फर्जी एनकाउंटर में मृत्यु के छह महीने बाद UP पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश, Agniveer की कर रहा था तैयारी

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फर्जी एनकाउंटर में मृत्यु के छह महीने बाद UP पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश, Agniveer की कर रहा था तैयारी

फर्जी एनकाउंटर में मृत्यु के छह महीने बाद UP पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश, Agniveer की कर रहा था तैयारी


आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में फर्जी मुठभेड़ में मध्य प्रदेश के युवक की मौत का मामला गरमा गया है। दरअसल, आगरा के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पुलिस को फेक एनकाउंटर का केस दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट की ओर से एफआईआर दर्ज करने के आदेश के बीच पुलिस की ओर से इस मामले में कानूनी राय ली जा रही है। यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के एक 20 वर्षीय युवक को फेक एनकाउंटर में गोली मारने का है। 20 वर्षीय युवक अग्निवीर बनने की तैयारी कर रहा था। कथित तौर पर फेक एनकाउंटर में युवक को तीन गोली लगी। गंभीर रूप से लहूलुहान युवक को अस्पताल ले जाया गया। वहां खून की जरूरत पड़ी तो पुलिसकर्मियों ने रक्तदान भी कियाद्ध। हालांकि, युवक को बचाया नहीं जा सका। मारे गए युवक आकाश गुर्जर की मां ममता देवी ने मरने से पहले बेटे से हुई बातचीत के बारे में बताती हैं। वे कहती हैं कि बेटे ने कहा, सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों ने उसका अपहरण कर लिया है। वह नहीं जानता था कि यह क्या और क्यों हो रहा है?

क्या है पूरा मामला?

आकाश की मां का दावा है कि पुलिस ने उनके बेटे को अगवा किया और नजदीक से गोली मारी। आगरा के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने पुलिस को कथित फेक एनकाउंटर केस में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश के बाद छह महीने पुराना यह मामला एक बार फिर से जीवित हो गया है। कोर्ट ने आगरा के पुलिस कमिश्नर प्रीतिंदर सिंह को मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने का भी निर्देश दिया है। इस मामले में कहा जा रहा है कि आगरा में अपने चचेरे भाई के घर जा रहे आकाश गुर्जर को यूपी पुलिस की एक टीम ने नजदीकी रेंज से तीन गोलियां दागी। इससे आकाश गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे एंबुलेंस में एसएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। इमरजेंसी वार्ड में प्रारंभिक उपचार के दौरान डॉक्टरों ने पुलिसकर्मियों से कहा था कि मरीज की स्थिति गंभीर। तुरंत ब्लड चढ़ाना होगा। इसके लिए जरूरी ब्लड की व्यवस्था करें।

पुलिसकर्मियों ने इसके बाद स्वयं रक्तदान किया था। इस मामले में एक डॉक्टर ने कहा कि मरीज को दोनों जांघों और पेट के बाईं ओर गोली लगी थी। गोलियां काफी करीब से चलाई गई थीं। मरीज को अत्यधिक खून की कमी हो गई थी। मरीज के परिवार से कोई भी मौजूद नहीं था। डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में स्थिति का जायजा लेने आए सीनियर पुलिस अधिकारियों को ‘ए’ पॉजिटिव ब्लड की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था। सात यूनिट रक्त पुलिसकर्मियों ने दान किया गया। इसे रोगी को चढ़ाया गया। बाद में उसे उच्च चिकित्सा सुविधा के लिए लखनऊ भेजा गया। आकाश ने लखनऊ के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया।

तीन भाइयों में सबसे बड़ा था आकाश

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के गढ़ौरा गांव का रहने वाला आकाश तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। उनके माता-पिता चंबल के बीहड़ों में छोटे-मोटे किसान हैं। उनकी मां ममता देवी ने आरोप लगाया कि आगरा में पुलिस ने उन्हें अपने घायल बेटे के साथ बात करने की अनुमति नहीं दी, जब उसका इलाज चल रहा था। उन्होंने कहा कि लखनऊ अस्पताल में मरने से पहले उसने मुझे बताया था कि जब वह एक बस से नीचे उतरा तो सादे कपड़ों में पुलिस ने उसका अपहरण कर लिया। उसे एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया और पुलिस ने गोली मार दी। उसे नहीं पता था कि क्या हो रहा है और क्यों हो रहा है।

26 सितंबर को घर से निकला था आकाश

26 सितंबर 2022 की शाम को अग्निवीर की तैयारी करने वाले अपने चचेरे भाई विष्णु के साथ आगरा में रहने और सेना भर्ती की तैयारी करने के लिए घर से निकला था। अगले दिन यानी 27 सितंबर को उसके माता-पिता को पता चला कि वह अपने भाई के घर नहीं पहुंचा। एक एनकाउंटर में गंभीर रूप से घायल हो गया है। पुलिस ने उस समय दावा किया था कि आकाश अवैध रेत खनन में शामिल था। मुठभेड़ की सूचना मिलने के बाद आकाश के खिलाफ इरादत नगर थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की गई। उसके माता-पिता ने इन आरोपों को खारिज करते हैं। इस बीच कोर्ट के आदेश के बाद फर्जी मुठभेड़ के आरोपों पर पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। एसएचओ राजेश कुमार का कहना है कि हम मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं।

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