बंदे को दिल्ली से पटना जाना था, प्लेन उतरा उदयपुर में… IndiGo ने यह क्या गजब कर डाला!
एक के बाद एक होती चली गईं गलतियां
अफसार हुसैन ने IGI एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 पर पटना जाने वाली फ्लाइट 6E-214 का बोर्डिंग पास स्कैन किया। टाइम्स ऑफ इंडिया को एक सूत्र ने बताया, ‘बोर्डिंग कोच के जरिए हो रही थी। वह सही गेट पर थे, कार्ड स्कैन करवाया और फिर टर्मिनल बिल्डिंग से निकलकर कोच पर बैठने चले गए तो उन्हें पटना वाले प्लेन तक ले जाने वाला था।’ गड़बड़ियों की शुरुआत यहीं से हुई। हुसैन जिस कोच पर बैठे, वह उदयपुर जाने वाली फ्लाइट 6E-319 के यात्रियों के लिए था। 6E-319 के रैंप पर सब-रिटेंशन कर रहे शख्स (जिसे एयरलाइन स्टाफ पैसेंजर के बोर्डिंग कार्ड का एक हिस्सा रख लेता है) ने भी नहीं पकड़ा कि हुसैन गलत एयरक्राफ्ट पर हैं। यह प्रोसेस बेहद मेकेनिकल होता है और कोई चेक नहीं करता। अफसार हुसैन को उदयपुर जाने वाली फ्लाइट में बैठने दिया गया।
हुसैन का पटना वाली फ्लाइट में जो सीट नंबर था, उदयपुर जा रहे प्लेन में उस सीट पर कोई यात्री नहीं था। नतीजा यह हुआ कि उनसे कोई पूछने भी नहीं आया कि वे यहां कैसे पहुंचे। ‘बोर्डिंग कंप्लीट’ होने की घोषणा से पहले क्रू सभी पैसेंजर्स की गिनती करता है, उसमें भी वे पकड़ नहीं सके कि फ्लाइट में एक व्यक्ति ज्यादा है।
अभी यह क्लियर नहीं कि IndiGo ने पटना वाली फ्लाइट से गायब हुसैन को खोजना शुरू किया था या नहीं। अफसार ने उस एयरक्राफ्ट के लिए बैगेज चेक-इन करवाया था, यह भी पता नहीं। ऊपर से तुर्रा यह कि हुसैन को भी यह समझ नहीं आया कि वह गलत विमान में बैठे हैं जबकि फ्लाइट के भीतर दूरी और फ्लाइंग टाइम से जुड़ी घोषणाएं की जाती हैं। हुसैन को कथित रूप से पटना के बजाय उदयपुर पहुंचने पर समझ आया कि क्या हुआ है। तब उन्होंने एयरलाइन को जानकारी दी।
घटना पर IndiGo ने क्या कहा?
एक बयान में IndiGo ने कहा, ‘6E319 दिल्ली-उदयपुर फ्लाइट में एक यात्री के साथ हुई घटना हमारी जानकारी में है। हम इस मामले को लेकर अधिकारियों के संपर्क में है। हमें यात्री को हुई असुविधा के लिए खेद है।’