फावड़ा-गैंती के भरोसे आपदा प्रबंधन, सिर्फ रेस्क्यू में दिखाई देती है मशीनरी | Disaster management based on shovel-pickle | Patrika News

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फावड़ा-गैंती के भरोसे आपदा प्रबंधन, सिर्फ रेस्क्यू में दिखाई देती है मशीनरी | Disaster management based on shovel-pickle | Patrika News

फावड़ा-गैंती के भरोसे आपदा प्रबंधन, सिर्फ रेस्क्यू में दिखाई देती है मशीनरी | Disaster management based on shovel-pickle | Patrika News

संवेदनशील क्षेत्र- 05 एक दिन में शिकायतें- 60 आपदा सामग्री- मड पम्प, माउंटेन चेन, जेसीबी, क्रेन, गेंती-फावड़ा

जबलपुर. बारिश के दौरान पानी भरने, पेड़ गिरने, बिजली लाइन टूटने आदि समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए नगर निगम ने आपदा प्रबंधन के तहत कंट्रोल रूम स्थापित किया है, जिससे शिकायत मिलते ही राहत कार्य किया जाए। इसके लिए कंट्रोल रूम में साथ 16 जोन कार्यालय को राहत कार्य की जिम्मेदारी सौंपी है लेकिन जोन कार्यालयों की हालत यह है कि इन जगहों पर मौजूद अमला दिखाई ही नहीं देता है। सम्भावित क्षेत्रों में लोगों से बातचीत में यह सामने आया है कि वहां अमला बहुत विलम्व से पहुंचता है, जिससे पानी घरों तक पहुंच जाता है।

नगर निगम के फायरबिग्रेड कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह 15 जून को स्थापित कर दिया गया था। इसमें राउंड दी क्लॉक कार्य किया जा रहा है। सूचना मिलते पर सबंधित जोन कार्यालय को सूचना दी जा रही है। कंट्रोल के मुताबिक 29 जून को पहली बारिश ने शहर को हिलाकर रख दिया था, जहां एक ही दिन में करीब 60 शिकायतें आई थीं। शिकायतों में पानी भरने, झाड़ गिरने, बिजली तार टूट जाने आदि थीं। इसके जोन कार्यालयों के माध्यम से निपटारा किया गया था। कंट्रेाल को अब तक करीब 100 शिकायतें मिली हैं, जिन पर काम किया गया है।

नहीं उठता फोन संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों का कहना था कि बारिश के दौरान पानी भरने की समस्या सबसे अधिक है। इसके लिए कंट्रोल के साथ सीएसआई को फोन लगाया जाता है लेकिन वे फोन नहीं उठाते हैं। लोगों से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि…

दमोहनाका शिवनगर के सुनील जैन का कहना है कि तीन दिन पहले बारिश में पानी निकल नहीं रहा था, सीएसआई को फोन लगाते रहे लेकिन फोन नहीं उठाते हैं। हरदौल मंदिर के अखिलेश गुप्ता का कहना है कि जरा सी बारिश में यहां पानी भरता है लेकिन उसे निकालने कोई नहीं आया।

सिविल लाइन में कार पर एक पेड़ गिर गया था, जिसे उठाने अमला आया लेकिन काफी विलम्ब से पहुंचा था। गढ़ा के शिवनगर में राजेश सक्सेना का कहना था कि यहां तो हम परेशान हो चुके हैं। पानी भरने पर सूचना देते हैं। गेंती-फावड़ा लेकर आ जाते हैं। कचरा हटा देते हैं लेकिन मशीन से यहां सफाई नहीं की जाती है।

बारिश के दौरान विषम स्थिति में कंट्रोल से रेस्क्यू किया जाता है। भारी बारिश के दौरान पानी भरने वाले सम्भवित क्षेत्रों में हमारी टीम पहुंचती है। अन्य शिकायतों को जोन कार्यालय के माध्यम से हल किया जाता है।

कुशाग्र ठाकुर, प्रभारी, आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम, नगर निगम



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