बच्चों को दे रहे हैं Car और Bike तो फिर आ गई है जेल जाने की बारी, Ghaziabad Police ने छेड़ा अभियान

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बच्चों को दे रहे हैं Car और Bike तो फिर आ गई है जेल जाने की बारी, Ghaziabad Police ने छेड़ा अभियान

बच्चों को दे रहे हैं Car और Bike तो फिर आ गई है जेल जाने की बारी, Ghaziabad Police ने छेड़ा अभियान


गाजियाबाद: 12वीं पास कर ले फिर बाइक या कार दिलवा देंगे। अपने नाबालिग बच्चों को ऐसे वादे करना बंद कर दीजिए। अगर वह वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है। गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने नाबालिगों के वाहन चलाने के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। जिसके चलते जिले में पहली बार नाबालिग के वाहन चलाने पर 13 लोगों पर अलग-अलग थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। गाजियाबाद में होने वाले कुल ऐक्सिडेंट्स में 30 प्रतिशत में नाबालिग शामिल होते हैं।

एडीसीपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा ने बताया कि लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से इस बारे में जानकारी दी जा रही थी। जिसके बाद शुक्रवार को टीम ने विभिन्न क्षेत्रों में अभियान चलाया और यह कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि कार्रवाई के साथ वह लोगों को समझा भी रहे हैं। जिससे वह 18 साल से कम उम्र के बच्चों को वाहन न दें।

रिपोर्ट दर्ज हुई तो बोले ‘सॉरी’
एडीसीपी ने बताया कि कार्रवाई में कई स्कूल के छात्र भी शामिल हैं। इसमें उनके पैरंट्स पर केस दर्ज किया गया है। कार्रवाई के बाद कविनगर, घंटाघर कोतवाली, टीला मोड़, मोदीनगर, साहिबाबाद और नंदग्राम थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। जिसमें एमवी एक्ट 188 की धारा 199(क) और धारा 336 लगाई है। इस मामले में वाहनों को भी सीज किया गया है। आगे नियम के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं बच्चों को वाहन देने पर हुई कार्रवाई के बाद जब पैरंट्स को बुलाया गया तो उन्होंने बचने के लिए सॉरी बोला और कई प्रकार के बहाने भी बनाए। जिसमें कई पैरंट्स पुलिस के सामने बच्चे की डांट लगाकर उसे ही जिम्मेदार ठहराने लगे।

हो सकती है तीन साल की सजा
एडीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि नाबालिग को वाहन देने पर उसके मालिक को तीन साल तक की सजा हो सकती है। नियम के तहत इस प्रकार की स्थिति में 25 हजार रुपये का चालान या तीन साल की सजा या फिर दोनों हो सकता है। उनका कहना है कि पैरंट्स इस नियम के बारे में जानकारी भी दी जा रही है। ट्रैफिक पुलिस की टीम विभिन्न स्कूलों में जाकर इस संबंध में बताया है। एडीसीपी ट्रैफिक कहते हैं कि कई बार नाबालिग ड्राइविंग की वजह से हादसों का कारण बनते हैं। उन्होंने अभिभावकों को उन्हें कोई भी वाहन दिलवाने के लिए 18 साल और लाइसेंस बनने का इंतजार करने की सलाह दी है।

वाहन का रजिस्ट्रेशन 1 साल के लिए हो सकता है कैंसल
इस प्रकार के मामलों में जुर्माने और सजा के साथ पुलिस वाहन को सीज करती है। साथ ही इसकी रिपोर्ट लगने के बाद वाहन का रजिस्ट्रेशन एक साल के लिए कैंसल हो सकता है। इस कार्रवाई के बाद अगर वह वाहन समय सीमा में दोबारा चलता है पुलिस उसे बंद कर फिर कार्रवाई कर सकती है।

नियम तोड़ा तो 25 साल की उम्र में चलाने को मिलेगा वाहन
एडीसीपी का कहना है कि नाबालिग को वाहन देने के पर कार्रवाई के नियम काफी गंभीर हैं। अगर 18 वर्ष से कम उम्र का कोई किशोर वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके पैरंट्स या वाहन के मालिक पर कार्रवाई के साथ उसको भी फिर वाहन चलाने के लिए 25 साल का होने का इंतजार करना होगा। यह नियम तोड़ने पर उसका लाइसेंस 25 साल का होने पर ही बनेगा।

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