बाजार में आ रहा बूम, भेल कर्मचारियों को बोनस मिलता तो बढ़ जाती रौनक | If BHEL employees get bonus, the market would have increased | Patrika News
इससे पहले बीत चुके त्योहर गणेश उत्सव और दशहरा पर्व पर लोगों का हुजूम उमड़ते देखा जा चुका है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग घरों से निकल कर भगवान गणेश और मां दुर्गा के पंडालों में पहुंचे और जमकर खरीदारी भी की। इस उत्साह को देखते हुए धनतेरस, दीपावली, भाई दूज जैसे प्रमुख त्योहारों से आमजन के साथ ही बड़े व्यापारियों और छोटे दुकानदारों को भी काफी उम्मीद दिखाई दे रही है।
भेल टाउनशिप क्षेत्र के बरखेड़ा विजय मार्केट, गांधी मार्केट, बजरंग मार्केट सहित अन्य बाजारों के व्यापारियों और दुकानदारों से इस संबंध में बात करने पर उनका कहना था कि भेल टाउनशिप की पूरी दुकान और ग्राहकी भेल कर्मचारियों के ऊपर निर्भर रहती है। थोड़ा-बहुत आसपास बसी कॉलोनियों के रहवासियों द्वारा की जाने वाली खरीदारी से दुकान और काम करने वाले कर्मचारियों का खर्च निकल पाता है। मुख्य ग्राहकी भेल कर्मचारियों से ही होती है।
बता दें कि बीएचईएल टाउनशिप क्षेत्र की दुकानों पर सबसे ज्यादा खरीदारी करने भेल कर्मचारी होते हैं। दीपावली त्योहार के पहले हर वर्ष इन कर्मचारियों को हजारों रुपए मिलने वाले बोनस से भेल क्षेत्र की बाजारों में बूम आता है और बाजार ज्यादा दमक उठता है। बता दें कि धनतेरस, दिवाली और भाई दूज जैसा त्योहर महीने के अंत में आ रहा है। ऐसे में भेल कर्मचारियों को बोनस से उम्मीद थी, पर दीपावली के पहले बोनस भी मिलता दिखाई नहीं दे रहा है।
बाजार में बूम तो आएगा पर कर्मचारियों को बोनस नहीं मिलने से चमक थोड़ा कम रह सकती है। क्योंकि बोनस की राशि का ज्यादातर उपयोग त्योहारों की खरीदारी पर करते हैं। बोनस नहीं मिलने की स्थिति में जहां सौ रुपए खर्च करते और इससे बड़े व्यापारियों सहित छोटे-छोटे दुकानदारों तक के पास पैसा पहुंचता। अब वह राशि मात्र पांच या दस रुपए के हिसाब से होगी। फिर भी भेल टाउनशिप के व्यापारियों और दुकानदारों को उम्मीद है कि बाजार में बूम आएगा और उनका कारोबार बेहतर चलेगा।
ऑनलाइन से नुकसान
दुकानदारों की माने तो ऑनलाइन की वजह से उनकी दुकानदारी पर भारी असर पड़ा है। पहले जहां लोग छोटी-मोटी चीजोंं के लिए बाजार आते थे अब वे घर पर मंगवा लेते हैं। ऐसे में दुकानदारों का धंधा चौपट हो रहा है।
भेल मेें पहले 19 हजार कर्मचारी थे अब पांच हजार से भी कम बचे हैं। अब तो आसपास की कॉलोनियों के कारण ही बाजार चल रहा है। यह पूरा बाजार भेल कर्मचारियों पर ही निर्भर है। त्योहार महीने के अंत में होने और कर्मचारियों को बोनस की राशि नहीं मिलने का असर तो दुकानदारों पर पड़ेगा।
अजित जैन, ज्वेलर्स विजय मार्केट
हमारा भेल कर्मचारियों पर निर्भर रहता है। उनके पास पैसे आते हैं तो ग्राहकी भी बढ़ जाती है। दीपावली का त्योहार महीने के अंत में पड़ रहा है। कर्मचारियों को अभी तक बोनस भी नहीं मिला है। बोनस मिलता तो बाजार की चमक और बढ़ जाती।
संजय खंडेलवाल, किराना व्यापारी, बजरंग मार्केट
टाउनशिप की बाजारों का पूरा कारोबार भेल कर्मचारियों पर निर्भर रहता है। महीने के अंत में दीपावली का त्योहार होने और कर्मचारियों को बोनस नहीं मिलने से असर पड़ेगा। क्योंकि यह पूरा बाजार इन्हीं के ऊपर निर्भर है। बाजार में बूम तो आ रहा है, पर बोनस मिलता तो इसकी चमक और ज्यादा बढ़ जाती।
अजित जैन, जनरल स्टोर, व्यापारी, बरखेड़ा विजय मार्केट
त्योहार में अभी समय बचा है। बाजार में उठाव आएगा। इस बार लोग बड़ी संख्या में बाहर निकले रहे हैं। यह सही है कि महीने के अंत में त्योहार होने और भेल कर्मचारियों को बोनस नहीं मिलने का असर तो व्यापार पर पड़ेगा।
