फर्राटेदार इंग्लिश बोलकर विदेशियों को चूना लगाने वाला गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे, जानिए कैसे करते थे ऑनलाइन ठगी?

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फर्राटेदार इंग्लिश बोलकर विदेशियों को चूना लगाने वाला गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे, जानिए कैसे करते थे ऑनलाइन ठगी?

फर्राटेदार इंग्लिश बोलकर विदेशियों को चूना लगाने वाला गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे, जानिए कैसे करते थे ऑनलाइन ठगी?


गाजियाबाद: इंदिरापुरम पुलिस ने छापा मार कॉल सेंटर चलाकर विदेशों में ठगी करने वाले एक गिरोह के 14 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि मामले में 10वीं पास शातिर एनसीआर में बैठकर अमेरिका के लोगों को टेक सपोर्ट देने के नाम पर उनकी जेब काट रहा था। एडीसीपी क्राइम विवेक चंद्र ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी करीब दो साल से दिल्ली और नोएडा जैसी लोकेशन पर काम कर रहे थे। विवेक चंद्र ने बताया इन लोगों ने दो दिन पहले ही इंदिरापुरम के ज्ञान खंड-2 में अपना सेटअप लगाया था। उनके बारे में जानकारी मिलने पर इंदिरापुरम पुलिस की टीम ने यहां छापा मारा और 14 लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने बताया कि गैंग का सरगना विजय तलवार महज 10वीं पास है। वह करीब दो साल से अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर ठगी का यह बिजनेस चला रहा था। विजय के साथ संजय, सार्थक, मयंक, नोएल, लोकेंद्र, विपिन, प्रशांत, आशु, ध्रुव, आकिब, मनमीत, अभिषेक और मोहित को पकड़ा गया है। सभी आरोपी गाजियाबाद और दिल्ली के रहने वाले हैं।

तीन गैंग एक साथ कर रहे हैं काम

एडीसीपी ने बताया कि यह बहुत बड़ा नेटवर्क है। इसमें कोई एक गैंग काम नहीं कर रहा। हर काम की जिम्मेदारी अलग-अलग गैंग की है। शातिरों को दूसरी टीम से एक लिंक दिया जाता है। उस लिंक पर कॉल आती है। जहां वे अमेरिकी नागरिकों से सिस्टम अपडेट के साथ उसमें आ रहे एरर को ठीक करने के नाम पर ठगी करते हैं। इसमें गैंग में उन लोगों को ही रखा गया था जो फर्राटेदार इंग्लिश बोल लेते हैं। इंटरनैशनल कॉल करने के बाद वे रिमोट ऐप को इंस्टॉल करवाकर सिस्टम को हैक कर लेते हैं। इसके बाद उस सिस्टम को ठीक करने के बदले में रुपयों की डिमांड करते हैं।

हर दिन करते हैं 150 से 200 कॉल

एडीसीपी ने बताया गैंग को हर दिन लिंक मिलता है। इस लिंक पर रोजाना 150 से 200 कॉल कनेक्ट होती हैं। ये सभी अमेरिकी नागरिक होते हैं। पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से 17 कंप्यूटर सिस्टम और 19 मोबाइल मिले हैं। सभी के डेटा को चेक किया जा रहा है। साथ ही इस गैंग की मदद करने वाले दूसरे गैंग के सदस्यों के बारे में भी जानकारी की जा रही है।

टोल फ्री नंबर पर करते थे बातचीत

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों के पास एक टोल फ्री नंबर भी था। कॉल के दौरान वही नंबर कनेक्ट होता था। इसके अलावा ठगों के तीसरे गैंग की जिम्मेदारी पेमेंट को इधर से उधर करने की होती है। वह जेल, वेन्नो जैसे गेटवे का प्रयोग करते हैं। पेमेंट के बिटकॉइन में भी कन्वर्ट होने की जानकारी पुलिस को मिली है। जिसके बाद पुलिस उसे भी चेक कर रही है। अभी तक मिले ट्रांजैक्शन के संबंध में विदेशी कनेक्शन ही निकल रहा है।

सैलरी के साथ एक फीसदी कमीशन

पूछताछ में पुलिस को जानकारी हुई कि गैंग कॉल सुनने के लिए रखे गए युवकों को सैलरी के साथ एक व्यक्ति को फंसाने के बाद उससे मिलने वाले रुपये का एक फीसदी कमीशन भी देता था। आरोपी गेटवे पेमेंट के अलावा गिफ्ट कार्ड से भी पैसे लेते थे। फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर और जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।

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