बार्सिलोना का साथ छूटने के बाद क्यों फूट-फूटकर रोए लियोनेल मेसी, यह है इसके पीछे की असली वजह…

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बार्सिलोना का साथ छूटने के बाद क्यों फूट-फूटकर रोए लियोनेल मेसी, यह है इसके पीछे की असली वजह…

और आखिर लियोनेल मेसी ने बार्सिलोना छोड़ दिया….। एक ऐसा फैसला, जिसकी तमाम फुटबॉल प्रेमियों ने कभी उम्मीद नहीं की थी। मेसी और बार्सिलोना के चाहने वालों तो कतई नहीं। असल में मेसी और बार्सिलोना के बीच जो संबंध रहा है, उसे चंद शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इस क्लब के लिए मेसी द्वारा किए 672 गोल भी इसकी तासीर बयां नहीं कर सकते। ना ही वो अकूत रकम इसे बयां करती है, जो इस दौरान बार्सिलोना ने मेसी पर लुटाई है। मेसी और बार्सिलोना के संबंध की तासीर को अगर महसूस करना है तो आपको सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वो वीडियो देखना चाहिए। वो वीडियो, जिसमें बार्सिलोना छोड़ने की घोषणा करते हुए मेसी अपने आंसू जज्ब करने की कोशिश कर रहे हैं। हॉल में बैठा हर शख्स ताली बजाकर उनका हौसला बढ़ा रहा है। 1 मिनट 39 सेकंड के इस वीडियो में तालियों की गूंज बढ़ती जाती है। तालियां बजाते-बजाते लोग मेसी को स्टैंडिंग ओवेशन देने के लिए खड़े होने लगते हैं। और हाथ में नैपकिन का टुकड़ा लिए मेसी दोनों हाथों से अपना चेहरा छुपा फूट-फूटकर रो पड़ते हैं। मेस्सी खुद बार्का के साथ रहने को बेकरार थे। बार्सिलोना से उनका नाता बना रहे इसके लिए उन्होंने क्लब से अपनी सैलरी आधी करने का भी प्रस्ताव भी दिया था। लेकिन पहले ही आर्थिक हालात से जूझ रहे बार्सिलोना ने उन्हें साथ रखने में असमर्थतता जता दी।

नैपकिन का भी है खास कनेक्शन

बार्सिलोना से बिछड़ने के गम में निकल रहे आंसुओं के सैलाब को मेसी जिन नैपकिन से बार-बार रोकने की कोशिश कर रहे थे। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि मेसी और बासिलोना के बीच नैपकिन का भी बड़ा खास कनेक्शन है। असल में जब पहली बार मेसी के पिता उसे बार्सिलोना क्लब में ट्रायल के लिए ले गए थे तो क्लब को मेसी का खेल बहुत पसंद आया था। इस बात का अंदाजा आप यूं लगा सकते हैं कि क्लब ने मेसी का पहला कांट्रैक्ट एक नैपकिन पर लिखकर दिया था। आपको बता दें कि उस वक्त तक न्यूवेल्स ओल्ड ब्वॉयज क्लब के लिए छह साल तक खेल चुके थे और इस दौरान उन्होंने क्लब के लिए करीब 500 गोल दाग दिए थे। 

पहले लियो के बचपन की बातें

लियोनेल मेसी का जन्म 24 जून 1987 को हुआ रोसारियो में हुआ। पिता जॉर्ज मेसी एक स्टील फैक्ट्री में मैनेजर थे। उनकी मां सेलिया मैग्नेट बनाने वाली कंपनी में काम करती थीं। फुटबॉल से मोहब्बत करने वाले एक परिवार में पैदा हुए लियोनेल का भी इस खेल से लगाव हो गया। अपने बड़े भाइयों रोड्रिगो और मासियास और चचेरे भाइयों मैक्सिमिलानो और इमैनुएल के साथ खेलते हुए फुटबॉल के दांव-पेंच सीखने लगे थे। चार साल की उम्र में मेसी स्थानीय क्लब ग्रैंडोली से जुड़ चुके थे। यहां पर उनके पिता जॉर्ज ही उनके कोच थे। हालांकि उनके खेल पर ज्यादा प्रभाव उनकी नानी का था, जो ट्रेनिंग और मैचों के दौरान उनके साथ जाया करती थीं। अपने 11वें जन्मदिन से ठीक पहले नानी की मौत ने लियो को काफी काफी दुखी कर दिया था। बताते हैं कि आज भी गोल दागने के बाद जब मेसी आसमान की तरफ देखते हैं तो अपनी नानी को याद कर रहे होते हैं। 

