फिर हिंसा की आग में बंगाल, तृणमूल कांग्रेस नेता की हत्या के बाद फूंके घर; 10 लोग जिंदा जले

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फिर हिंसा की आग में बंगाल, तृणमूल कांग्रेस नेता की हत्या के बाद फूंके घर; 10 लोग जिंदा जले

विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा झेलने वाले बंगाल में एक बार फिर से वही दौर शुरू होता दिख रहा है। सोमवार को टीएमसी के एक पंचायत नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा में 10 लोगों की मौत की खबर है। इन लोगों के घरों को आग लगा दी गई थी, जिसमें वे जिंदा जलकर मर गए। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने की भी खबर है। पुलिस ने कहा कि बीरभूम जिले की बारशल ग्राम पंचायत के उप-प्रधान भादू शेख की सोमवार को हत्या कर दी गई थी। उसके बाद ही रात को यह आगजनी कांड हुआ, जिसमें 10 लोग जिंदा जल गए। भादू शेख बोगतुई गांव के रहने वाले थे। 

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह आगजनी टीएमसी के एक गुट के सदस्यों की ओर से की गई है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज किया है। बीरभूम जिले के टीएमसी के अध्यक्ष अनुब्रत मंडल ने मंगलवार दोपहर को दावा किया कि यह आग हिंसा के दौरान नहीं लगाई गई है। उन्होंने कहा कि यह आगजनी शॉर्ट सर्किट के चलते हुई थी और उसी की वजह से घरों में आग लग गई। टीएमसी कार्यकर्ताओं की ओर से हमले की बात को खारिज करते हुए मंडल ने कहा, ‘शॉर्ट सर्किट के चलते लोगों के घरों में आग लग गई थी और उससे ही मौतें हुई हैं। सोमवार की रात को कोई हिंसा नहीं हुई थी।’

फायर ब्रिगेड कर्मचारी बोले- हमें आग बुझाने से भी रोका गया

फायर ब्रिगेड के एक कर्मचारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि उन्होंने कम से कम 10 घरों को आग से बर्बाद पाया है। उन्होंने कहा, ‘हमें कुछ स्थानीय लोगों ने आग बुझाने से भी रोका। अब तक हमें एक घर से 7 शव मिल चुके हैं। वह इतनी बुरी तरह से जले हैं कि यह भी नहीं पहचान हो पाई कि मरने वाले पुरुष थे, महिला थे या फिर नाबालिग हैं।’ फिलहाल मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है और इलाके की घेराबंदी कर ली गई है। ममता सरकार में मंत्री फिरहाद हाकिम और रामपुर हाट के विधायक आशीष बनर्जी मौके पर पहुंच रहे हैं। 

बाइक सवार 4 लोगों ने की थी शेख की हत्या

टीएमसी के पंचायत लीडर भादू शेख पर मोटर साइकिल सवार 4 लोगों ने हमला किया था। हमलावरों के चेहरे ढंके हुए थे, इसलिए उनकी पहचान नहीं हो सकी। गोलियां मारे जाने के तुरंत बाद शेख को रामपुर हाट के सरकारी अस्पातल में ले जाया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। कहा जा रहा है कि यह घटना टीएमसी के ही दो गुटों के बीच जारी प्रतिद्वंद्विता के चलते हुई है। इसी के चलते बड़ी संख्या में घरों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें आग के हवाले कर दिया गया।

 





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