बारिश न होने से चित्रकूट मंडल पर मंडराने लगा सूखे का खतरा, जानिए क्या बोले मौसम वैज्ञानिक

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बारिश न होने से चित्रकूट मंडल पर मंडराने लगा सूखे का खतरा, जानिए क्या बोले मौसम वैज्ञानिक

बारिश न होने से चित्रकूट मंडल पर मंडराने लगा सूखे का खतरा, जानिए क्या बोले मौसम वैज्ञानिक

चित्रकूट मंडल के कई इलाके ऐसे हैं जो बारिश के सहारे ही फसल उगाते हैं। इनमें बांदा का बदौसा क्षेत्र शामिल है। यहां सिंचाई संसाधनों के नाम पर एकमात्र बोरिंग ही सहारा है। लेकिन इस साल बारिश में विलंब होने के कारण जलस्तर भी घट रहा है। जिससे बोरिंग ने भी जवाब दे दिया है।

 

प्रतीकात्मक तस्वीर
बांदा :चित्रकूट मंडल में बारिश कम होने से अभी से सूखे के आसार नजर आने लगे हैं। अषाढ़ का महीना खत्म होने वाला है। पर्याप्त बारिश न होने से किसान खरीफ की दलहनी तिलहनी फसलें नहीं बो पाए हैं। जिन किसानों ने किसी तरह अपने निजी संसाधनों से बुवाई कर दी है। उनकी फसल तेज धूप व गर्म हवाओं के कारण उग नहीं पाई है। मौसम विशेषज्ञ का मानना है कि गर्म हवाओं के दबाव के चलते इस क्षेत्र में मानसून कमजोर हो गया है। इस वजह से बारिश कम होने के आसार लग रहे हैं।

15 जून के बाद सक्रिय हो जाता है मानसून

बुंदेलखंड में 15 जून के बाद मानसून सक्रिय हो जाता है, लेकिन इस साल जून माह बीत गया और अब का जुलाई का एक पखवारा बीतने को है। 12 जुलाई के बाद सावन का महीना लग जाएगा और अभी भी बारिश के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। बांदा में जून माह की सामान्य औसत बारिश 73.30 मिलीमीटर है। लेकिन कृषि विभाग द्वारा 20.10 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई है, जो खेती के लिहाज से पर्याप्त नहीं मानी जाती है। पर्याप्त बारिश न होने के कारण किसान न तो अभी तक धान की नर्सरी डाल पाए और न ही खरीफ में पैदा होने वाली दलहनी तिलहनी फसलों की बुवाई कर पाएं हैं।

खेतों में उड़ने लगी धूल
चित्रकूट धाम मंडल में इस साल 416069 हेक्टेयर रकबे पर खरीद की फसल का लक्ष्य रखा गया है। इसमें धान, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, उड़द जैसी फसलें शामिल हैं। बारिश में देरी के चलते अभी तक इन फसलों की बुवाई नहीं हो सकी है। इस बारे में अतर्रा क्षेत्र के किसान रामशरण, राम अवतार आदि का कहना है कि बारिश न होने के कारण ही इस बार धान की बेड़ तक नहीं हो पाई है। बारिश के इंतजार में खेतों में धूल उड़ने लगी है। इधर बारिश न होने के कारण ही बुंदेलखंड के लोग तेज धूप और उमस से परेशान हैं। यहां पर जुलाई के महीने में भी पारा औसतन 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है।

गर्म हवाओं के दबाव में रूठ गया मानसून
इस बारे में कृषि विश्वविद्यालय बांदा के मौसम विशेषज्ञ दिनेश साहा का कहना है कि बंगाल की खाड़ियों से उठा मानसून पूरे भारत में सक्रिय है लेकिन पाकिस्तान की ओर से आने वाली गर्म हवाओं के दबाव के चलते बुंदेलखंड में मानसून निष्क्रिय हो गया है। यही वजह है कि इस क्षेत्र में बारिश नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड में करीब 6 साल बाद कम बारिश हुई है। उनके मुताबिक इससे पहले 2014 में अषाढ़ के महीने में ऐसे ही हालात बने थे। हालांकि जुलाई के मध्य में झमाझम बारिश हुई थी। लेकिन इसका फायदा किसानों को नहीं मिल सका था। इस बार भी वैसे ही हालात बनते जा रहे हैं।
रिपोर्ट-अनिल सिंह

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Web Title : bundelkhand news lack of rain,threat of drought started looming over chitrakoot division, know what the meteorologist said
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