पढ़ाने का वादा कर बच्ची को लाकर बेंगलुरु भेज दिया, वहां हो रही मारपीट | Promising to teach, the girl was brought and sent to Bangalore. | Patrika News

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पढ़ाने का वादा कर बच्ची को लाकर बेंगलुरु भेज दिया, वहां हो रही मारपीट | Promising to teach, the girl was brought and sent to Bangalore. | Patrika News

पढ़ाने का वादा कर बच्ची को लाकर बेंगलुरु भेज दिया, वहां हो रही मारपीट | Promising to teach, the girl was brought and sent to Bangalore. | Patrika News

‘ इंद्रपुरी कॉलोनी, ग्वारीघाट निवासी सतेंद्र शर्मा पढ़ाने का वादा कर मेरी 14 वर्षीय बेटी को अपने घर ले आया। फिर उसे बेंगलुरु में अपने बेटी दामाद के यहां भेज दिया। जहां उसे बंधक बनाकर मारपीट की जा रही है। ‘ मप्र हाईकोर्ट में बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर एक पिता ने यह गुहार लगाई। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने डीजीपी, जबलपुर एसपी व ग्वारीघाट टीआई सहित अन्य को निर्देश दिए कि एक सप्ताह के अंदर बच्ची को बेंगलुरु से लाकर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाए।

जबलपुर

Updated: July 15, 2022 11:42:13 am

बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका में नाबालिग किशोरी के पिता की गुहार, हाईकोर्ट ने एक सप्ताह में लाकर पेश करने के दिए निर्देश
जबलपुर।
‘ इंद्रपुरी कॉलोनी, ग्वारीघाट निवासी सतेंद्र शर्मा पढ़ाने का वादा कर मेरी 14 वर्षीय बेटी को अपने घर ले आया। फिर उसे बेंगलुरु में अपने बेटी दामाद के यहां भेज दिया। जहां उसे बंधक बनाकर न केवल तकलीफ दी जा रही है, बल्कि मारपीट भी की जा रही है। ‘ मप्र हाईकोर्ट में बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर एक पिता ने यह गुहार लगाई। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की डिवीजन बेंच ने डीजीपी, जबलपुर एसपी व ग्वारीघाट टीआई सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए कि एक सप्ताह के अंदर बच्ची को बेंगलुरु से लाकर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाए।
सिविल लाइंस निवासी संजय सेन ( परिवर्तित नाम) ने यह बन्दी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। अधिवक्ता ब्रह्मानन्द पांडे, विपुल वर्धन जैन ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता का इंद्रपुरी कॉलोनी ग्वारीघाट निवासी सतेंद्र शर्मा से परिचय हुआ। वह खुद को निजी कम्पनी प्राइवो में मैनेजर बताता है। याचिकाकर्ता ने बातचीत के दौरान सतेंद्र को बताया कि उसकी 6 संतान हैं। लेकिन उसकी आमदनी कम है। इस पर सतेंद्र ने उसे कहा कि वह उसकी एक बच्ची को पढा सकता है। यह वादा कर सतेंद्र याचिकाकर्ता की 14 वर्षीय बच्ची को अपने घर ले आया। कुछ दिनों तक यहां रखने के बाद उसने बच्ची को अपनी बेटी नीलम व दामाद वीके शर्मा के पास इंद्रप्रस्थ रोड बंगलुरू भेज दिया। इधर काफी दिनों से बच्ची के हालचाल नही मिले तो उसने पता लगाया। जब उसे पता चला कि बच्ची बेंगलुरू में है तो उसने सतेंद्र के बेटी दामाद का फोन नम्बर लेकर वीडियो कॉल पर बेटी से बात की। उनके डर के मारे बेटी ने याचिकाकर्ता को कुछ नहीं बताया। लेकिन बाद में स्थानीय व्यक्ति की मदद लेकर उसने पिता को फोन किया। उसने याचिकाकर्ता को बताया कि बंगलुरू में उसे बंधक बनाकर रखा गया है। खाना नहीं दिया जाता। बाहर भी नहीं निकलने दिया जाता। उसके साथ लगातार मारपीट की जाती है।
पुलिस थाने में बदसलूकी-
अधिवक्ता पांडे ने कोर्ट को बताया कि यह जानकारी मिलने पर जब वह सतेंद्र के पास गया तो उसने साफ कह दिया कि जो करना हो कर लो। पुलिस को सूचना देने पर थाने में भी उससे दुर्व्यवहार किया गया और भगा दिया गया। उसने एसपी को सूचना दी, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने बच्ची को लाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 22 जुलाई नियत की गई।

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