बड़े दिल वाला होता है चीता, एक मिनट में कर लेता है शिकार | Cheetah has a large heart than lion, interesting facts | Patrika News
– आपको जानकर हैरानी होगी कि चीता 120 किमी घंटे की रफ्तार से दौड़ता है। अपनी इस स्पीड पर चीता करीब 23 फीट यानी 7 मीटर लंबी छलांग लगाता है। यही नहीं ऐसी 4 छलांग वह केवल एक सेकंड में पूरी कर लेता है। 98 किमी/घंटाकी स्पीड का रिकॉर्ड ओहिया के सिनसिनाती जू में 2012 में फीमेल चीता सारा के नाम दर्ज था। तीन सेकंड में अपनी 96 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार पकडऩे वाला चीता तेज रफ्तार में केवल 450 मीटर दूर तक ही दौड़ सकता है। चीते के पास शिकार के लिए केवल एक मिनट ही होता है, वह इस दौरान ही अपना शिकार कर कर सकता है। यही कारण है कि उसे शिकारी मशीन की उपमा दी जाती है।
– 100-120 किलोमीटर घंटे की टॉप स्पीड से दौडऩे के लिए चीते की मांसपेशियों को बहुत ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है। इस ऑक्सीजन की सप्लाई को बरकरार रखने के लिए चीते के नथुनों के साथ श्वास नली भी मोटी होती है, यही कारण है कि इससे वह एक बार में ज्यादा श्वास भर पाता है।
– चीते की आंखें एकदम सीधी दिशा में होती हैं। जिससे वह कई मील दूर तक आसानी से देख सकता है। इसकी आंखों में इमेज स्टेबिलाइजेशन सिस्टम होता है। इसकी वजह से वह तेज रफ्तार में दौड़ते वक्तभी अपने शिकार पर फोकस बनाए रखता है।
– चीते की रीढ़ की हड्डी लंबी और लचीली होती है। इसी कारण दौड़ते समय उसके पिछले पैर अगले पैर से आगे तक आ सकते हैं। यही कारण है कि चीता 7 मीटर लंबी छलांग लगाता है। हालांकि इसकी लंबी और लचीली हड्डी का एक नकारात्मक पहलू यह भी है कि वह किसी बड़े जानवर का शिकार नहीं कर पाता।
– चीते का दिल शेर की अपेक्षा साढ़े तीन गुना बड़ा होता है। यही वजह है कि दौड़ते वक्त इसे भरपूर ऑक्सीजन मिल पाती है। यह तेजी से पूरे शरीर में ब्लड को पंप करता है और इसकी मांसपेशियों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है।
– चीते के कान बहुत छोटे होते हैं। इनकी खासियत यह है कि यह हवा के रेजिस्टेंस को कम करने के कर देते हैं। टॉप स्पीड के साथ दौड़ते समय चीते की मांसपेशियां और उनसे गुजरने वाले खून का तापमान तेजी से बढ़ जाता है। छोटे सिर और कान की वजह से ब्रेन से गुजरने वाले गर्म खून को ठंडा होने की जगह नहीं मिलती है। एक रिसर्च के मुताबिक आमतौर पर इसके शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस होता है, लेकिन रफ्तार पकड़ते ही यह 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होता है। इस बढ़ते तापमान को चीता झेल नहीं पाता और एक मिनट बाद ही उसकी रफ्तार मंद पड़ जाती है। यही कारण है कि उसे केवल एक मिनट में ही शिकार करना होता है।
– चीते का सिर बाघ, शेर, तेंदुए और जगुआर की अपेक्षा काफी छोटा होता है। इससे तेज रफ्तार के दौरान उसके सिर से टकराने वाली हवा का प्रतिरोध काफी कम हो जाता है। इसकी खोपड़ी पतली हड्डियों से बनी होती है जिससे इसका वजन कम होता है।
– इसके पंजे घुमावदार और ग्रिप वाले होते हैं। दौड़ते समय चीता पंजे की मदद से जमीन पर ग्रिप बनाता है और आगे की ओर आसानी से जंप कर पाता है। –चीते की पूंछ 31 इंच यानी 80 सेंटीमीटर तक लंबी होती है। यह चीते के लिए रडर का काम करती है। अचानक मुडऩे पर बैलेंस बेस बनाती है।