और फिर हो गई ट्रैजेडी 

क्लब रोसारियो के लिए खेलते हुए मेसी का गेम शबाब पर था। लेकिन तभी एक ट्रैजेडी हो गई। महज दस साल की उम्र में मेसी एक ऐसी बीमारी का शिकार हो गए, जिसमें लंबाई बढ़नी बंद हो जाती है। 7 साल की उम्र में मेसी की लंबाई थी चार फुट और 10 साल तक की उम्र आने तक इसमें सिर्फ 2 इंच का इजाफा हुआ था। पिता जॉर्ज के लिए यह बिल्कुल शॉकिंग था। यह बीमारी मेसी के फुटबॉल कॅरियर पर विराम लगा सकती थी। इलाज काफी महंगा था और पिता जॉर्ज के हेल्थ इंश्योरेंस के पैसे से केवल दो साल तक के लिए पर्याप्त थे। उधर न्यूवेल्स ओल्ड ब्वॉयज क्लब ने मदद का वादा तो किया, लेकिन बाद में मुकर गए। इसके बाद ब्यूनस ऑयर्स क्लब रिवर प्लेट से उम्मीद बंधी, लेकिन तब अर्जेंटीना की आर्थिक हालत इतनी खस्ता थी कि उन्होंने भी असमर्थता जता दी। 

अब वो कहानी, जिसने बार्सिलोना जोड़ा

अब कहानी का वो हिस्सा जो इस पूरी कहानी की बुनियाद है। मेसी के परिवार के कुछ लोग केटालोनिया में थे। उन लोगों ने मेसी का वहां ट्रायल कराने का इंतजाम किया। यह साल 2000 का सितंबर महीना था। मेसी का प्रदर्शन देख टीम डायरेक्टर चार्ली उसे तुरंत साइन करना चाहते थे, लेकिन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के मन में हिचकिचाहट थी। उस समय यूरोपियन क्लबों के लिए इतनी कम उम्र में खिलाड़ियों को साइन करना आम बात नहीं थी।  इसी साल 14 दिसंबर को बार्सिलोना को अपना कमिटमेंट पूरा करने का अल्टीमेटम मिला और आनन-फाइन में टीम डायरेक्टर चार्ली ने एक नैपकिन पेपर पर कांट्रैक्ट साइन किया। फरवरी 2001 में मेसी का परिवार बार्सिलोना पहुंच गया और अब वो क्लब के स्टेडियम कैंप नाऊ के पास बने अपार्टमेंट में रहने लगा था। इस तरह बार्सिलोना मेसी की जिंदगी में तब आया, जब उसे सबसे ज्यादा जरूरत थी। शायद यही वजह रही कि मेसी ने इस क्लब को छोड़ते हुए खुद कहा, “मैंने कभी इसकी कल्पना नहीं की थी”।

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कुछ आंकड़ों की बात 

14 साल की उम्र में मेसी का ग्रोथ हार्मोन का इलाज पूरा हो गया। क्लब में आने के बाद सीढ़ियां दर सीढ़ियां चढ़ते हुए मेसी सीनियर टीम में पहुंचा और बिना मेसी के बार्सिलोना की कल्पना करना भी बेमानी लगने लगा। आज जब मेसी ने बार्सिलोना का साथ छोड़ दिया है, लेकिन आंकड़े उसकी जादूगरी को खुद बयां करते हैं। इस क्लब के लिए मेसी ने कुल 672 गोल किए हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर इस टीम को 34 ट्रॉफीज जितवाई हैं।  इसके अलावा मेसी ने बार्का के लिए 48 हैट्रिक लगाई हैं। मेसी के क्लब साथी रहे जावी के मुताबिक वो डिफेंडिंग और अटैकिंग दोनों में बेहतर है। वो तेज और ड्रिब्लिंग में भी बेहतर है और पासिंग में भी। कैसी विडंबना है कि मेसी की बीमारी के समय जिस क्लब ने पैसे देकर उसकी मदद की थी, आज पैसों की कमी के चलते मेसी से उस क्लब का साथ छूट गया।



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