फिल्म रिव्यू : पोन्नियि‍न सेल्वन भाग 1

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फिल्म रिव्यू : पोन्नियि‍न सेल्वन भाग 1

फिल्म रिव्यू : पोन्नियि‍न सेल्वन भाग 1

फिल्म ‘पोन्निय‍िन सेल्वन’ के टाइटल का मतलब पोन्नी (कावेरी) का बेटा है। यह फिल्म महाप्रतापी चोल राजा अरुलमोरीवर्मन के शुरुआती दिनों की कहानी पर आधारित है, जिन्होंने राजेंद्र प्रथम के नाम से चोल साम्राज्य पर शासन किया। यह भारतीय सिनेमा की सबसे महंगी फिल्‍म है, जो करीब 500 करोड़ रुपये के बजट में बनी है। Ponniyin Selvan Part-1 सन 1955 में कल्कि कृष्णमूर्ति द्वारा इसी नाम से लिखे गए उपन्यास ‘पोन्नियि‍न सेल्वन’ पर आधारित है। पचास के दशक में एम जी रामचंद्रन (एमजीआर) ने इस पर फिल्म बनाने का प्रयास किया था, लेकिन कामयाब नहीं हुए। उसके बाद खुद मणिरत्नम ने दो बार इस महागाथा को फिल्म में तब्दील करना चाहा, लेकिन उनकी कोशिश परवान नहीं चढ़ी। आखिरकार 2019 में मणिरत्नम ने अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया।

‘पोन्‍न‍ियि‍न सेल्‍वन’ की कहानी
फिल्म ‘पोन्नियि‍न सेल्वन’ की कहानी के केंद्र में अब से करीब 1000 साल पहले चोल साम्राज्य के आकाश में दिखे एक धूमकेतु के कारण हुई पंडितों की अनहोनी की भविष्यवाणी है। चोल सम्राट सुंदर चोल (Prakash Raj) अस्वस्थ हैं। उनका बड़ा बेटा आदित्य करिकलन (Chiyan Vikram) राष्ट्रकूटों से मुकाबला कर रहा है। जबकि छोटा बेटा अरुलमोरीवर्मन (Jayam Ravi) सिंहल द्वीप (श्रीलंका) पर युद्ध लड़ रहा है। आदित्य की पुरानी प्रेमिका नंदिनी (Aishwarya Rai Bachchan) अब चोल सेनापति पर्वतेश्वर की पत्नी बनकर साम्राज्य की जड़े हिलाने में लगी है। वहीं राजा की बेटी राजकुमारी कुंधवई (Trisha Krishnan) पिता के साथ राज्य के षडयंत्रों से निपटने में जुटी है। जबकि आदित्य का मित्र वंध्यवन (Karthi) भी चोल साम्राज्य को बचाने में लगा है। इस सब में कौन कामयाब होगा? यह जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा।

‘पोन्‍न‍ियन सेल्‍वन’ का ट्रेलर

‘पोन्‍न‍ियन सेल्‍वन’ का रिव्‍यू
मणिरत्नम ने जब ‘पोन्नियि‍न सेल्वन’ फिल्म बनाई, तो इसे तमिल सिनेमा की ओर से तेलुगू सुपरहिट फिल्म ‘बाहुबली’ का जवाब माना गया। हालांकि इस फिल्म का ‘बाहुबली’ से मुकाबला करना इसलिए सही नहीं होगा, क्योंकि यह एक सत्य घटना पर आधारित है, जबकि बाहुबली एक फिक्शन थी। हिंदी वर्जन में फिल्म की शुरुआत बैकग्राउंड में अजय देवगन की दमदार आवाज से होती है, जो फिल्म की कहानी से आपका परिचय करवाते हैं। उसके बाद फिल्म धीमी रफ्तार से आगे बढ़ती है। फिल्म अभी राजमहल के भीतरी षडयंत्रों से बाहर नहीं निकल पाती और इंटरवल हो जाता है। इंटरवल के बाद सिंहल द्वीप पर चोल साम्राज्य की विशाल नौसेना का भव्य दृश्य कुछ जोरदार होने की उम्मीद जगाता है, लेकिन वह लड़ाई भी कुछ खास नहीं होती। हालांकि फिल्म के क्लाईमैक्स में समुद्र में फिल्माया गया वॉर सीक्वेंस जरूर दर्शकों को लुभाता है।

डायरेक्टर मणिरत्नम ने इस महागाथा को बेहद भव्य तरीके से शूट किया है, लेकिन फिल्म की गति काफी धीमी होने के कारण यह आप में उत्साह बरकरार नहीं रख पाती। इतने बड़े स्तर पर बनी फिल्मों में दर्शक कुछ धमाकेदार होने की उम्मीद लेकर सिनेमा आते हैं, लेकिन उस मामले में ‘पोन्नियिन सेल्वन’ निराश करती है। उम्मीद है कि मणिरत्नम फिल्म के दूसरे भाग में इसकी कमी पूरी करेंगे।

कलाकारों की एक्टिंग की बात करें, तो फिल्म में कार्ति ने जबरदस्‍त काम किया है। शुरुआत से लेकर आखिर तक वह पूरे रंग में दिखते हैं। वहीं जयम रवि की एंट्री सेकंड हाफ में होती है। उन्होंने बेहतरीन एक्टिंग की है। चियान विक्रम को फिल्म के पहले भाग में ज्यादा मौका नहीं मिला। बावजूद इसके वह स्क्रीन पर दमदार दिखते हैं। ऐश्वर्या राय बच्चन हमेशा की तरह आकर्षक लगी हैं। वहीं तृषा कृष्णन भी चतुर राजकुमारी के रोल में जंचती हैं।

फिल्म का खूबसूरत संगीत एआर रहमान ने दिया है। जबकि रविवर्मन की सिनेमटोग्राफी कमाल की है। इसके हिंदी में डायलॉग नई वाली हिंदी के सुप्रसिद्ध् लेखक दिव्य प्रकाश दुबे ने लिखे हैं। वह इस तमिल महागाथा को आसान संवादों के जरिए हिंदी के दर्शकों तक पहुंचाने में पूरी तरह कामयाब हुए हैं।

क्‍यों देखें- अगर आप चोल साम्राज्य की महागाथा के भव्य स्वरूप को देखना चाहते हैं, तो इस वीकेंड सिनेमाघर जा सकते हैं।

क्‍यों न देखें- अगर आप कुछ बहुत ज्यादा धमाकेदार देखने की उम्मीद लेकर सिनेमा जा रहे हैं, तो यह फिल्म आपको निराश कर सकती है।