विजय भवनानी, कपड़ा व्यापारी, बरखेड़ा विजय मार्केट
इससे पहले बीत चुके त्योहर गणेश उत्सव और दशहरा पर्व पर लोगों का हुजूम उमड़ते देखा जा चुका है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग घरों से निकल कर भगवान गणेश और मां दुर्गा के पंडालों में पहुंचे और जमकर खरीदारी भी की। इस उत्साह को देखते हुए धनतेरस, दीपावली, भाई दूज जैसे प्रमुख त्योहारों से आमजन के साथ ही बड़े व्यापारियों और छोटे दुकानदारों को भी काफी उम्मीद दिखाई दे रही है।
भेल टाउनशिप क्षेत्र के बरखेड़ा विजय मार्केट, गांधी मार्केट, बजरंग मार्केट सहित अन्य बाजारों के व्यापारियों और दुकानदारों से इस संबंध में बात करने पर उनका कहना था कि भेल टाउनशिप की पूरी दुकान और ग्राहकी भेल कर्मचारियों के ऊपर निर्भर रहती है। थोड़ा-बहुत आसपास बसी कॉलोनियों के रहवासियों द्वारा की जाने वाली खरीदारी से दुकान और काम करने वाले कर्मचारियों का खर्च निकल पाता है। मुख्य ग्राहकी भेल कर्मचारियों से ही होती है।
बता दें कि बीएचईएल टाउनशिप क्षेत्र की दुकानों पर सबसे ज्यादा खरीदारी करने भेल कर्मचारी होते हैं। दीपावली त्योहार के पहले हर वर्ष इन कर्मचारियों को हजारों रुपए मिलने वाले बोनस से भेल क्षेत्र की बाजारों में बूम आता है और बाजार ज्यादा दमक उठता है। बता दें कि धनतेरस, दिवाली और भाई दूज जैसा त्योहर महीने के अंत में आ रहा है। ऐसे में भेल कर्मचारियों को बोनस से उम्मीद थी, पर दीपावली के पहले बोनस भी मिलता दिखाई नहीं दे रहा है।
बाजार में बूम तो आएगा पर कर्मचारियों को बोनस नहीं मिलने से चमक थोड़ा कम रह सकती है। क्योंकि बोनस की राशि का ज्यादातर उपयोग त्योहारों की खरीदारी पर करते हैं। बोनस नहीं मिलने की स्थिति में जहां सौ रुपए खर्च करते और इससे बड़े व्यापारियों सहित छोटे-छोटे दुकानदारों तक के पास पैसा पहुंचता। अब वह राशि मात्र पांच या दस रुपए के हिसाब से होगी। फिर भी भेल टाउनशिप के व्यापारियों और दुकानदारों को उम्मीद है कि बाजार में बूम आएगा और उनका कारोबार बेहतर चलेगा।
ऑनलाइन से नुकसान
दुकानदारों की माने तो ऑनलाइन की वजह से उनकी दुकानदारी पर भारी असर पड़ा है। पहले जहां लोग छोटी-मोटी चीजोंं के लिए बाजार आते थे अब वे घर पर मंगवा लेते हैं। ऐसे में दुकानदारों का धंधा चौपट हो रहा है।
भेल मेें पहले 19 हजार कर्मचारी थे अब पांच हजार से भी कम बचे हैं। अब तो आसपास की कॉलोनियों के कारण ही बाजार चल रहा है। यह पूरा बाजार भेल कर्मचारियों पर ही निर्भर है। त्योहार महीने के अंत में होने और कर्मचारियों को बोनस की राशि नहीं मिलने का असर तो दुकानदारों पर पड़ेगा।
अजित जैन, ज्वेलर्स विजय मार्केट
हमारा भेल कर्मचारियों पर निर्भर रहता है। उनके पास पैसे आते हैं तो ग्राहकी भी बढ़ जाती है। दीपावली का त्योहार महीने के अंत में पड़ रहा है। कर्मचारियों को अभी तक बोनस भी नहीं मिला है। बोनस मिलता तो बाजार की चमक और बढ़ जाती।
संजय खंडेलवाल, किराना व्यापारी, बजरंग मार्केट
टाउनशिप की बाजारों का पूरा कारोबार भेल कर्मचारियों पर निर्भर रहता है। महीने के अंत में दीपावली का त्योहार होने और कर्मचारियों को बोनस नहीं मिलने से असर पड़ेगा। क्योंकि यह पूरा बाजार इन्हीं के ऊपर निर्भर है। बाजार में बूम तो आ रहा है, पर बोनस मिलता तो इसकी चमक और ज्यादा बढ़ जाती।
अजित जैन, जनरल स्टोर, व्यापारी, बरखेड़ा विजय मार्केट
त्योहार में अभी समय बचा है। बाजार में उठाव आएगा। इस बार लोग बड़ी संख्या में बाहर निकले रहे हैं। यह सही है कि महीने के अंत में त्योहार होने और भेल कर्मचारियों को बोनस नहीं मिलने का असर तो व्यापार पर पड़ेगा।
विजय भवनानी, कपड़ा व्यापारी, बरखेड़ा विजय मार्केट