फ्लोर पर चलने पर हिलता है गिलास में रखा पानी…चिंटल पैराडिसो के जी टावर के रहवासियों ने सुनाई आप बीती

103
फ्लोर पर चलने पर हिलता है गिलास में रखा पानी…चिंटल पैराडिसो के जी टावर के रहवासियों ने सुनाई आप बीती

फ्लोर पर चलने पर हिलता है गिलास में रखा पानी…चिंटल पैराडिसो के जी टावर के रहवासियों ने सुनाई आप बीती

दीपक आहूजा, गुड़गांव: सेक्टर 109 स्थित चिंटल पैराडिसो के डी टावर के असुरक्षित घोषित होने के बाद ई, एफ, जी और एच रिहायशी टावर में रह रहे करीब 100 परिवारों की सांसें अटक गई हैं। इन रिहायशी टावर का निर्माण डी टावर के साथ पहले चरण में हुआ था। इन सभी रिहायशी टावर के फ्लैट्स में क्रैक है। इन परिवारों ने जिला प्रशासन से अतिशीघ्र स्ट्रक्चरल ऑडिट पूरा कराने की मांग की है। साथ ही तब तक किसी दूसरी सोसायटी में शिफ्ट करने का इंतजाम करने की अपील की है।

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने 13 एकड़ की इस रिहायशी सोसायटी को विकसित करने के लिए साल 2007 और 2008 में चिंटल लिमिटेड को लाइसेंस दिया था। इस सोसायटी में 9 रिहायशी टावर हैं। साल 2016 में 5 रिहायशी टावर डी, ई, एफ, जी और एच को ओसी (ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट) मिला था। चार रिहायशी टावर को साल 2017 में ओसी मिला था। इस सोसायटी में 532 फ्लैट्स हैं।

शनिवार को डीसी निशांत यादव ने आईआईटी, दिल्ली की रिपोर्ट के आधार पर डी टावर को असुरक्षित घोषित कर दिया। स्ट्रक्चरल कमियां इस टावर में मिलीं। रिपोर्ट में घटिया निर्माण सामग्री और पानी में क्लोरीन की वजह से जंग लगे सरियों को पेंट करके छिपाने की बात कही गई है। गत 10 फरवरी को डी टावर में एक के बाद एक कई फ्लैट्स के फ्लोर गिरने से दो लोगों की मौत के बाद स्ट्रक्चरल ऑडिट का फैसला लिया था। इस सोसायटी के ई और एफ टावर को खाली करवाने के आदेश डीसी की तरफ से जारी हुए हैं।

क्या कहते हैं स्थानीय निवासी
रेजिडेंट मनोज सिंह ने कहा कि जी टावर 14 मंजिल का हैं। इसमें 64 फ्लैट्स हैं। इसकी हालत डी टावर से बदतर है। अभी उनके टावर में स्ट्रक्चरल ऑडिट शुरू नहीं हुआ है। फ्लोर पर चलने के दौरान डाइनिंग टेबल पर रखे गिलास का पानी हिलता है। डी टावर हादसे के बाद टेंशन में हैं। करीब 15 परिवार अभी इस टावर में रह रहे हैं। रेजिडेंट राजीव मनोचा ने कहा कि साल 2019 में फ्लैट खरीदा था। कई फ्लैट्स में क्रैक हैं। पिछले साल बालकनी से प्लास्टर का एक बड़ा हिस्सा गिरा था। डी टावर की रिपोर्ट सुनकर परिवार टेंशन में हैं। स्ट्रक्चरल ऑडिट को जल्द पूरा किया जाना चाहिए। तब तक कोई इंतजाम जिला प्रशासन को करना चाहिए।

रेजिडेंट, एफ टावर सुशील कुमार रोहिल्ला ने कहा कि मेरा फ्लैट एफ टावर में है। बालकनी में दरार है। नीचे के फ्लैट से सपोर्ट दिया गया है। बालकनी की तरफ जाना छोड़ दिया है। डी टावर की रिपोर्ट आने के बाद चिंता और बढ़ गई है। कब से बिल्डर से आग्रह कर रहे हैं कि उन्हें शिफ्ट करवाया जाए। अब जिला प्रशासन ने बोल तो दिया है, लेकिन लिखित आदेश का इंतजार है।

बिल्डर प्रतिनिधि ने ठेकेदार को दोषी बताया
टावर डी की घटना ठेकेदार मनीष स्विचगियर के कारण हुई। इस कंपनी ने सुरक्षित तरीके से काम नहीं किया। यदि अन्य रिहायशी टावरों में गलत मिलता है तो भयाना ठेकेदार की गलती होगी, क्योंकि उसे अच्छी गुणवत्ता वाले निर्माण को सुनिश्चित करना था। रिपोर्ट में जंग लगे सरिये पर पेंट लगाने की बात गलत है। यह एक प्रकार का केमिकल होता है जोकि जंग को बढ़ने से रोकता है। इसकी लैब में टेस्टिंग कराई जा सकती है। इस कठिन समय में रेजिडेंट्स के साथ खड़े हैं। प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है। आगे भी करेंगे। – जेएन यादव, वाइस प्रेसीडेंट, चिंटल्स लिमिटेड

पंजाब की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Punjab News