प्रिंसिपल के 244 खाली पदों पर LG ने लगाई रोक: सिसोदिया

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प्रिंसिपल के 244 खाली पदों पर LG ने लगाई रोक: सिसोदिया

प्रिंसिपल के 244 खाली पदों पर LG ने लगाई रोक: सिसोदिया


विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि एलजी ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 244 प्रिंसिपल की पोस्ट पर भर्ती यह कहकर रोक दी है कि पहले स्टडी कराई जाए कि वहां प्रिंसिपल होने चाहिए या नहीं। रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिसोदिया ने कहा कि एलजी ने 126 प्रिंसिपल की पोस्ट तो सैंक्शन कर दी, लेकिन 244 पोस्ट पर भर्ती पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि ये 5 साल से खाली पड़ी हैं, तो स्टडी करवा लें कि प्रिंसिपल चाहिए या नहीं। सिसोदिया ने कहा कि इन स्कूलों को भी प्रिंसिपल चाहिए। हमें वाइस प्रिंसिपल से स्कूल चलाने पड़ रहे हैं। इस पर क्या स्टडी होगी? उन्होंने एलजी से अनुरोध किया कि यह बच्चों का भविष्य का मसला है। स्कूलों में भी प्रिंसिपल की पोस्ट सैंक्शन की जाए।

‘सर्विसेज पर कब्जा नहीं होता, तो महीने में भर गई होती पोस्ट’

रविवार को सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के एलजी ऑफिस से शनिवार को बयान जारी किया गया कि एलजी ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के लिए 126 प्रिंसिपल्स की नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया है। यह भी दावा किया गया कि इसे दिल्ली सरकार रोक कर बैठी थी। यह बयान झूठ का पुलिंदा, हास्यास्पद और दुखद भी है। वो किस तरह से झूठ बोलते हैं, तथ्यों को छिपाते हैं। केंद्र सरकार ने असंवैधानिक तरीके से दिल्ली सरकार के सर्विसेज डिपार्टमेंट पर कब्जा किया हुआ है। अगर एलजी, केंद्र सरकार ने यह कब्जा नहीं किया होता, तो दिल्ली सरकार के एक-एक स्कूल में आज परमानेंट प्रिंसिपल होते। 8 साल नहीं लगते और एक महीने में ही पोस्ट भर जाती। हम वाइस प्रिंसिपल से काम चला रहे हैं।

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‘2015 से अटका है भर्ती का मामला’

सिसोदिया ने कहा कि यह सारा मसला 8 साल से रुका है। 2015 में जब हमारी सरकार बनी, उस वक्त सर्विसेज डिपार्टमेंट सीएम अरविंद केजरीवाल के पास था। मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री फैसले लेते थे। उस दौरान हमने 5 साल से लटके कुछ अपॉइंटमेंट भी कराए। 370 प्रिंसिपल्स पोस्ट का प्रस्ताव हमने यूपीएससी के पास भेजा, मगर उसी दौरान इन्होंने सर्विसेज डिपार्टमेंट में कब्जा कर लिया। यूपीएससी ने भर्ती पर कुछ सवाल पूछे थे मगर मुझे बिना फाइल दिखाए यूपीएससी को जवाब भेजे गए, जिससे यूपीएससी संतुष्ट नहीं हुआ। 8 साल से इन्होंने यूपीएससी के साथ ठीक से डील नहीं किया। दो साल पहले जब और प्रिंसिपल्स रिटायर हुए, तो गैर औपचारिक ढंग से मैंने यूपीएससी के अधिकारियों से बातचीत की और इन पोस्ट को फिर से भरने की प्रक्रिया शुरू हुई। पिछले एक साल में दिल्ली सरकार के प्रयासों से 363 प्रिंसिपलों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई है। इन दिनों इंटरव्यू चल रहे हैं। सिसोदिया का कहना है कि सर्विसेज डिपार्टमेंट ने एलजी का आदेश बताते हुए शिक्षा मंत्री के अलावा 15-20 बार विधानसभा तक को भर्ती से जुड़ी कोई भी जानकारी देने से मना कर दिया।

सिसोदिया ने कहा कि जब एलजी के पास फाइल भेजी गई, तो 370 में से उन्होंने 126 पोस्ट तो सैंक्शन कर दी मगर 244 पोस्ट रोक दी। यह कहते हुए कि स्टडी करवाई जाए कि प्रिंसिपल चाहिए या नहीं। इस पर क्या स्टडी होगी? इसे दादागिरी बताते हुए डिप्टी सीएम ने कहा, यह असंवैधानिक ही नहीं अंसवेनदशील भी है। उन्होंने कहा कि क्या स्कूलों की स्टडी के बजाय यह स्टडी नहीं होनी चाहिए कि दिल्ली को एलजी की पोस्ट चाहिए या नहीं?

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