पैक्स को मिल सकती है पेट्रोलियम उत्पाद बेचने, पीडीएस की दुकानें खोलने की अनुमति

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पैक्स को मिल सकती है पेट्रोलियम उत्पाद बेचने, पीडीएस की दुकानें खोलने की अनुमति

पैक्स को मिल सकती है पेट्रोलियम उत्पाद बेचने, पीडीएस की दुकानें खोलने की अनुमति

नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) केंद्र ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस या पैक्स) को उनके नियमित कार्यों के अलावा पेट्रोलियम उत्पादों की डीलरशिप, पीडीएस की दुकानें चलाने तथा अस्पताल एवं शैक्षणिक संस्थान विकसित करने जैसी गतिविधियों की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है।

इस संबंध में सहकारिता मंत्रालय ने ‘पैक्स के आदर्श उपनियमों’ का मसौदा तैयार किया है, जिसपर उसने 19 जुलाई तक राज्य सरकारों और अन्य अंशधारकों से सुझाव मांगे गए हैं।

मौजूदा ढांचा, पैक्स को अपने मुख्य व्यवसाय के अलावा अन्य क्षेत्रों में विविधता लाने की अनुमति नहीं देता है।

आदर्श उप-नियमों के मसौदे के तहत पैक्स को बैंक मित्र और सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) के रूप में काम करने की अनुमति देने, शीत भंडारगृह और गोदाम की सुविधा प्रदान करने, पीडीएस की दुकानें स्थापित करने के अलावा डेयरी, मत्स्य पालन, सिंचाई और हरित ऊर्जा क्षेत्र में काम करने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है।

मसौदे में यह भी कहा गया है कि पैक्स को शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और पर्यावरण और सतत विकास गतिविधियों के क्षेत्र में समुदाय आधारित सेवा प्रदान करने की अनुमति होगी।

मसौदे के अनुसार, समिति का उद्देश्य, अपने सदस्यों को कृषि से संबंधित विकास गतिविधियों के लिए समय पर और पर्याप्त अल्पकालिक और मध्यम अवधि का ऋण प्रदान करना है।

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को 100वें अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के उपलक्ष्य में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पैक्स के लिए मॉडल उपनियमों का मसौदा तैयार किया है और राज्य सरकारों से सुझाव मांगे हैं। पैक्स राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है।

उन्होंने कहा कि पैक्स के कंप्यूटरीकरण से उनके समग्र कामकाज में पारदर्शिता आएगी, जिसमें लेखांकन और बहीखाता पद्धति भी शामिल है।

केंद्र ने बुधवार को अपने संचालन में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही में सुधार के लिए 2,516 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ अगले पांच वर्षों में सभी कार्यात्मक 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को कंप्यूटरीकृत करने का निर्णय किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) द्वारा अनुमोदित योजना, पैक्स को अपने व्यवसाय में विविधता लाने और कई गतिविधियों और सेवाओं को शुरू करने की सुविधा प्रदान करेगी।

मौजूदा समय में, अधिकतर पैक्स ने अपने संचालन का कंप्यूटरीकरण नहीं किया है और वे ‘मैन्युअल’ रूप से कार्य कर रहे हैं।

पैक्स के लिए आदर्श उपनियमों के अलावा सरकार एक नई सहकारिता नीति पर काम कर रही है, एक विश्वविद्यालय स्थापित कर रही है और सहकारी समितियों का ‘डाटाबेस’ विकसित कर रही है।

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