– आपको जानकर हैरानी होगी कि चीता 120 किमी घंटे की रफ्तार से दौड़ता है। अपनी इस स्पीड पर चीता करीब 23 फीट यानी 7 मीटर लंबी छलांग लगाता है। यही नहीं ऐसी 4 छलांग वह केवल एक सेकंड में पूरी कर लेता है। 98 किमी/घंटाकी स्पीड का रिकॉर्ड ओहिया के सिनसिनाती जू में 2012 में फीमेल चीता सारा के नाम दर्ज था। तीन सेकंड में अपनी 96 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार पकडऩे वाला चीता तेज रफ्तार में केवल 450 मीटर दूर तक ही दौड़ सकता है। चीते के पास शिकार के लिए केवल एक मिनट ही होता है, वह इस दौरान ही अपना शिकार कर कर सकता है। यही कारण है कि उसे शिकारी मशीन की उपमा दी जाती है।
– 100-120 किलोमीटर घंटे की टॉप स्पीड से दौडऩे के लिए चीते की मांसपेशियों को बहुत ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है। इस ऑक्सीजन की सप्लाई को बरकरार रखने के लिए चीते के नथुनों के साथ श्वास नली भी मोटी होती है, यही कारण है कि इससे वह एक बार में ज्यादा श्वास भर पाता है।
– चीते की आंखें एकदम सीधी दिशा में होती हैं। जिससे वह कई मील दूर तक आसानी से देख सकता है। इसकी आंखों में इमेज स्टेबिलाइजेशन सिस्टम होता है। इसकी वजह से वह तेज रफ्तार में दौड़ते वक्तभी अपने शिकार पर फोकस बनाए रखता है।
– चीते की रीढ़ की हड्डी लंबी और लचीली होती है। इसी कारण दौड़ते समय उसके पिछले पैर अगले पैर से आगे तक आ सकते हैं। यही कारण है कि चीता 7 मीटर लंबी छलांग लगाता है। हालांकि इसकी लंबी और लचीली हड्डी का एक नकारात्मक पहलू यह भी है कि वह किसी बड़े जानवर का शिकार नहीं कर पाता।
– चीते का दिल शेर की अपेक्षा साढ़े तीन गुना बड़ा होता है। यही वजह है कि दौड़ते वक्त इसे भरपूर ऑक्सीजन मिल पाती है। यह तेजी से पूरे शरीर में ब्लड को पंप करता है और इसकी मांसपेशियों तक ऑक्सीजन पहुंचाता है।
– चीते के कान बहुत छोटे होते हैं। इनकी खासियत यह है कि यह हवा के रेजिस्टेंस को कम करने के कर देते हैं। टॉप स्पीड के साथ दौड़ते समय चीते की मांसपेशियां और उनसे गुजरने वाले खून का तापमान तेजी से बढ़ जाता है। छोटे सिर और कान की वजह से ब्रेन से गुजरने वाले गर्म खून को ठंडा होने की जगह नहीं मिलती है। एक रिसर्च के मुताबिक आमतौर पर इसके शरीर का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस होता है, लेकिन रफ्तार पकड़ते ही यह 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होता है। इस बढ़ते तापमान को चीता झेल नहीं पाता और एक मिनट बाद ही उसकी रफ्तार मंद पड़ जाती है। यही कारण है कि उसे केवल एक मिनट में ही शिकार करना होता है।
– चीते का सिर बाघ, शेर, तेंदुए और जगुआर की अपेक्षा काफी छोटा होता है। इससे तेज रफ्तार के दौरान उसके सिर से टकराने वाली हवा का प्रतिरोध काफी कम हो जाता है। इसकी खोपड़ी पतली हड्डियों से बनी होती है जिससे इसका वजन कम होता है।
– इसके पंजे घुमावदार और ग्रिप वाले होते हैं। दौड़ते समय चीता पंजे की मदद से जमीन पर ग्रिप बनाता है और आगे की ओर आसानी से जंप कर पाता है। –चीते की पूंछ 31 इंच यानी 80 सेंटीमीटर तक लंबी होती है। यह चीते के लिए रडर का काम करती है। अचानक मुडऩे पर बैलेंस बेस बनाती है।