प्रदेश के सबसे बड़े वोट बैंक के लिए क्या है बीजेपी-कांग्रेस की रणनीति? किसानों के पास है सत्ता की चाबी

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प्रदेश के सबसे बड़े वोट बैंक के लिए क्या है बीजेपी-कांग्रेस की रणनीति? किसानों के पास है सत्ता की चाबी

प्रदेश के सबसे बड़े वोट बैंक के लिए क्या है बीजेपी-कांग्रेस की रणनीति? किसानों के पास है सत्ता की चाबी

भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को पांच महीने से भी कम समय बचा है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस पूरी ताकत झोंक रहे हैं। भाजपा का मकसद सत्ता बचाए रखना है, वहीं कांग्रेस भाजपा का किला ढहाने के लिए प्रयास कर रही है। इस बीच, कई मुद्दे हैं, जिनपर दोनों ही दल फोकस कर रहे हैं। इनमें से एक किसानों का मुद्दा भी है। कमाल की बात यह है कि किसानों के मुद्दे पर वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने सरकार भी बना ली थी, लेकिन वह सरकार डेढ़ साल ही चल पाई। अब फिर विधानसभा 2023 के लिए मतदान होना है। इस बार भी किसानों का मुद्दा गर्माया हुआ है। भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही किसानों के लिए कई ऐलान कर रहे हैं। नवभारत टाइम्स डॉट कॉम आपको बता रहा है कि इस बार किसान कैसे चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बन रहा है।

करीब 70 लाख किसान कृषि कार्य कर रहे हैं, वहीं, 25 लाख से अधिक ऐसे किसान हैं, जो आधिकारिक रूप से दर्ज नहीं हैं। कुल मिलाकर देखा जाये तो प्रदेश में 1 करोड़ से अधिक नागरिक ऐसे हैं जो किसान और कृषि कार्यों में जुड़े हैं। इसमें 1 हैक्टेयर यानि करीब ढाई एकड़ तक जोत सीमा वाले सीमांत किसान 38 लाख 91 हजार हैं। 1 से 2 हैक्टेयर जोत सीमा वाले किसानों की संख्या 24 लाख 49 हजार है। इस लिहाज से प्रदेश में 48.3 प्रतिशत सीमान्त कृषक हैं, जबकि 27.15 प्रतिशत लघु कृषक हैं। सरकार की मुख्य योजनाओं का लाभ इन्हें ही मिलता है।

किसानों का वोट शास्त्र
अमूमन एक किसान परिवार में 2 से 3 सदस्य भी हुए तो किसान परिवार की संख्या कुल मिलाकर 3 करोड़ हो सकती है। राज्य में 5 करोड़ 40 लाख 94 हजार 746 से अधिक मतदाता हैं। इस लिहाज से यह माना जा सकता है कि प्रदेश में किसानी कार्यों से जुड़े मतदाताओं की संख्या करीब 2.5 करोड़ हो जाती है। यह संख्या कुल मतदाताओं की संख्या की आधी है। साफ है कि प्रदेश में सरकार बनाने और बिगाड़ने में किसान सबसे बड़ी भूमिका अदा करेंगे।

भाजपा सरकार की योजनाएं
मध्य प्रदेश में साल 2018 के चुनावों के बाद अगर डेढ़ साल का समय छोड़ दिया जाये (तब कमल नाथ सीएम थे) तो पिछले करीब 18 साल से बीजेपी सरकार है। मध्य प्रदेश में साल 2005 में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद किसानों के लिए कई योजनाएं संचालित की गईं, जो अब भी जारी हैं।

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1. शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज
प्रदेश में किसानों को सहकारी समीतियों के माध्यम से पिछले कई वर्षों से शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज दिया जा रहा है। किसानों को सरकार की ओर से 3 लाख रुपये तक के कर्ज पर सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। किसानों को कृषि जरूरतों के लिए अल्पावधि ऋण (Short Term Loans) मिलता है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम को बताया कि साल वर्ष 2020—21 में 30 लाख 42 हजार किसानों को यह लोन दिया गया था।

2. किसान कल्याण योजना
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत भाजपा सरकार किसानों को प्रतिवर्ष 4 हजार रुपये देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसान कल्याण योजना के तहत दिये जा रहे 6 हजार रुपये से यह राशि अलग होती है। इस प्रकार मध्य प्रदेश में किसानों को प्रतिवर्ष कुल 10 हजार रुपये की राशि दी जा रही है।

3. मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों के लिए हाल ही में ‘मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना’ प्रारंभ की है। इस योजना के तहत सरकार उन किसानों की ब्याज राशि जमा कर रही है, जो किसी वजह से ब्याज नहीं भर पाये और डिफाल्टर हो गए। अब सरकार उनका ब्याज स्वयं भर रही है।

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किसानों के लिए कांग्रेस का ऐलान
मध्य प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस किसानों को अपनी ओर खींचने के लिए बड़ा दांव चल चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ हर एक-दो दिन में किसानों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की जिक्र करते दिखते हैं। 6 जून 2023 के कमल नाथ ने मंदसौर में एक विशाल रैली की, यह रैली उस जगह पर की गई, जहां पर 6 जून 2017 को सुरक्षाकर्मिंयों की गोलीबारी में 5 किसानों की मौत हो गई। एक किसान पुलिस हिरासत में मारा गया था। अब कमल नाथ समझ चुके हैं कि किसानों के दम पर ही सरकार बनाई जा सकती है। मध्य प्रदेश किसान कांग्रेस प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केदार सिरोही नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से बताते हैं कि कमलनाथ ने जमीनी मॉडल बनाया गया है। किसानों को तत्काल राहत मिले, इसके लिए कर्जमाफी की जाएगी। शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत नकली दवाओं का कारोबार को बंद किया जाएगा,किसानों की लागत कम की जाएगी, मंडियों में हो रही मनमानी को रोका जाएगा, किसानों की फसल नुकसानी का सही आंकलन किया जाएगा।

1. किसानों का कर्ज माफ
मध्य प्रदेश कांग्रेस लगातार ऐलान कर रही है कि अगर मध्य प्रदेश में उसकी सरकार बनी तो मध्य प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा, जबकि कांग्रेस ने यह ऐलान किया है। साल 2018 के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस ने कर्जमाफी का वादा किया और सरकार बनाई। सरकार करीब डेढ़ साल रही। तब तक कुछ किसानों का कर्ज जरूर माफ हुआ, लेकिन सरकार गिरते ही वह प्रक्रिया बंद हो गई थी। अब इस चुनाव में पार्टी इस योजना की बात फिर से कर रही है।

Shivraj Singh Chouhan

2. शुद्ध के लिए युद्ध
मध्य प्रदेश कांग्रेस का ऐलान है कि अगर उनकी सरकार बनी तो प्रदेश में ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत प्रदेश में फैले नकली खाद, बीज के रैकेट का भंडाफोड़ किया जाएगा। कांग्रेस का आरोप है कि मध्य प्रदेश में नकली खाद, बीज का बड़ा जाल फैला है। इससे किसानों को नुकसान हो रहा है।

3. मंडियों की मनमानी रोकी जाएगी
केदार सिरोही बताते हैं कि वर्तमान समय में भाजपा सरकार ने ऐसी नीतियां बनाईं हैं जो किसानों के लिए नुकसान सौदा हैं। कांग्रेस सरकार मंडियों की नीतियों में बदलाव करेगी, इससे किसानों को सही मूल्य मिलेगा।

रिपोर्ट- दीपक राय

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