फ्लैट के लिए सर्च किया था फोन नंबर, ठगे गए सीनियर डॉक्टर, पढ़ें ऑनलाइन ठगी के शिकार डॉक्टर की कहानी

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फ्लैट के लिए सर्च किया था फोन नंबर, ठगे गए सीनियर डॉक्टर, पढ़ें ऑनलाइन ठगी के शिकार डॉक्टर की कहानी

फ्लैट के लिए सर्च किया था फोन नंबर, ठगे गए सीनियर डॉक्टर, पढ़ें ऑनलाइन ठगी के शिकार डॉक्टर की कहानी

नई दिल्ली: ‘हमें नोएडा की गुलशन विवांते सोसायटी में एक फ्लैट चाहिए। अगर आप इसे दिलाने में हमारी मदद कर सकते हो तो बहुत अच्छा होगा। क्यों नहीं सर… इस एरिया में हमारी कंपनी ही डील करती है, आपने एकदम सही जगह कॉल किया है। मैं आपके मोबाइल पर अभी यहां के कुछ शानदार फ्लैट की फोटो सेंड कर रहा हूं सर, आपको जो भी पसंद आए बता देना, फिर बात कर लेंगे।’ फ्लैट पसंद आने के बाद इसे देखने की बात की गई। इसी में कॉलर ने मुझसे अलग-अलग तरीके अपनाते हुए 55 हजार 77 रुपये ठग लिए। साइबर ठगी की यह कहानी है दिल्ली के शांति मुकुंद हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर अमित सिंह की।

पीड़ित डॉक्टर अमित ने एनबीटी को बताया कि पहले हमसे आरएफआईडी एक्सेस दिलाने के नाम पर दो हजार रुपये लिए। अमाउंट रिफंडेबल बताया गया। इसके बाद चीटर ने उनकी सोसायटी में विजिट कन्फर्म कर दी, लेकिन विजिट कराने से पहले फिर कहा गया कि आपको आठ हजार रुपये कन्फरमेशन और 65 रुपये कार्ड बनाने के नाम पर देने होंगे। यह भी रिफेंडेबल है। मैंने 8,065 रुपये पेटीएम कर दिए। कुछ देर बाद चीटर का कॉल आया कि यह आपने क्या कर दिया सर। आपको आठ हजार अलग और 65 रुपये अलग देने थे। जो अमाउंट आपने सेंड किया वह लॉक हो गया। मैं इनके चक्कर में फंसता चला गया और आठ हजार अलग और 65 रुपये और अलग ट्रांसफर कर दिए।

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इसके बाद चीटर ने कहा कि उन्हें अकाउंट में एक मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना होता है। इसमें कस्टमर ही पैसा भेज सकता है, हम नहीं। इसके लिए आपको कुछ और रुपये ट्रांसफर करना होगा सर, इसके बाद डॉक्टर को लगा कि वह ठगे जा रहे हैं। उन्होंने चीटर से कहा कि हमें फ्लैट नहीं देखना हमारा पैसा वापस करो। चीटर ने कहा कोई बात नहीं सर, आप बताइए कैसे लेंगे, नकद या ऑनलाइन। मैंने ऑनलाइन विकल्प चुना। उन्होंने अपना एक और नया अकाउंट नंबर देने को बोला। उसमें एक रुपया भेजकर अकाउंट कन्फर्म कराने के लिए बोला और पैसा वापस करने के चक्कर में उन्होंने उनसे फिर अकाउंट से पैसा निकाल लिया। इस तरह से चीटर ने उनसे 55 हजार 77 रुपये ठग लिए।

इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत शाहदरा साइबर थाने में करनी चाही। लेकिन वहां पहुंचे तो पुलिस ने कहा कि आपका थाना तो जगतपुरी लगेगा। आप वहां जाइए। वहां से भी कुछ नहीं हुआ। बाद में उन्होंने इसकी शिकायत नैशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी की। लेकिन हैरानी इस बात की है कि ठगी की इस वारदात के बाद भी अभी तक पुलिस की तरफ से उनकी कोई मदद नहीं की गई।

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