बलकेश मीणा हत्याकांड: दो पुलिस थानों में मारपीट के बाद हुई थी मौत, अब HC ने CBI निदेशक सहित 5 जनों को दिए नोटिस | Balkesh Meena Murder Case | Patrika News

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बलकेश मीणा हत्याकांड: दो पुलिस थानों में मारपीट के बाद हुई थी मौत, अब HC ने CBI निदेशक सहित 5 जनों को दिए नोटिस | Balkesh Meena Murder Case | Patrika News

बलकेश मीणा हत्याकांड: दो पुलिस थानों में मारपीट के बाद हुई थी मौत, अब HC ने CBI निदेशक सहित 5 जनों को दिए नोटिस | Balkesh Meena Murder Case | Patrika News

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एडवोकेट पूनमचंद भंडारी ने बताया कि बलकेश मीणा हत्याकांड में सीबीआई ने जांच करने के बाद भी चार्जशीट फाइल नहीं की। इस पर हाईकोर्ट ने 25 मई को राज्य सरकार से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की थी। लेकिन चार सप्ताह बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश नहीं की गई। जिसके बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई निदेशक सहित पांच अधिकारियों को नोटिस जारी किए है।

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एडवोकेट पीसी भंडारी ने बताया कि मृतक के भाई सुरेश मीणा की ओर से हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की गई थी। जिसके आधार पर अप्रैल, 2016 में बलकेश मीणा को नीम का थाना में पुलिसकर्मी दुकान से उठाकर ले गए थे। पुलिस की ओर से 3 दिन तक बलकेश को गिरफ्तार नहीं दिखाया गया और थाने में ही रखा गया। इस दौरान पुलिस वालों ने बलकेश के साथ मारपीट की और उसके बाद उसे फिर सवाई माधोपुर थाने में ले गए। जहां पुलिसकर्मियों की ओर से वहां भी लगातार मारपीट की गई। लगातार मारपीट करने से बलकेश मीणा की मृत्यु हो गई।

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बलकेश मीणा की मौत के बाद पूरे गांव ने थाने को घेर लिया था। तब पुलिस पूरे थाने को सस्पेंड किया गया था। लेकिन अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट पीसी भंडारी ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत कर सीबीआई जांच की मांग की थी और हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद सीबीआई को निर्देश दिया कि वे पूरे प्रकरण की दोबारा निष्पक्ष जांच करें। इस आदेश के बाद पुलिस की ओर से रिव्यू याचिका पेश कर निवेदन किया की जांच सीबीआई को नहीं दी जाए और राजस्थान के किसी भी बड़े अधिकारी से जांच करवा ली जाएं। एडवोकेट भंडारी ने इसका विरोध किया की रिव्यू याचिका मेंटेनेबल नहीं है। हाई कोर्ट में बहस सुनने के बाद पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया। उसके बाद सीबीआई दिल्ली ने गवाहों को दिल्ली बुलाकर बयान लिए गए और जांच पूरी कर ली गई।

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लेकिन राजस्थान के प्रमुख गृह सचिव की ओर से अभियोजन स्वीकृति नहीं देने से सीबीआई चार्जशीट नहीं फाइल कर पा रही है। जबकि इस प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन इस प्रकरण में 10 पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है। इसलिए दबाव के कारण चार्जशीट फाइल नहीं की जा रही है।



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