बर्थडे स्‍पेशल: ‘बॉर्डर’ की बंपर सक्‍सेस से दुखी हो गए थे डायरेक्‍टर जेपी दत्ता, कहा था- मेरा दिल टूट गया

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बर्थडे स्‍पेशल: ‘बॉर्डर’ की बंपर सक्‍सेस से दुखी हो गए थे डायरेक्‍टर जेपी दत्ता, कहा था- मेरा दिल टूट गया

बर्थडे स्‍पेशल: ‘बॉर्डर’ की बंपर सक्‍सेस से दुखी हो गए थे डायरेक्‍टर जेपी दत्ता, कहा था- मेरा दिल टूट गया

भारतीय फिल्‍म इंडस्‍ट्री में बॉलीवुड से लेकर टॉलीवुड और कॉलीवुड तक कई वॉर फिल्‍म्स बनी हैं। लेकिन जिस तरह की सफलता जेपी दत्ता की साल 1997 में रिलीज ‘बॉर्डर’ ने देखी, वह बाकियों के लिए सपने की तरह है। जेपी दत्ता सोमवार, 3 अक्‍टूबर को अपना जन्‍मदिन मना रहे हैं। सनी देओल, सुनील शेट्टी, जैकी श्रॉफ, अक्षय खन्‍ना जैसे दिग्‍गज एक्‍टर्स, ‘संदेशे आते हैं…’ जैसे दिल को चीर देने वाले गाने। जेपी दत्ता की इस ब्‍लॉकस्‍टर फिल्‍म के क्रेज का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 10 करोड़ के बजट में बनी ‘बॉर्डर’ ने बॉक्‍स ऑफिस पर उस दौर में 39.45 करोड़ रुपये का बिजनस किया था। इतना ही नहीं, थ‍िएटर में इस फिल्‍म को देखने के लिए कुल 3 करोड़ 70 लाख दर्शक पहुंचे थे। हालांकि, आपको जानकर यह आश्‍चर्य होगा कि फिल्‍म की इस बंपर सफलता से जेपी दत्ता खुश नहीं थे। उन्‍होंने खुद एक इंटरव्‍यू में कहा कि इस फिल्‍म की ऐसी सफलता ने उनका दिल तोड़ दिया। यह उनके लिए फ्रस्‍टेशन जैसा था।

‘बॉर्डर’ की रिलीज के बाद कई सिनेमाघर मालिकों को थ‍िएटर की सारी कुर्सियां बदलवानी पड़ी थीं। ऐसा इसलिए कि युद्ध के सीन देख दर्शक उत्‍साह में कुर्सियों के ऊपर कूदने लगते थे। यकीनन किसी भी फिल्‍ममेकर को अगर इस तरह की सक्‍सेस मिलेगी तो उसकी खुशी सातवें आसमान पर रहेगी। लेकिन JP Dutta के साथ ऐसा नहीं था। उन्‍होंने साल 2018 को दिए एक इंटरव्‍यू में इसका जिक्र किया था। ‘बॉलीवुड हंगामा’ को दिए इंटरव्‍यू में जेपी दत्ता ने कहा कि ‘बॉर्डर’ की सफलता उनके लिए फ्रस्‍टेशन लेकर आई, क्‍योंकि इस कारण उन्‍हें उनकी दूसरी फिल्‍मों के लिए कभी याद नहीं किया जाता। यह दिल को दुखी करता है।

जेपी दत्ता की फाइल फोटो

‘मैंने बॉर्डर में नहीं एलाओसी में की सबसे ज्‍यादा मेहनत’
‘बॉर्डर’ एक ऐसी फिल्‍म है, जो आज भी लोगों के दिलों में बसती है। हर साल 15 अगस्‍त और 26 जनवरी को टीवी पर इस फिल्‍म का टेलीकास्‍ट होना अब परंपरा की तरह है। जब इंटरव्‍यू में जेपी दत्ता से फिल्‍म की ऐसी सक्‍सेस पर सवाल किया गया तो उन्‍होंने कहा, ‘देख‍िए, यह मेरा दिल दुखाता है। मैं ‘एलओसी: कारगिल’ के बारे में बात नहीं करता, यह सब मेरा दिल दुखाने वाला है, क्‍योंकि उस फिल्‍म के लिए मैंने सबसे ज्‍यादा मेहनत की थी। मेरे लिए ‘एलओसी: कारगिल’ फिल्‍म बनाते हुए सबसे मुश्‍क‍िल निर्णय यह था कि मुझे इसकी अवध‍ि 4 घंटे से घटाकर 3 घंटे नहीं करनी है।’

border shooting

बॉर्डर फिल्‍म की शूटिंग के दौरान कास्‍ट

‘बॉर्डर, बॉर्डर, बॉर्डर… सब यही करते रहते हैं’
जेपी दत्ता आगे कहते हैं, ‘कर्मश‍ियल तरीके से देखें तो यह अपने आप में एक बड़ा निर्णय है। मैंने ऐसा इसलिए भी किया कि मैं फिल्‍म को बनाने से पहले पर‍िवारों से मिला था, जिन्‍होंने युद्ध में अपने अफसर बेटे, पति, पिता को खोया है। उन सभी से मिलने और बात करने के बाद मेरे अंदर यह हिम्‍मत नहीं थी कि मैं फिल्‍म में से उनमें से किसी का भी हिस्‍सा काट दूं। जब भी मैं बात करता हूं तो हर कोई बॉर्डर, बॉर्डर, बॉर्डर, बॉर्डर… यही कहता रहता है, कोई एलओसी: कारगिल की बात क्‍यों नहीं करता।’

border movie shooting

बॉर्डर के एक सीन में अक्षय खन्‍ना और पूजा भट्ट

क्‍या बॉर्डर का सीक्‍वल बनाएंगे जेपी दत्ता?
जेपी दत्ता ने अपने इसी इंटरव्‍यू में खुलासा किया था कि ‘बॉर्डर’ महज 75 दिनों में शूट होकर तैयार हो गई थी। इतना ही नहीं, जब फिल्‍ममेकर से पूछा गया कि क्‍या वो भविष्‍य में कभी ‘बॉर्डर’ का सीक्‍वल बनाना चाहेंगे, इस पर जेपी दत्ता ने एक झटके में जवाब दिया- नहीं, बिल्‍कुल नहीं!

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जेपी दत्ता ने बनाई हैं ये 11 फिल्‍में
मुंबई में 3 अक्‍टूबर 1949 में पैदा हुए जेपी दत्ता का पूरा नाम ज्‍योति प्रकाश दत्ता है। उन्‍होंने साल 1976 में पहली फिल्‍म ‘सरहद’ बनाई थी। तब से 2018 तक उन्‍होंने 11 फिल्‍में बनाई हैं। इनमें 1985 में ‘गुलामी’, 1988 में ‘यतीम’, 1989 में ‘बटवारा’, 1989 में ही ‘हथ‍ियार’, 1993 में ‘क्षत्रि‍य’, 1997 में ‘बॉर्डर’, 2000 में ‘रिफ्यूजी’, 2003 में ‘एलओसी: कारगिल’, 2006 में ‘उमराव जान’ और 2018 में ‘पलटन’ शामिल है।