान बदल रहे हैं कंझावला कांड के आरोपी, पुलिस अब इस एंगल से कर रही है जांच

नई दिल्ली: कंझावला कांड में हर दिन कुछ न कुछ नए खुलासे हो रहे हैं। इस कांड के आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में यह माना है कि इस हादसे के कुछ ही समय बाद उन्हें यह पता चल गया था कि अंजलि उनकी कार के नीचे फंस गई है। कार में सवार इन आरोपियों को इस बात का डर था कि यदि वह कार से नीचे उतरे तो कोई उन्हें देख लेगा। सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया है कि यदि लड़की को गाड़ी से निकाला तो हत्या का केस लग जाएगा। इस हादसे के बाद जानते हुए भी लड़की को कार से निकालने की कोशिश नहीं हुई। हालांकि आरोपियों के बयानों में विरोधाभास भी देखने को मिल रहा है और ये कई बार बयान बदल चुके हैं। आरोपियों के सभी दावों और बयानों की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। कंझावला केस के पूरे घटनाक्रम को टाइम के हिसाब सही तस्वीर हासिल करने के लिए दिल्ली पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है।

गाड़ी कौन चला रहा है इसको लेकर बार-बार बयान बदला
कंझावला केस में बाद में गिरफ्तार अंकुश खन्ना को पिछले शनिवार को जमानत मिल गई। कंझावला केस में जांच अधिकारी को दिए बयान में अंकुश खन्ना ने कहा था कि आरोपी दीपक गाड़ी चला रहा था। वहीं दूसरी ओर पुलिस जांच में इस बात का पता चला है कि बलेनो गाड़ी अमित चला रहा था। इस मामले में पुलिस ने पहले दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और कॉल डिटेल के रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस को दो और लोग आशुतोष और अंकुश खन्ना की तलाश थी। अंकुश खन्ना आरोपी अमित खन्ना का भाई है। अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था उसने अंकुश को इस हादसे के बारे में बताया। अमित के भाई ने दीपक को पुलिस को यह बताने के लिए मना लिया कि हादसे वाले दिन वह गाड़ी चला रहा था। दीपक ग्रामीण सेवा चलाता है। अब इस मामले में पुलिस को यह पता चला है कि अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था जिसकी वजह से आरोपियों ने गाड़ी से उतरने की कोशिश नहीं की।

किसी को भी आरोपियों की इस थ्योरी पर नहीं था यकीन
शुरुआत में दीपक ने सब इंस्पेक्टर को बताया था कि वह कार चला रहा था और उसके साथ मनोज मित्तल आगे वाली सीट पर बैठा था। मिथुन, कृष्ण और अमित पीछे की सीट पर बैठे थे। शुरुआत में इन सभी को ओर से यह बताया गया कि उनके कार के नीचे कोई फंसा है यह उन्हें नहीं पता चला। आरोपियों की इस थ्योरी पर किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि आखिर 12 किलोमीटर तक उनकी गाड़ी के नीचे कोई है कैसे नहीं पता चला। शुरुआती एफआईआर में यह दर्ज हुआ था कि कृष्ण विहार में आरोपियों की कार की एक स्कूटी से टक्कर हो गई, जिसे एक लड़की चला रही थी। लड़की स्कूटी से नीचे गिर गई और वे डर गए और फिर कंझावला की ओर भागे। कंझावला रोड पर जोंटी गांव के पास जब कार रोकी तब यह देखाकि उनकी गाड़ी के नीचे लड़की पड़ी है। उसके बाद वहां उसे वो छोड़कर भाग गए। बाद में आशुतोष के घर गए और कार खड़ी करके अपने घर चले गए। आरोपियों ने आशुतोष से उसकी बलेनो कार ली थी और हादसे के बाद वहीं खड़ी कर चले गए।

अंजलि की सहेली के दावे में कितना दम
साल के पहले ही दिन दिल्ली में जो घटना घटी उसने सबको हिलाकर रख दिया। कार के नीचे 12 किलोमीटर तक घसीटे जाने के बाद उस रात जो हुआ मैं उसे कभी नहीं भूल सकती। स्कूटी चलाने को लेकर हमारी लड़ाई भी हुई थी। वह जबरदस्ती करती रही, इसलिए मैंने उसे स्कूटी चलाने दी। पहले हम एक ट्रक से टकराते-टकराते बचे, कुछ ही मीटर की दूरी पर दूसरी गाड़ी ने टक्कर मार दी अंजली कार के नीचे फंस गई और उसके साथ घिसटती रही। अंजलि की सहेली ने बताया कि वह बहुज ज्यादा डर गई थी और उसे लगा कि सभी उसे दोषी मानेंगे, इसलिए उसने किसी को इस हादसे के बारे में नहीं बताया। अंजलि की सहेली ने निधि ने दावा किया कि वह शराब के नशे में थी और उसने स्कूटी चलाने नहीं देने पर उससे कूदने की धमकी भी दी। हालांकि अंजलि की दोस्त निधि के दावों पर भी सवाल खड़े हुए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने नहीं आई कि अंजलि ने शराब पी थी। फिर उसने ऐसा क्यों कहा। निधि को पुलिस ने भी पूछताछ के लिए बुलाया था। पुलिस की कई टीमें इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है।

दिल्ली की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News